यदि आपको अचरज होता है कि आपकी लेखन परियोजनाएँ क्यों इतना समय लेती हैं या अपूर्ण भी रह जाती हैं जब आप दूसरी चीजों की ओर बढ़ जाते हैं, तब संभवतः आप अत्यधिक परिश्रम कर रहे हैं। अत्यधिक परिश्रम करना, या अपने-आप को लिखने के लिए बाध्य करना अच्छे और उत्पादक कार्य के लिए एक बड़ी बाधा हो सकते हैं। तथापि, कुछ सरल व्यवस्थापन संबंधी चालों के साथ इस समस्या से पार पाने के लिए उपाय एवं साधन हैं।
1. सूचियाँ तथा अनुसूचियाँ बनाइए
सूचियाँ बनाना आपको इस पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है कि क्या करने की आवश्यकता है। जब आप काम होने पर सूची से किसी नग को काट देते हैं, तब अच्छा लगता है और यह अहं-वर्धक है। एक बार जब आपके पास देखने के लिए प्रगति कर रहे पूरे कार्य की सूची होती है, तब आप किसी अवधि के दौरान अपने कार्य की एक प्रभावी संरचना तैयार कर सकते हैं। सूची बनाने के बाद आपको पहला काम करने की आवश्यकता है विभिन्न नियत कार्यों को प्रबंधन-योग्य टुकड़ों में विभाजित करना। जो भी सब-कुछ करना है उसकी रूपरेखा बना लीजिए, और एक स्थूल अनुसूची तैयार कीजिए। जितनी निकटता से हो सके उस अनुसूची के साथ लगे रहिए, यद्यपि अवश्य ही, कभी-कभी आपको इस अनुसूची का अतिक्रमण करने की आवश्यकता पड़ेगी।
2. एकांतता पर बल दीजिए
जब-तक आप पहले से ही धनी तथा प्रसिद्ध लेखक नहीं हैं, तब-तक आपके लेखन को साधारणतः, वास्तव में सम्मान नहीं दिया जाता। यदि आप घर पर काम कर रहे हैं, तब आपके काम करने के समय को सम्मान दिए जाने के संयोग और भी कम हैं। इसलिए जिस किसी भी व्यक्ति के द्वारा आपको परेशान किए जाने की संभावना है उसके साथ दृढ़ता का बर्ताव करना आवश्यक है। सबसे पहले, प्रतिदिन अपने लिखने के समय को अनुसूचित कीजिए, और काम करने के लिए अपनी मेज पर बैठिए। यदि संभव हो सके, तब अपने लिए ऑफिस के रूप में एक कमरा आवंटित कीजिए, जिससे परिवार के सदस्य आपको परेशान नहीं करें। यदि यह संभव नहीं भी हो, तब आप सुबह अपने काम करने के समय हमेशा घर में किसी भी कमरे का प्रयोग कर सकते हैं। अपने काम करने के समय के दौरान फोन पर बातें करने से मना कर दीजिए और शीघ्र ही प्रत्येक व्यक्ति को संवाद मिल जाएगा। यदि आपके बच्चे हैं, तब उन्हें समझा दीजिए कि यह आपके काम का समय है और ठीक वैसे ही जैसे आप इस समय के दौरान काम करने के लिए घर से बाहर जा रहे हैं, उन्हें अपना प्रबंध स्वयं करने की आवश्यकता है।
3. नियमित अवकाश लीजिए
इसे वैज्ञानिक दृष्टि से प्रमाणित किया जा चुका है के काम के दौरान नियमित रूप से अवकाश लेना उत्पादकता में वास्तव में वृद्धि करता है। जब लिखने जैसी सृजनशील वृत्तियों की बात आती है, तब यह विशेष रूप से सत्य है। अध्ययनों ने दर्शाया है कि काम के प्रत्येक घंटे के बाद लगभग दस से पंद्रह मिनट के लिए अवकाश अत्यंत हितलाभकारी है। काम के दिन के दौरान दस से पंद्रह मिनट के लिए एक छोटी सी झपकी लेना अत्यंत उपकारी हो सकता है क्योंकि संक्षिप्त झपकियाँ आपको तरोताजा कर देती हैं। दीर्घकाल में, अवकाश आपकी उत्पादकता एवं सृजनशीलता में वृद्धि करने में सहायता करेगा। केवल काम के दिन के दौरान ही नहीं बल्कि प्रति सप्ताह आपको अपना पुनर्नवीनीकरण करने के आवश्यकता है और परिवार तथा मित्रों के साथ व्यतीत करने के लिए, या अपने शौकों का अनुसरण करने के लिए सप्ताहांतों में छुट्टी लीजिए। अंत में, एक पूर्णतः विकसित जीवन सृजनशीलता का सबसे अच्छा उपादान है।
4. लचीली अंतिम तिथियाँ स्थिर कीजिए
आप इसे पसंद करें या नहीं, प्रत्येक प्रकार के कार्य में अंतिम तिथियों के पालन करने की अपेक्षा की जाती है, यद्यपि इनमें से कुछ दूसरों की तुलना में अधिक लचीली होती हैं। यदि आप लेखक हैं, चाहे वृत्तिधारी लेखक हैं या ब्लौगर, तब आपको अंतिम तिथि का ध्यान रखना पड़ेगा। स्वयं अपने लिए दैनिक या साप्ताहिक अंतिम तिथि उन उपायों से स्थिर कीजिए जो आपके लिए आरामदेह हो और इसके साथ-साथ परियोजना की पूर्णता के लिए एक दीर्घतर अंतिम तिथि स्थिर कीजिए। समय पर अंतिम तिथियों के कार्य पूर्ण करने पर आप स्वयं आत्मविश्वास से पूर्ण और सफल अनुभव करेंगे और यह आपकी मनःस्थिति को मनोवैज्ञानिक रूप से प्रोत्साहित करेगा, जो आपको अपने काम में बेहतर ध्यान-केंद्रण में सहायता करेगा। अंतिम तिथि स्थिर करते समय, वास्तविक जीवन से उत्पन्न होने वाली अनपेक्षित समस्याओं के लिए कुछ मध्यवर्ती समय रखिए।
5. संरचित शोध
कल्पना साहित्य लिखते समय, लेखकों को कुछ समय शोध के लिए अर्पित करने की आवश्यकता होती है। तथ्य यह है कि कल्पना साहित्य की कुछ विधाओं को अन्य विधाओं की अपेक्षा अधिक शोध की आवश्यकता होती है, परंतु कुछ सीमा तक सभी लेखन जीवन के यथार्थ तथ्यों के द्वारा प्रभावित होते हैं। सर्वाधिक कल्पनाशील लेखक भी हवा में कहानियाँ खड़ी नहीं कर सकता। स्मरणीय यह है कि शोध एक निरंतर प्रक्रिया है। प्रत्येक उस चीज को नोट कर लीजिए, जो आपको रुचिकर लगती है और सोचिए कि इसे पुस्तक में कैसे उतार सकते हैं। ऐतिहासिक कल्पना साहित्य या वैज्ञानिक कल्पना साहित्य जैसी विधाओँ के लिए, जिन्हें विशेष तरह के शोध की आवश्यकता होती है, विस्तृत शोध के लिए कुछ समय उत्सर्ग कीजिए। अंत में, आपका लक्ष्य एक रचनात्मक, रुचिकर तथा अच्छी तरह से शोध की गई पुस्तक लिखना है जिसके पात्र पूर्णतः विकसित हैं। इसे उपलब्ध करने के लिए आप जो कुछ भी करते हैं, उसे शोध माना जाएगा।
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[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2015/02/IMG_20141217_101736441.jpg[/author_image] [author_info]Kavitha is a freelance content writer and French translator, and has been working in this field since 2008. She has degrees in computer applications and international business and has a background in business and international trade. She enjoys learning languages and is currently learning Japanese. Her interests vary from books and writing to travelling and history.[/author_info] [/author]