किसी भी कहानी और उपन्यास में चरित्र-चित्रण करना पर्याप्त कठिन होता है। सभी पात्रों को जीवंत, परिपूर्ण और इन सबसे महत्वपूर्ण है कि वास्तविक बनाना पड़ता है। दुनिया सही नहीं है, और अक्सर अच्छे लोगों के साथ खराब चीजें होती हैं, यही कारण है कि कल्पना साहित्य में मानसिक-आघात से आहत अग्रणी सर्वनिष्ठ हैं। और वे सर्वव्यापी हैं – जिसका अर्थ है कि वे रोमांस, विज्ञान कल्पना साहित्य, नाटकों और रहस्य उपन्यासों, सभी में प्रकट हो सकते हैं। वे पात्र जिन्होंने मानसिक आघात और इसके कारण मनोमिति परिणाम तथा तनाव-क्रमभंग (PTSD) झेला है, उन्हें किसी उपन्यास में चित्रित करना अत्यंत कठिन है। इस तथ्य से कि मानसिक आघात एक संवेदनशील विषय है और इसके साथ चरम सम्मान और सहानुभूति के साथ निपटना आवश्यक है, अतिरिक्त दबाव रहता है। जब आप अतिसंवेदनशीलता के इस स्तर के पात्रों की सृष्टि कर रहे हैं तब आपको किन चीजों के लिए सतर्क रहना चाहिए, हमने निम्नलिखित कुछ गुर एकत्रित किया है।
1. मानसिक आघातों के प्रकार
किसी एक मानसिक आघात की घटना से पीड़ित होने और इसके कई प्रसंगों से पीड़ित होने में अंतर है। वे आपके पात्र को अलग ढंग से प्रभावित करते हैं, परंतु मुख्य अंतर यह है कि मानसिक आघात के स्तर और आपके पात्र की अनुभूति पर निर्भर करते हुए, किसी एकल मानसिक आघात से पीड़ित हुए पात्र को ठीक किया जा सकना ऐसी कई घटनाओं से पीड़ित पात्र की अपेक्षा आसान है। तथापि, इसका अर्थ यह नहीं है कि एक एकल मानसिक आघात की घटना पात्र को जीवन भर के लिए आघात-चिह्न नहीं छोड़ेगी, यही कारण है कि अनुभूति महत्व रखती है। इसके संबंध में आपके पात्र की अनुभूति को बटोरने के लिए, आपको उसके मन में प्रवेश करना पड़ेगा और सिक्के के दोनों पक्षों में व्यक्तित्व की कल्पना करनी पड़ेगी – मानसिक आघात के साथ और उसके बिना।
2. आयु का महत्व
जब मानसिक आघात की बात आती है तब आयु महत्व रखती है। उदाहरण के लिए कोई प्राप्त-वयस्क पात्र जिसने बाल्यकाल या किशोरावस्था में मानसिक आघात झेला था, इसके साथ किसी वयस्क की तुलना में अलग तरह से निपटेगा जिसने वयस्क के रूप में मानसिक आघात झेला था। उपरोक्त उदाहरण में विचार किए जाने योग्य एक अन्य पहलू, समय है – पहले पात्र के मामले में, बहुत अवधि बीत चुकी है जिसमें हो चुकी घटना के संबंध में विचार करने के लिए और उससे निपटने (या अस्वीकार करने) के लिए पात्र के पास समय था, वहीं दूसरे पात्र के लिए मानसिक आघात की घटना अपेक्षाकृत हाल ही में घटी होगी।
3. पात्र की कार्यवाहियाँ
कोई पात्र जिसने मानसिक आघात झेला है, वह उस पात्र से भिन्न प्रकार का आचरण करेगा जिसने इसे नहीं झेला है। अधिकांश मामलों में, वह दूसरों के साथ हिंसक प्रतिक्रिया दे सकता/ती है, जो पाठकों के लिए इस व्यक्ति के साथ जुड़ना कठिन बना देता है। दूसरी ओर, कुछ पाठक उस पात्र को नहीं समझेंगे यदि वह मानसिक आघात से बहुत शीघ्रता से उबर जाता/ती है। स्मरण रखिए कि आपके कुछ पाठक वह व्यक्ति होंगे जिन्होंने स्वयं मानसिक आघात झेला है, और आपको जागरूक रहने की आवश्यकता है कि यदि आपके पात्र के क्रियाकलाप वास्तविक होने के लिए अत्यंत अविश्वसनीय हैं, तब आप अपने पाठक को अनिच्छाकृत रूप से आहत करेंगे। आहत हुए पात्र, लगभग व्यतिक्रम से, प्रीतिकर होते हैं और आपको उनकी कार्यवाहियों के साथ सावधानी बरतनी पड़ेगी, अन्यथा वे पाठकों की विश्वसनीयता खो बैठेंगे।
4. सामाजिक परिस्थिति
आपकी कहानी के अन्य पात्र, अग्रणी (जिस पात्र ने मानसिक आघात झेला है) के मित्र और संबंधी अग्रणी के चरित्र-चित्रण में एक बड़ी भूमिका निभाएँगे। पहला गुणक जानकारी है – क्या अन्य पात्र जानते हैं कि क्या हुआ था, या अग्रणी इसे गोपन रखना चाहता था? दूसरी और, यदि अन्य पात्र इसे जान जाएँ, तब वे क्या करेंगे? क्या वे सहायता करने के लिए प्रयास करेंगे, या वे अग्रणी को अकेला छोड़ देंगे? यह अवश्य उस कहानी पर निर्भर करता है जिसे आप कहना चाहते हैं, परंतु उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर आपके अग्रणी के आचरण को नियंत्रित करेंगे।
5. आरोग्य पथ
उस मानसिक आघात पर निर्भर करते हुए जिसे आपने अपने अग्रणी के लिए रचा है, आपको उसे ठीक होने के लिए एक भिन्न पथ दर्शाना पड़ेगा। दूसरी ओर, आरोग्य पथ, इस पर निर्भर करता है कि इस पात्र के संबंध में आप कितनी पुस्तकें लिखेंगे। कोई पुस्तक श्रृंखला अपने पात्र को चरणवार निरोग करने के लिए अवसर प्रदान करेगी, परंतु यदि आप कोई अकेली चल सकने वाली पुस्तक लिख रहे हैं, तब अंत में आपके पात्र को ठीक हो जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप कोई रोमांस लिख रहे हैं, तब उस पात्र का निरोग होना एक समांतर कथानक है, पार्श्व कथानक नहीं। इसका अर्थ है कि इसे मुख्य कथानक के अनुरूप ही ध्यान दिए जाने और पृष्ठ-समय दिए जाने की आवश्यकता है। अन्यथा आरोग्य पथ विश्वसनीय और संभाव्य नहीं रहेग। याद रखिए कि अपने पात्र के लिए आपको किसी आरोग्य पथ की आवश्यकता है; अन्यथा आप का पात्र विकसित और परिवर्तित नहीं होगा। और यह भी है कि जब पाठक किसी ऐसे व्यक्ति को पाते हैं जिसने मानसिक आघात भुगता है, तब वे चाहते हैं कि वह ठीक हो जाए और फिर से खुश हो जाए।
Image credit: Pixabay[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic. As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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