हर लेखक के लिए यह एक खास मौका होता है जब उसके दिमाग में अपने किरदार की एक पूर्ण तैयार छवि उभरती है, उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे वह किरदार उनके सामने खड़ा है, उनसे बातें कर रहा है, अपनी कहानी आपको बता रहा है। और ऐसे कुछ किरदार सामान्यतः आपकी कहानी के नायक बनते है। लेकिन, एक पूर्ण कहानी के लिए आपको अन्य कई लुभावने किरदारों की भी आवश्यकता होती हैं। और ऐसे में आप “आसान” रूपों में अपने अन्य किरदारों को बना लेते है जैसे उनका नाम, उम्र, शारीरिक दिखावट, लेकिन बात जब उन किरदारों के व्यक्तित्व की आती है तो आपके दिमाग में कुछ भी विशेष नहीं होता। इन लुभावने किरदारों को बनाने के लिए आपको उन्हें कुछ विशेषताएँ और सम्मान देना होगा। ऐसे ही कुछ बिंदुओं का समाकलन किया है जो आपकी कहानी को दूसरों से अलग बनाएंगे।
1. एक विशेष योग्यता
जी नहीं, हम किसी चमत्कारिक शक्ति की बात नहीं कर रहे है, ना ही उन्हें किसी विचित्र शक्तियों वाले नायक की तरह प्रकाशित करने जरूरत है। लेकिन आपके उपन्यास के सारे किरदारों में कोई ना कोई उपहारस्वरूप प्रतिभा का होना आवश्यक है। वे शायद ज्यादा अनुभवी हो सकते है या उनकी आवाज मधुर हो सकती है। इसमें याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बात है कि उनकी इस विशेषता से किरदार खुद अनभिज्ञ नहीं है। वे इस बारे में जानते है और अपनी प्रवृति के द्वारा इसका प्रदर्शन भी करते है। वे इस विशेषता को पसंद कर सकते या नापसंद कर सकते है, और किरदार का यह अंदाज उस किरदार की पहचान बन जाती है।
2. विरोधाभास
जब आप अपने किरदार के पहलु को एक शख्सियत देते है तो वह उनकी पहचान या वे जो बनना चाहते है उसका विरोधाभासी बन जाता है, ऐसा करके आप स्वतः ही अपने किरदार को जटिल और पेचीदा बना देते है। उदाहरणतः कोई पसंद ना किये जाने योग्य किरदार छोटा सा अच्छा कार्य करके सबका चहेता बन जाता है। या, एक छोटा बच्चा बहुत ही सभ्य और अनुभवी की तरह बात करता है तो ऐसे किरदार को पाठक बच्चा नहीं मान सकते है। हाँ यह कोई विशेष योग्यता हो सकती है लेकिन इसका विरोधाभास किरदार स्वयं के द्वारा स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय यह एक अनजान प्रतिभा भी हो सकती है जो केवल आपके उपन्यास के पृष्ठों पर ही दिखाई देनी चाहिए।
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3. जुनून
यह तो सब जानते है नायक का हमेशा एक न एक लक्ष्य होता है, कुछ ऐसा जिसे उसे उपन्यास के दौरान पूरा करना ही होता है। लेकिन इस लक्ष्य की जरूरत केवल नायक को ही नहीं होती है, पहले बताये अनुसार कहानी के अन्य सभी मुख्य किरदारों को भी इस लक्ष्य की आवश्यकता होती हैं। उदाहरण के लिए, खलनायक हमेशा काफी जुनूनी होता है वह सदैव नायक को उसके लक्ष्य तक पहुँचने से रोकने में लगा रहता है। लेकिन इसके अलावा अन्य किरदारों में भी किसी जुनून का होना आवश्यक है, ये सब प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नायक के जुनून से जुड़े होने चाहिए। यह जुनून आपकी कहानी और उन किरदारों के व्यक्तित्व को रोचक बनाता है और उन अन्य सभी किरदारों की कहानी में भूमिका को निश्चित करता है।
4. दोष-पूर्णता/कमियां
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है जो हमें सबसे ज्यादा दिखाई देती है। और जब उनकी यह कमजोरी हमें असल जीवन में नहीं दिखाई देती है, तो उसे हमें किरदार में दिखानी होती है। यह किरदार को जिवंत बनाता है, और आपके पाठकों को आसानी से किरदार के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ता है। यह कोई रहस्य हो सकता है, या अप्रत्याशित भी हो सकती है। यह आपके किरदार की एक दूसरी छवि को दर्शाता है, जिसमें किरदार काफी चिंतित सा दिखाई देता है और उसे अपनी समस्याओं का खुद ही सामना करना होता है।
5. एक अदृश्य बिंदु
अब तक हमने किरदार के व्यक्तित्व के सभी पहलुओं के बारे में जान लिया है, जो जटिल, आपस में जुड़े और आपस में बदल सकने वाले है। यह खास क्षमता उनकी विरोधाभासी हो सकती है, या किरदार का जुनून उसकी दोष-पूर्णता बन सकता है। इन चारों पहलुओं को आप बहुत से अलग अलग तरीकों से इस्तेमाल कर सकते है। इसके बाद इसमें एक अदृश्य बिंदु या छवि आती है। यह किरदार के उस रूप को व्यक्त करता है जिसके बारे ने किरदार अनजान है, यह शारीरिक, मानसिक अथवा व्यवहारिक भी हो सकता है। असल में यह केवल धोखा देने के लिहाज से भी हो सकता है।
उदाहरण के लिए, एक किरदार जो सोचता है कि वह रहस्यों को छुपा सकता है और उनकी शक्ल भी भाव शून्य है, लेकिन असल में उनकी शक्ल सब कुछ साफ़ साफ़ बात को बता देती हैं, भले ही किरदार कुछ ना भी बताये। जब वह किरदार अपने इस अनजान छवि को जान लेता हूं, तो यह एक चिंतित और नाटकीय क्षण होता हूं। यह वह समय होता है जो किरदार को बेहतर बनाता है। और जब किरदार और कहानी की रुपरेखा साथ साथ चलते है तो इससे कहानी को आगे बढ़ने में सहायता मिलती है।
Image credit: Anne Worner on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As a 22-year-old art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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