अपने उपन्यास के लिए रुपरेखा का खाका तैयार करने के अनेक फायदे हैं, भले ही आप खुद को एक अच्छे रुपरेखा लेखक नहीं मानते है, दरअसल इस रुपरेखा का अनुसरण करते हुए आप अपने उपन्यास को लिख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि आपकी कहानी तय रुपरेखा से अन्य दिशा में जा रही है तो आप अपनी रुपरेखा में बदलाव चाहे तब कर सकते हैं, रुपरेखा का फायदा उठाने के लिए आपको इसे काफी मजबूत और प्रभावी बनाना होगा। रुपरेखा के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर हम यहाँ प्रकाश डालेंगे जिनकी सहायता से आप अपने उपन्यास में सभी आवश्यक बातों के बारे में पहले से सुनिश्चित हो सके जिन्हें कई बार भुला दिया जाता है और बाद में जोड़ने की जरुरत महसूस पड़ती हैं।
1. अंतिम लक्ष्य
अपनी रुपरेखा को बेहतर बनाने के लिए अपने उपन्यास नायक के लिए एक अंतिम लक्ष्य को तय करना एक पहली और सबसे महत्वपूर्ण जरूरत हैं। एक बार आप यह कर लें तो कहानी के काफी के सारे पहलु स्वतः ही तय हो जाते है। नायक का अंतिम लक्ष्य आपकी कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है – क्योंकि इसी नायक को आपकी कहानी आगे बढ़ाने के लिए फैसले लेने होते है। यही आपकी कहानी और अन्य पात्रों को आगे बढ़ाएगा, और कहानी के अन्य सारे पात्र आपके नायक के और उनके लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े होंगे। साथ ही सुनिश्चित करें कि यदि कोई अन्य व्यक्ति नायक की इस राह को शुरू करना चाहता है तो भी नायक यह अपनी इच्छा और खुद के दम पर यह शुरू करेगा।
2. आवश्यकताएँ
कहानी के अंतिम लक्ष्य के चयन के बाद, जो कुछ भी हो सकता है जैसे किसी मुश्किल समस्या या रहस्य को सुलझाना, तो इसके लिए आपको उसी अनुरूप ऐसे अवसर बनाने होंगे। जैसे किसी मानचित्र/नक़्शे में किसी स्थान पर खजाने का होना, तो उस खजाने तक पहुचने के लिए आपको उस प्रकार मौके बनाने होंगे। साथ ही मानचित्र में कुछ जगहों का आपको चुनाव करना होगा जो कि नायक को अपने लक्ष्य के करीब पहुँचने का पुर्वानुमान पाठक को लगा सके।
3. लाभ/पुरस्कार
जब आपका नायक कहानी के मुख्य लक्ष्य की ओर बढ़ेगा तो वह विभिन्न चीजों का सामना करेगा जिनमें से कुछ बुरी, कुछ अच्छी और कुछ उसके जीवन को बदल देने वाली हो सकती हैं। जो अच्छे अनुभव नायक को मिलते है वे उनके लक्ष्य तक पहुँचने के लिए जरुरी नहीं है। लेकिन वे असल में नायक द्वारा किये गए कार्यों के परिणाम के कारण बनते है। इस तरह मिलने वाला लाभ/फल नायक द्वारा किये गए त्यागों और बलिदानों में सामंजस्य बनाये रखता है। ये लाभ किसी दूसरे से दोस्ती होना या नया पालतू जानवर मिलने से लेकर कुछ भी हो सकता हैं।
4. त्याग/बलिदान
नायक या उसके मित्र अथवा सहायक के त्यागों को अक्सर बुरी घटना के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। और ऐसे त्यागों का प्रबल होना आवश्यक है ना कि बहुत सारे होना। जब नायक किसी चीज का बलिदान अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए करता है जैसे अपनई नौकरी अथवा अपना घर छोड़ना तो यह उस लक्ष्य की आवश्यकता को दर्शाता है, भले ही ऐसा कहानी में शाब्दिक रूप में ना लिखा गया हो। ऐसा नायक के चोटिल होने या किसी मित्र को खो देने से भी दर्शाया जा सकता है। आपको नायक के त्याग को चुनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इस बात का असर नायक के किरदार पर बड़ा असर पड़ना चाहिए ताकि वह उस किरदार को कहानी के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए तैयार कर सके।
5. परिणाम
आखिर में, अब परिणाम मिलते है। किसी भी रुपरेखा का यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलु है, जो कि कहानी के अंतिम लक्ष्य के बाद आता है। यह भाग लाभ, आवश्यकताओं और त्यागों को एक साथ जोड़ता है। क्या होगा अगर लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जाये? क्या यह नायक के लिए अच्छा होगा, या नायक इससे कोई सबक सीखेगा? लक्ष्य के अलावा वे सभी बातें जिन्होंने कहानी को अंत तक पहुँचाने में मदद की वे अनदेखी नहीं की जा सकती – अन्यथा आपकी कहानी से तर्क और मायने गायब हो जायेंगे, जो पाठकों को पसंद नहीं आएगा। ध्यान रहे कहानी का अंतिम लक्ष्य और कहानी के नायक और अन्य किरदारों के लिए गए फैसलों के परिणामों में सामंजस्य बना रहे इस बात का सदैव ध्यान रखें यही कहानी की रुपरेखा को आगे बढ़ाते हैं।
Image credit: Joost Markerink on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As a 22-year-old art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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