किरण देसाई, भारत की स्वनामधन्य लेखिका अनीता देसाई की पुत्री, अपने आपमें एक अद्भुत प्रतिभासंपन्न लेखिका हैं। जहाँ सुश्री अनीता देसाई को तीन बार बुकर पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, किरण देसाई ने अपने बेहद मांग में रहने वाले उपन्यास, ‘The Inheritance of Loss’ के लिए इसे वास्तव में जीता था। उनके प्रथम उपन्यास को समालोचकों के द्वारा बहुत महत्व दिया गया था और उसकी प्रशंसा की गई थी। इस अंतर्राष्ट्रीय रूप से अभिनंदित लेखिका से, तथा महानता तक पहुँचने के लिए इनकी यात्रा से सीखने के लिए बहुत कुछ है।
1. अपने आपको तैयार कीजिए
एक बार जब कोई व्यक्ति निर्णय ले लेता है कि वह लेखक बनना चाहता है, तब इस व्यवसाय के लिए वांछित उपकरणों से, इस स्थिति में, लिखने की कला से स्वयं को सुसज्जित कर लेना महत्वपूर्ण है। अपनी माँ के द्वारा शब्दों की दुनिया से उजागर हुई, किरण देसाई, अल्पायु से ही साहित्य के प्रति प्रेम रखती थीं। लेखन वृत्ति के लिए अपने-आप को तैयार करने के लिए, उन्होंने सृजनात्मक लेखन कक्षाओं तथा कुछ सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों की कार्यशालाओं में अपना नाम लिखाया था। अपनी प्रतिभा या अपनी साहित्यिक पृष्ठभूमि को महत्व नहीं देते हुए, अपना पहला उपन्यास लिखने से पहले, उन्होंने कई वर्षों तक लेखन-शिल्प का अध्ययन किया था। जब वह अपने दूसरे उपन्यास की योजना बना रही थीं, तब उन्होंने विश्वविद्यालय में अपना अध्ययन जारी रखा था।
2. अपनी शैली ढूँढ़ निकालिए
किरण देसाई के अनुसार, उन्होंने अपने पाठ्यक्रमों तथा कार्यशालाओं से महत्वपूर्ण लेखन उपकरणों की शिक्षा ली थी। परंतु उन्होंने हमेशा स्वयं अपनी शैली और अपने स्वर के प्रयोग का प्रयास किया था। इन लेखन कार्यशालाओं के सूत्रबद्ध लेखन मार्गदर्शक वास्तव में सभी के लिए उपयुक्त नहीं हैं, और कौन सी शैली सबसे अधिक कार्यकारी है इसका आविष्कार करने के लिए प्रयोग करना अनिवार्य है। जहाँ औपचारिक प्रशिक्षण महत्व रखता है, वहीं, इसे लेखकों की शैली तथा सृजनशीलता को अति-परिमार्जित या मानकित नहीं करना चाहिए।
3. अपना सर्वोत्तम चरण से आरंभ कीजिए
अपने पहले उपन्यास की सफलता, किसी लेखक के लिए असीम उत्साहवर्धक है, और उसे अगली बार और भी अच्छा करने के लिए उत्प्रेरित करता है। यदि आपको एक उपन्यासकार बनने की उत्कट अभिलाषा है और आपके अंदर एक बहुत बढ़िया कहानी है, तब इसे उगलने में हड़बड़ी नहीं कीजिए, जब तक आप (उस पल के लिए) अपना सर्वोत्तम निर्माण करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर होने के लिए काम करना महत्वपूर्ण है, परंतु सावधानी बरतना भी महत्व रखता है, जिससे आपकी कृति ऐसी हो जिस पर आप गौरव कर सकें। अपने प्रथम उपन्यास, ‘Hullabaloo in the Guava Orchard’ पर बेट्टी ट्रैस्क पुरस्कार पाने के साथ ही किरण देसाई जान गई थीं की वह सही पथ पर हैं। इसके संबंध में आत्मसंतुष्ट हुए बिना, उन्होंने इस सफलता का उपयोग उत्प्रेरित होने के लिए, अपने कार्य में सुधार करने के लिए, और अपने दूसरे उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार लेने के लिए किया था।
4. मात्रा से महत्वपूर्ण गुणवत्ता
कुछ लेखक अत्यंत उर्वर होते हैं, जो उनके अनुरक्त पाठकों के लिए यह बहुत अच्छा है। तथापि, किसी लेखक के लिए अपने अंतरमन की प्रत्येक कहानी किसी एक उपन्यास में उतार देना आवश्यक नहीं है। प्रत्येक उपन्यास को सर्वकालीन सर्वोत्तम बनाने का प्रयास कीजिए। यदि आप केवल एक श्रेष्ट कृति लिखते हैं, तब इसे सुनिश्चित कीजिए कि यह अर्थ रखता है। उदाहरण के लिए, किरण देसाई ने ‘The Inheritance of Loss’ पर आठ वर्ष व्यतीत किया था, इसे एक ऐसी शिल्पकृति बनाते हुए जो औचित्यपूर्वक अपने पुरस्कारों के योग्य है।
5. अपने जीवन-नुभवों का उपयोग कीजिए
जब अपने पात्रों का सृजन करने के लिए और अपनी कहानी को आकार देने के लिए लेखक संघर्ष करते हैं, तब उन्हें अपने चारों ओर देखना चाहिए, अपने अंदर झांक कर अपने जीवन के अनुभवों पर देखना चाहिए। किरण देसाई ने एक साक्षात्कार में इसका उल्लेख किया था कि उन्होंने अपने उपन्यास को आकार देने के लिए अपने अतीत के कई यात्रा अनुभवों से चित्रित किया था। हमलोगों में से अधिकांश के पास कई रोचक घटनाएँ और अनुभव होते हैं, और हमलोग अपने जीवन-पथ में कई अनूठे व्यक्तियों के साथ मिलते हैं। अपने वास्तविक जीवन-अनुभवों की निधि को साकार करना, और अपनी पुस्तकों को बेहतर बनाने में उनका उपयोग करना लेखकों पर निर्भर करता है।
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