किसी भी लेखक के लिए प्रकाशित किया जाना या होना एक स्वप्न, आजीवन उपलब्धि, और वह सब-कुछ है जिसे कोई लेखक चाहता है। दुःख की बात यह है कई बहुत सारे, कई लोग, धोखेबाज और संगठन हैं जो उस स्वप्न को लूटते हैं और लेखकों से उनके पैसों को धोखाखड़ी से हड़प लेते हैं। यह एक दुःखप्रद घटना है जो स्वयं-प्रकाशन की लोकप्रियता के साथ-साथ लगभग एक दशक से बढ़ोतरी पर है। तथापि, लेखक, अभिकर्ता और प्रकाशन धोखाघड़ियाँ उससे पहले भी होती रही हैं, और हमने कुछ निम्नलिखित एकत्रित किया है जिनसे किसी महत्वाकांक्षी लेखक के लिए चौकस रहना आवश्यक है।
1. पठन शुल्क
जहाँ कई सम्मानीय अभिकर्ता हैं, जिनकी मेज पर अव्यवस्था न हो जाए इसे सुनिश्चित करने के लिए पठन शुल्क लेते हैं, आजकल, प्रकाशन उद्योग के अंदर कुछ संगठन हैं (जैसे USA के लेखकों के प्रतिनिधियों का संगठन, और UK में लेखकों के अभिकर्ताओं का संगठन) जो अपने नैतिक कोड में यह अनिवार्यता रखते हैं कि किसी भी अभिकर्ता को पठन शुल्क नहीं लेना चाहिए। उन्होंने इस कोड को सम्मिलित किया था क्योंकि कुछ लोगों ने उस पठन शुल्क का लाभ उठाया था जिसे परंपरागत रूप से लेखकों से मांगा जाता था और वास्तव में पांडुलिपियों को बिना पढ़े अस्वीकृति पत्र लौटा दिए जाने के लिए भुगतान लिया जाता था। परंतु आजकल, यदि कोई अभिकर्ता आपकी पांडुलिपि पढ़ने के लिए पैसे मांग रहा है – तब आप अपनी असुविधा के लिए मेलबौक्स में केवल एक अस्वीकृति पत्र पा सकते हैं।
2. प्रतिनिधित्व शुल्क
हो सकता है कि वे आपसे आपकी पांडुलिपि पढ़ने के लिए पैसे न लें, क्योंकि आजकल पठन शुल्क धोखघड़ी का स्पष्ट चिन्ह है। परंतु वे आपसे प्रतिनिधित्व शुल्क लेंगे जो साधारणतः समान्य से अधिक है। इनका पार्थक्य कैसे करें? वे सब-कुछ स्वीकार करते हैं। वे इसका विज्ञापन भी दे सकते हैं। और इसी प्रकार आप अपनी पांडुलिपि, अपना शिशु, अपनी कृति उसे सौंप देंगे जो, बिना किसी प्रकार का प्रतिनिधित्व किए या किसी प्रकाशन गृह में इसका विक्रय करने के लिए प्रयास किए, जितना संभव हो सकेगा, आपके पैसे ऐँठ लेगा।
3. प्रतियोगिताएँ
प्रतियोगिताएँ हमेशा बहुत अच्छी होती हैं, प्रकाशन गृहों तथा साधारण प्रकाशन मीडिया की दृष्टि में आने के लिए एक उत्पादक उपाय हैं। साधारणतः, यह प्रतियोगिताएँ बड़े संगठनों, या पत्रिकाओं के द्वारा आयोजित की जाती हैं और वे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थानों के लिए विभिन्न पुरस्कार प्रस्तुत करती हैं। तथापि प्रतियोगिता के अंदर भी कई धोखाघड़ियाँ हैं, उन अनैतिक व्यक्तियों के द्वारा आयोजित धोखाघड़ियाँ जो महत्वाकांक्षी लेखकों के बल पर अपनी जीविका निर्वाह करने का प्रबंध करते हैं। इसी लिए आपको उन प्रतियोगिताओँ से सचेतन रहने की आवश्यकता है जो ऊँचे प्रवेश शुल्क लेती हैं और उनके भुगतान कम हैं, जो प्रत्यक्ष प्रकाशन संविदा का दावा करती हैं, और जिनकी कोई भी पिछली उपलब्धियाँ नहीं हैं और वे किसी आयोजक के द्वारा आयोजित की गई हैं जो अधिकतर अनजान है। आप प्रतियोगिता के संबंध में: संगठन, पुराने विजेता और प्रतियोगी के संबंध में जितना भी अनुसंधान कर सकते हैं कीजिए, और संभव हो सके तब उनमें से कुछ के साथ संपर्क भी करें।
4. निस्सार प्रकाशक
प्रकाशित होने के लिए, आजकल स्वयं-प्रकाशन धीरे-धीरे अधिक से अधिक मुख्य-धारा पद्धति बनता जा रहा है। क्योंकि इसका अर्थ है कि लेखक संपादन से ले कर आवरण डिजाइन तक, सभी चीजों के लिए आप उत्तरदायी है: कई संगठन उभर आए हैं, वे कंपनियाँ जो, यदि आप उन्हें भुगतान करें तब वे आपकी कृति को प्रकाशित करेंगी। इन तथाकथित निस्सार प्रकाशकों के विज्ञापनों में कई धोखाघड़ी भरे प्रचार वाक्य हैं, जो आपको 100% रॉयल्टी का वादा करते हैं या वे आपकी पुस्तक निःशुल्क प्रकाशित करेंगे, और इसके साथ-साथ यह भी वादा करते हैं की वे पुस्तकों को बड़ी संख्या में प्रकाशित करेंगे – जिन्हे, यदि पुस्तक अच्छी नहीं बिकती है तब आप उनसे खरीदने के लिए बाध्य होंगे। वे आपको पुस्तक तथा आवरण डिजाइन, विपणन तथा प्रचार-प्रसार के लिए अतिरंजित फीस भी देंगे, तथा अपने प्रचार-प्रसार की प्रक्रिया के अंश के रूप में आपको टीवी पर भी रखने के लिए वादा करेंगे।
5. सोशल मीडिया धोखाघड़ियाँ
आजकल, प्रत्येक महात्वाकांक्षी लेखक के लिए आनलाइन उपस्थित रहना आवश्यक है, और इसने कई धोखेबाजों को आपके पैसे लेने के लिए अवसर प्रदान किया है, जहाँ वे एक दिन के अंदर फेसबुक तथा ट्विटर पर आपके अनुगामियों की संख्या बढ़ाने का वादा करते हैं, या आपके सोशल मीडिया पार्श्वचित्र का प्रबंध करने केलिए मोटी मासिक फीस की मांग करेगे। चीज यह है कि, आपको उनकी आवश्यकता नहीं है – अधिकांश साइट्स पर, प्रोफाइल सेट करना मुफ्त है और उस पार्श्वचित्र के प्रबंधन में उनके सहायता की आवश्यकता नहीं है। उन सेवा उपलब्धकर्ताओं से भी सावधान रहें जो आपके कार्य के लिए एक आसान वेबसाइट बना देंगे, और उस प्रकार के वेबसाइट प्रबंधन के लिए ऊँची फीस की मांग करेंगे और बहुत मंहगी मासिक फीस लेंगे, जिसे थोड़ा सा कार्य करते हुए आप स्वयं भी आसानी से बना सकते हैं।
Image credit: adrigu on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As a 22-year-old art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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