लिखने की शैली आपकी कहानी का उल्लेख नहीं करती। जिस ढंग से इसे लिखा गया है, और वाक्यों, पैरग्राफों और अंत में अध्यायों तथा उपन्यास की रचना करने के लिए जिस तरह से आप शब्दों को पिरोते हैं, यह कहानी के निष्पादन का उल्लेख करती है। शैली सिखाई नहीं जा सकती, इसका अनुकरण नहीं किया जा सकता या इसे सीखा नहीं जा सकता। यदि आप लिखते हैं, तब आपकी एक शैली है, जो संक्षिप्त और प्रासंगिक हो सकती है, पुष्पित और प्रवाहित हो सकती है, या संक्षिप्त और वाक्पटु के बीच लाखों संयोजनों में से एक हो सकती हैं। आपके लिखने की शैली अनोखी हो सकती है, परंतु यह इसे अनिवार्यतः उत्तम नहीं बनाता। उत्तम शैली का अस्तित्व ही नहीं है। आप हमेशा अपनी लेखन शैली में सुधार कर सकते हैं, और अपनी कहानियोँ को उत्कृष्ट-कृति बना सकते हैं। याद रखिए, सबसे दिलचस्प, उत्तेजक कहानी खराब निष्पादन के द्वारा उबाऊ बनाई जा सकती है। इसके बदले कि संपादन प्रक्रिया के दौरान में आपके लेखन पर सुधार किया जाए, जब आप लिख रहे हैं उसी समय आपकी लेखन शैली में कैसे सुधार किया जाए, इस पर हमने निम्नलिखित कुछ गुर एकत्रित किया है।
1. लेखन अभ्यास
लेखन अभ्यास के लिए प्रतिदिन आधा घंटा या जितना भी समय आप स्वयं को दे सकते हैं, दीजिए तथा अपनी कहानियों और परियोजना से अलग हो जाइए। इन लेखन अभ्यासों में, किसी व्यक्ति, स्थान, या दो व्यक्तियों के बीच वार्ता का वर्णन करते हुए – आपको कुछ संक्षिप्त पैरग्राफ लिखना है। जब आप लिख लेते हैं, तब विश्लेषण कीजिए कि आपने क्या लिखा है और इसमें क्या सुधार किया जाना चाहिए इस पर निर्णय कीजिए। अगले दिन, अपने लेखन के उस अंश का सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस अभ्यास को दोहराइए।
2. धीरे-धीरे लिखिए
उपरोक्त अभ्यास का लक्ष्य है आपकी लेखन शैली को विकसित करने के लिए और उसमें सुधार करने के लिए आपको स्वतंत्रता देना। यदि आप अभ्यास के दौरान तेजी से लिखते हैं, तब किसी व्यक्ति, स्थान या भावना के लिए बेहतर शब्द या वाक्यांश को सोच निकालने के लिए आपके पास समय नहीं रहता। परंतु, यदि आप शांत रहें और किसी आरामदायक स्थान पर लिखें, तब आप इसे करने में सक्षम होंगे। इन अभ्यासों का अंतिम परिणाम आपके लिखने के लिए और जो-कुछ भी कहानी में होता है उसका वर्णन करने के लिए नए और बेहतर उपायों को ढूँढ़ निकालना है। और एक बार जब वह आपको मिल जाते हैं, तब आप उन्हें आसानी से आत्मसात कर लेंगे, और जब आप वास्तव में अपनी कहानियाँ या अपने उपन्यास का पहला प्रारूप लिख रहे होंगे, तब अभ्यास लिखने के दौरान आपने जो सब-कुछ ढूँढ़ा और सीखा था वह अनायास ही निकल आएगा।
3. अपने शब्दों पर दबाव दीजिए
अपने वाक्य में प्रत्येक शब्द महत्वपूर्ण बनाइए, यदि आप को किसी शब्द पर हिचकिचाहट अनुभव होती है – तब लिखने में किसी दूसरे शब्द का प्रयोग कीजिए, आपको बस इसे केवल ढूँढ़ निकालना है। इसे करने के लिए अभ्यास कीजिए और लिखते समय आप इसे स्वतः करना आरंभ कर देंगे। यह केवल आपकी लेखन शैली में ही सुधार नहीं करेगा, बल्कि लिखते-लिखते आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और यह आपके संपादन-समय की बड़ी बचत करेगा, जो आप के लिए और भी अधिक सुधार का कारण बनेगा।
4. शोध कीजिए और सीखिए
दूसरी ओर, यदि आप किसी चीज पर – किसी वृत्ति पर या किसी अन्य चीज के बारे में लिखने के लिए प्रयास कर रहे हैं जिसका आपने कभी भी अनुभव नहीं किया है, तब अपनी शैली पर और इस पर ध्यान देना कठिन होगा कि आप कैसे लिख रहे हैं। तथापि, यदि उस विशेष विषय पर आप को जो सब-कुछ जानने की आवश्यकता है, उस पर शोध करने के लिए समय का भार अपने ऊपर लेते हैं, तब आप अधिक आराम से लिख सकते हैं, और इस प्रकार, आप कैसे लिख रहे हैं इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे और प्रत्येक शब्द को सारगर्भित बनाने में सक्षम होंगे।
5. लिखने से पहले लिखिए
आपके उपन्यासों और कहानियों में, लोग और स्थान होंगे, घटनाएँ होंगी और हो सकता है कि वर्णन करने के लिये घटनाक्रम भी हों। सर्वोत्तम नियोजित कथानक को भी शब्द निर्माण की आवश्यकता होती है जो वास्तविक अनुभव होते हैं, और आपके उपन्यास के उद्देश्य से उत्पादन किए गए प्रतीत नहीं होते हैं। दूसरे शब्दों में, आपको अपने पाठक को इसे समझाना पड़ेगा कि अग्रणी और अऩ्य पात्रों के दुनिया में होने से पहले भी दुनिया अस्तित्व में थी। इसे करने के लिए सबसे आसान उपाय है उस दुनिया और उन स्थानों का वर्णन करना जहाँ आपका अग्रणी जाएगा और देखेगा कि आपके द्वारा कहानी में उन स्थानों के संबंध में लिखे जाने और उनका वर्णन किए जाने से पहले ही वे अस्तित्व में थे। आप एक उल्लेख पुस्तिका की सृष्टि कर सकते हैं (जिसे बहुत से लेखक “कहानी बाइबल“ कहते हैं) जिसका उपयोग आप कहानी लिखते समय कर सकते हैं। यह आपको उन स्थानों की और लोगों के शारीरिक रूप की कल्पना करने से मुक्त करेगा और आपको इस पर ध्यान देने की अनुमति देगा कि उनका वर्णन करने के लिए किन शब्दों का उपयोग किया जाए।
Image credit: Pat Guiney on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic. As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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