यदि आप वह लेखक हैं जो अपना ब्लौग साइट रखता है, तब आपको ज्ञात होना चाहिए कि न्यूजलेटर अनिवार्य है क्योंकि यह आप के द्वारा अपने पाठकों को अद्यतन किए जाने की अनुमति देता है, उनसे यह अपेक्षा किए बिना कि हर बार जब एक नई विषय-वस्तु प्रकाशित होती है तब वे अपना काम छोड़ कर आपके ब्लौग पर जाएँ। तथापि, ब्लौग तथा न्यूजलेटर को एक संवहनीय संरचना का निर्माण भी करना चाहिए जिसमें से एक, पाठकों को दूसरे की ओर ले जाए। इस मामले में, आप अपने लेखक ब्लौग के द्वारा अधिक ईमेल अभिदाता कैसे प्राप्त करेंगे? यहाँ कुछ उपाय हैं:
उत्कृष्ट “केवल-न्यूजलेटर” विषयवस्तु की सृष्टि कीजिए
इस पर इस तरह से सोचिए: यदि आपके पाठक सक्रियता के साथ आपके वेबसाइट पर जा रहे हैं तब आपके पाठकों के पास सब्सक्राइब करने के लिए अधिक कारण नहीं है, सही है? परंतु यदि कोई विषय-वस्तु है जिसे वे केवल न्यूजलेटर के द्वारा पढ़ सकते हैं तब क्या होगा? अब, आपके द्वारा प्रस्तुत की गई सभी चीजों के लिए उन्हें आपकी सूची के लिए सब्स्क्राइब करना पड़ेगा। यदि आप चीजों को संतुलित करना चाहते हैं, तब आप विषय-वस्तु का एक भाग वेबसाइट पर, और शेष भाग न्यूजलेटर पर रख सकते हैं – यह उपाय बेहतर सिद्ध हो सकता है क्योंकि यह लोगों की पूर्णता की अंतर्निहित आवश्यकता पर स्वाभाविक रूप से काम करता है। उन्हें अभिदान करना पड़ेगा नहीं तो उन्हें केवल आधी विषय-वस्तु मिलेगी।
अपने पाठकों के लिए सब्सक्राइब करना आसान बनाइए
कभी-कभी, यह केवल सुविधा (या, उसके अभाव) का विषय है। लोग अभिदान करने से बचने की प्रवृत्ति रखते हैं क्योंकि यह केवल एक बहुत बड़ा झंझट है। यह समझने योग्य अवस्था है क्योंकि स्वयं इंटरनेट का अस्तित्व लोगों की सुविधा की आवश्यकता पर आधारित है। अपनी सूची पर सब्सक्राइब करने के लिए आवश्यक चरणों को न्यूनतम कर दीजिए। यदि आपके पास प्रौद्यौगिकी है, तब क्लिक किए जाने वाले बटनों को कम कीजिए, और जितनी कम आपको आवश्यकता हो उतनी ही कम सूचना लीजिए। साइन-अप प्रक्रिया के दौरान, जितना संभव हो सके उतने अधिक फौर्म्स तथा ड्रौपडाउन मेनुज़ से बचिए। आदर्श रूप से, केवल उनका नाम और ईमेल पता पूछिए और संपुष्टि के लिए उन्हें टिक-बौक्स दे दीजिए। कभी-कभी केवल ईमेल पता के लिए निवेदन करना पर्याप्त हो सकता है।
उपयोक्ता क्या और कब प्राप्त करें इस पर उन्हें पूरा नियंत्रण दीजिए
एक अन्य चीज जो सामान्यतः पाठकों को सब्सक्राइब करने से रोकती है, वह है कि वे स्पैम से डरते हैं। उऩका घबराना स्वाभाविक है कि आपको ईमेल पता देने पर उन्हें आपसे टनों ईमेल मिलने लगेंगे, जिन्हें नियंत्रित करने के उनके पास कम उपाय है (अनसब्सक्राइब, या भविष्य के ईमेल्स ब्लौक करने के अतिरिक्त)। उनकी इस चिंता का समाधान करने के लिए, आपके लिए लोगों से यह कहना आवश्यक है कि उनको मिलने वाले ईमेल्स की बारंबारता तथा अऩुसूची का नियंत्रण उनके हाथों में है – और आपको इस पर सत्यनिष्ठ रहना पड़ेगा। डाइजेस्ट के रूप में, उन्हें दैनिक, साप्ताहिक या मासिक ईमेल्स प्राप्त करने का विकल्प दीजिए।
अपने पाठकों को आपके न्यूजलेटर का दूसरों से साझा करने के लिए कहिए
सामान्यतः, यह केवल पाठकों से एक उपकार के लिए कहने जितना आसान हो सकता है। उनसे कहिए कि आपको अधिक अभिदाताओं की आवश्यकता है और वे आपके न्यूजलेटर अपने मित्रों को फॉर्वार्ड करते हुए या साझा करते हुए सहायता कर सकते हैं। यदि वे आपकी कृतियों के प्रशंसक हैं, तब अधिक संयोग हैं कि वे इससे प्राप्त हुए आनंद को अपने मित्रों तथा परिवार के साथ साझा करने में कष्टबोध नहीं करेंगे। यदि आपकी विषय-वस्तु सचमुच शेयर किए जाने योग्य है, तब इसमें लज्जा अनुभव करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
Image credit: Michelle Riggen-Ransom on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]