आप एक लेखक हैं और कोई कॉर्पोरेट अस्तित्व नहीं हैं, तब क्या वास्तव में आपके के लिए स्वयं को ब्रैंड करना जरूरी है? किसी लेखक के लिए यह एक भ्रमित करने वाला प्रश्न है। कुछ व्यक्ति कहते हैं कि उन्हें अपने को ब्रैंड करने की कोई भी आवश्यकता दिखाई नहीं देती क्योंकि कार्य ही है जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। और वहीं, वे अन्य लेखक हैं, जो कदाचित अधिक सांसारिक ज्ञान रखते हैं, अपना ब्रैंड बनाने के लिए बहुत कुछ करते हैं।
यदि आप अब तक सुनिश्चित नहीं हैं कि स्वयं को ब्रैंड करें या नहीं, तब पाठक के दृष्टिकोण से सोचिए। आजकल कई पाठक, इससे पहले कि वे यह सोचें कि, “क्या इस लेखक की पुस्तक पढ़ने के लिए मुझे समय और पैसा व्यय करना चाहिए?” इसे सोचते हैं कि, “क्या इस लेखक से संपर्क करने के लिए मुझे समय व्यय करना चाहिए?” लेखक के रूप में आपके लिए ब्रैंड निर्माण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संवाद का एक अन्य माध्यम है। और यदि आप अपने पाठकों के साथ जुड़ने में सक्षम नहीं हैं, तब आप उन्हें कैसे अपनी कृतियाँ पढ़ने के लिए प्रवृत्त कर सकते हैं? कृपया इसे ध्यान में रखिए कि ब्रैंड-निर्माण आपको किसी सामग्री में रूपांतरित नहीं करता है। बल्कि यह इस प्रबल प्रतियोगी क्षेत्र में आपको एक बढ़त देता है और आपके अनुगामियों के आधार में वृद्धि करता है।
आइए अब लेखक ब्रैंड निर्माण के ‘कैसे’ अंश पर चर्चा करते हैं।
अपने व्यक्तित्व को यथास्थान रखिए
इस तथ्य को अंगीकार कीजिए कि आप एक लेखक हैं और अपने शेष जीवन पर्यंत तक आप यही रहेंगे। एक लेखक के रूप में अपने दीर्घावधि लक्ष्यों को परिभाषित कीजिए और अपने अनुराग को इंधन दीजिए। प्रचुर आत्म-मंथन कीजिए और एक ईमानदार आधार का निर्माण कीजिए। यही वह समय है जब एक लेखक के रूप में आपका सच्चा व्यक्तित्व प्रकट होगा और आप अपने ब्रैंड-निर्माण की ओर अपनी यात्रा आरंभ करेंगे।
अपने संदेश तीव्र और स्पष्ट कीजिए
अब आप अपना व्यक्तित्व जान गए हैं, तब यह समय पाठकों को इसके बारे में जानने के लिए है। इसे उनके साथ संवाद करते हुए किया जा सकता है। आपके वेबसाइट से लेकर आपके भाषणों और सेमिनारों तक, आपकी यह नव-आविष्कृत व्यक्तित्व-प्रवृत्ति सभी के लिए दृश्यमान होनी चाहिए। लोगों को जानना चाहिए कि आप किस प्रकार के व्यक्ति हैं और वह अधिक जानना सीख जाएँगे। इससे जिज्ञासा की सृष्टि होगी और आपका ब्रैंड मूल्य गगनचुंबी हो जाएगा।
अपना मूल संदेश सही रखिए और इसे दोहराइए
आपके लिखने का उद्देश्य क्या है? आप अपनी कृतियों का वर्णन कैसे करते हैं? कुछ परिभाषाएँ हैं जिनके उत्तर आपको ज्ञात करने होंगे। और एक बार जब आपको यह उत्तर मिल जाते हैं, तब प्रत्येक अवसर पर उन्हें दोहराते रहिए। लोगों से, यदि वे आपके उत्कट अनुगामी नहीं भी हों तब भी कहिए कि आपकी कृतियाँ कितनी शक्तिशाली हैं। उनसे कहिए कि क्या आपको आगे की ओर चालित करता है और आपने लेखक बनने का निश्चय क्यों किया था।
दीर्घावधि के लिए सोचिए और सभी मंचों के लिए सोचिए
ब्रैंड निर्माण एक दीर्घावधिक एवं अविरत अभ्यास है। एक बार आप आरंभ करते हैं तब इसे रोक नहीं सकते।. अतः, 20 वर्ष बाद की सोचिए और अपने यश को उसी के अनुरूप ब्रैंड कीजिए। आज आपके नाम को सर्वत्र फैला देना आसान है – प्रिंट तथा सोशल मीडिया, दोनों में। जितने भी संभव मंच हों, उनका उपयोग कीजिए और अधिक से अधिक लोग आपके बारे में जानेंगे।
अपनी विपणन योजना सही रखिए
बहुत जल्दी बहुत ज्यादा एक समस्या है जिससे आप ग्रस्त हो सकते हैं। यदि लोग आपको फेसबुक ट्विटर तथा समाचारपत्र में, एक ही समय में, देखें तब यह बहुत अच्छा है। परंतु यदि अपनी कृतियों से अधिक आप दिखते हैं तब वे चिढ़ सकते हैं। अपने ब्रैंड के गिर्द आपकी एक रणनीति होनी चाहिए और यदि आवश्यक हो, तब एक विपणन कंपनी सहायक हो सकती है। क्या आपने लक्ष्य नहीं किया है कि आमिर खान अपने चलचित्रों को कैसे ब्रैंड करता है? वह प्रत्येक चरण की योजना बनाता है और आपको भी यही करना चाहिए।
क्या आप देखते हैं कि आपके लिए अपना ब्रैंड बनाना कितना आसान है? यदि आप उपरोक्त उल्लिखत चीजों को औचित्यपूर्वक करने में सक्षम नहीं होते हैं, तब आप शीघ्र ही गुमनामी में भटकने लगेंगे। लोग आपको सबसे अच्छी बिकने वाली पुस्तकों के लिए चाहते हैं। फिर भी, जिस पल आपकी एक-दो पुस्तकें अच्छी नहीं बिकीं, वे शीघ्र ही आपको भूल जाएँगे। परंतु यदि आपका ब्रैंड यथास्थान है, तब आप अपनी उपस्थिति उनकी स्मृति में गढ़ देंगे और उनसे अपनी अगली संभव सबसे अच्छी बिकने वाली पुस्तक के लिए प्रतीक्षा कराएँगे।
Image credit: Ahmed Bin-Baz on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/03/Profile_Pic_Moumita.jpg[/author_image] [author_info]Moumita Goswami is a full-time homemaker and a passionate writer. She stays in Pune with her husband and daughter. After giving up working, she started writing about five years ago and can now be seen using her computer keyboard almost all the time. An MA in Psychology from Calcutta University, Moumita has spent time in Kolkata, Delhi and now Pune. For Moumita, writing started as a sudden chance but she soon discovered her likeness for it. And now she has developed a passion for writing and hardly any day passes without her scribbling a few lines. She dreams of publishing her own book one day and is working towards it.
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