पात्रों को पर्याप्त (या सही तरह का) विकास नहीं किया जाना, खराब कल्पना साहित्य का सूचक चिह्न है। यह खलनायकों में जितना दिखाई पड़ता उतना और कहीं भी दिखाई नहीं देता – पाठकों से, खलनायकों से शत्रुता मोल लेने की अपेक्षा की जाती है, लेखक से नहीं। जब पाठक चरित्रचित्रण में इतने दोष देखना आरंभ करते हैं तब वे खलनायक के स्थान पर लेखक से घृणा करने लगते हैं, और वह कहानी असफल है।
यदि आप अपनी कहानी के लिए विश्वसनीय प्रतिपक्षियों की सृष्टि करना चाहते हैं, तब ऐसी 5 चीजें हैं जिन्हें आपको स्मरण रखने की आवश्यकता है:
1. खलनायकों को दोषयुक्त होना चाहिए
इस गुर के कुछ अपवाद हैं, वैसे ही, जैसे इस सूची के दूसरे गुरों के साथ हैं, परंतु सामान्यतः अपूर्ण खलनायक सबसे उत्तम खलनायक होते हैं, इस अर्थ में, कि वे पूर्णतः दुष्ट नहीं हैं। वे दोषयुक्त हैं। आपको सुनिश्चित करना पड़ेगा कि पाठकों को यह अनुभव न हो कि प्रतिपक्षी कहानी में केवल झगड़ा खड़ा करने के लिए आया है। वे कहानी के स्वाभाविक अंश हैं। उनकी भी आवश्यकताएँ और अभिलाषाएँ हैं जो उन्हें अग्रणी का शत्रु बनाती हैं।
2. खलनायकों को जुड़ने योग्य होना चाहिए
हम यह नहीं कह रहे हैं कि खलनायकों को इस तरह से लिखा जाना चाहिए जो पाठकों से कहलवाए कि, “यह तो मैं हूँ!” यह अत्यंत संकुचित हो सकता है, और निश्चित रूप से कल्पना साहित्य में और तरह के खलनायक भी हैं। जब हम जुड़ने योग्य कहते हैं, तब इसका अर्थ है कि पाठकों को खलनायक का अभिप्रेरण समझने की आवश्यकता है। वे सहमत नहीं भी हो सकते हैं, परंतु उन्हे यह सोच कर चकित नहीं होना चाहिए कि यह पात्र क्यों कुछ कर रहा है (उन मामलों के अतिरिक्त जहाँ रहस्य का निर्माण करने के लिए सूचना इच्छाकृत रूप से दबा कर रखी गई है)।
3. खलनायकों के लक्ष्य होने चाहिए
जैसे ऊपर उल्लेख किया गया है कि पात्रों को बिना किसी उद्देश्य, कहानी में कभी भी प्रवेश नहीं करना चाहिए। खलनायकों को अपने लिए कोई लक्ष्य होना चाहिए जिसकी प्राप्ति के लिए वे कार्य कर रहे हैं। कुछ व्यक्ति बैटमैन के जोकर को इसके व्यतिरेक के रूप में उद्धृत करेंगे, क्योंकि इस पात्र की कार्यवाहियाँ बहुधा आकस्मिक और बिना किसी युक्ति के की गई चित्रित की जाती हैं, परंतु इस तरह के पात्रों में यह बात है कि उनके लक्ष्य तो होते ही हैं: वे अराजकता की सृष्टि करना चाहते हैं। प्रत्येक खलनायक को किसी लक्ष्य की ओर कार्य करना चाहिए, अन्यथा हमें ऊपर उल्लेख की गई समस्या का सामना करना पड़ता है – पाठकों को अनुभव होगा कि किसी पात्र को कहानी में बनावटी ढंग से घुसा दिया गया है। यह गौण पात्रों के लिए भी खराब है, परंतु बड़े पात्रों के लिए तो विनाशकारी है।
4. खलनायकों के जीवन होने चाहिए
आप की कहानी के अग्रणी के समान, खलनायक का भी संघर्ष से बाहर एक जीवन होता है। खलनायकों को खाने, सोने और पोषित होने की आवश्यकता होती है। खलनायकों के भी मित्र, परिवार के सदस्य और चापलूस हो सकते हैं – वह चीजें, जिनका अग्रणी के साथ कोई भी प्रत्यक्ष संबंध नहीं है, या वे जिन पर खलनायक के द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है जब वह अग्रणी के साथ नहीं निपट रहा होता है। रात-दिन, खलनायक को नायक से दुश्मनी मोल लेते रहने की आवश्यकता नहीं है।
5. अंत में, अपने खलनायकों को पहचानिए
मुख्य पात्र के समान, आपको खलनायक के साथ पहचान बनाने के लिए भी उतना ही समय देने की आवश्यकता है। वे एक ही सिक्के के दो पक्ष हैं जो आपकी कहानी का संवहन करने के लिए उत्तरदायित्व साझा करेंगे। किसी खलनायक के लिए कोई व्यक्ति या अस्तित्व होना आवश्यक नहीं है – कुछ कहानियों में प्राकृतिक आपदाएँ ही मुख्य खलनायक के रूप में हैं, परंतु वे अचानक कहीं से आ कर प्रकट नहीं होतीं। हमेशा कोई व्याख्या होती है कि वे क्यों होती हैं, और नहीं यह अग्रणी को केवल – “विरोध करने के लिए कुछ देने के लिए,” कभी भी नहीं हैं।
Image credit: Sam Lavy on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]