इंटरनेट, या वह पुस्तकें जो सिखाती हैं कि अधिक और बेहतर कैसे लिखें, उपन्यास की संरचना कैसे करें, या भव्य और कस कर गुँथे हुए कथानक की सृष्टि कैसे करें, लिखने के लिए इन सभी में प्रचुर गुर मिलते हैं। तथापि, इन्हें इनमें से अधिकांश गुर और परामर्श एक जैसे और आपस में अदला-बदली किए जाने योग्य लग सकते हैं। और सबसे खराब यह है कि वे आपको ऐसे प्रतीत हो सकते हैं कि इनसे आपको कोई भी सहायता नहीं मिल रही है, या पर्याप्त सहायता नहीं मिल रही है। यहीं समस्या है – स्वयं आपके अतिरिक्त आपको कोई भी नहीं सिखा सकता है कि बेहतर कैसे लिखें। इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बाहरी परामर्श से सीखने में सक्षम नहीं हैं। इसका अर्थ यह है कि आपको घेरे से बाहर जाकर सोचने और कुछ अपरंपरागत लेखन गुरों का प्रयोग करने की आवश्यकता है जिन्हें हमने नीचे एकत्रित किया है।
1. लिखते-लिखते आविष्कार करें
एक सर्वनिष्ठ परामर्श है कि इससे पहले कि आप उपन्यास लिखना आरंभ करें, आपको लगभग प्रत्येक चीज पर शोध करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त जब आप लिखते हैं, आपको उस जगत के प्रत्येक हिस्से से जागरूक रहना चाहिए। हाँ, यह हो सकता है कि कि कुछ लेखकों के लिए यह आसान हो – वे हमेशा जानते हैं कि वे ब्रह्मांड में, कहानी में और चरित्रों तथा उनके संबंधों, आचरणों, व्यक्तित्वों में कहां हैं। परंतु यदि लिखने का यह रीति आपके लिए कारगर नहीं होती है, तब विलोम का प्रयास क्यों नहीं करते? प्रत्येक चीज को जानने का प्रयास करने के बदले, आप उनके संबंध में जितना अधिक से अधिक लिखते हैं, अपने ब्रह्मांड और अपने पात्रों का आविष्कार कीजिए। यदि आपने लिखने से पहले कथानक की सृष्टि की है, तब आप इसे अपने कथानक की सीमाओँ में कर सकते हैं, या लिखते हुए कथानक ती सृष्टि और उसका आविष्कार कर सकते हैं, ठीक उसी तरह, जैसे आपने ब्रह्मांड के अन्य तत्वों का किया है।
2. आकस्मिक स्पर्शरेखाओं का अनुसरण कीजिए
एक अन्य सर्वनिष्ठ निर्देश है कि आप अपने पात्रों को इसका नियंत्रण करने की अनुमति नहीं दीजिए कि आपकी कहानी कहां जाती है। इसका अर्थ है कि आपको अपने चरित्रों को उस प्रकार की कार्यवाही नहीं करने देना चाहिए जो कथानक को आगे बढ़ने में सहायता नहीं करता, या दूसरे शब्दों में, आपको उन स्पर्शरेखाओं पर जाने से बचना चाहिए जो आपके द्वारा पूर्वनियोजित मूल पथ से अलग है। तथापि, इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको कभी भी स्पर्शरेखा का अनुसरण करना ही नहीं चाहिए। आप नहीं जानते कि वह स्पर्शरेखा आपकी कहानी को कहाँ ले जा सकती है, और यह पहले से बेहतर बन कर निकल सकती है।
3. अस्वाभाविक लेखन अनुष्ठानों की सृष्टि कीजिए
कुछ लेखक सुबह, उन प्रेरणाओं का अनुसरण करते हुए काम करना आरंभ करते हैं, जो उनके लिए अच्छा काम करती हैं। परंतु तब क्या होगा, यदि आप ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं? हो सकता है कि आपके काम करने के लिए सबसे अच्छा समय मध्यरात्रि है। यदि ऐसा है, तो मध्यरात्रि ही आपके काम करने के लिए सही समय है। या हो सकता है कि आप एक कप कॉफी या अपनी बगल में पानी की एक बोतल के बिना काम करने में अक्षम हों। या, हो सकता है कि प्रेरणा पाने के लिए आपके लिए सबसे अच्छा उपाय टहलना, या केवल संगीत सुनना है। उसे ढूँढ़ निकालिए जो आपको अधिक उत्पादक बनाता है और जिससे आप बेहतर लिखते हैं, और जो भी कार्यवाही यह सुनिश्चित करती है कि आप लिखने में यथासंभव अत्यधिक आनंद लेंगे, उसे कीजिए। और जितना आप कर सकते हैं इसे दोहराएँ।
4. अपनी कहानी का मध्य भाग लिखिए
जब आप अपनी कहानी का मध्य जानते हैं, तब आप जानते हैं कि आपका उपन्यास किस संबंध में है। इसी भाग के दौरान आप यह आविष्कार करना आरंभ करेंगे कि पिछला घटनाक्रम कहाँ लाया है, और आपको वह सही उपाय ज्ञात हो जाएगा जिससे एक विस्मयकारी अंत की सृष्टि करने के लिए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। निश्चित रूप से, अंत वह भाग है जो उपन्यास को बनाता या बिगाड़ता है, परंतु वह मध्य भाग है, जो अंत के लिए मनस्थिति की स्थापना करता है। इस तरह, आप अपने उपन्यास का मध्य भाग लिखने का प्रयास कर सकते हैं, और तब वापस जाकर आरंभ की इस प्रकार सृष्टि कर सकते हैं जो मध्यभाग में और भी गहराई जोड़ सकता है। अंत लिखने के बाद, आप यह पाकर अचंभित हो सकते हैं कि आपका उपन्यास उससे बहुत बेहतर निकल आया है, यदि आपने सब कुछ व्यवस्थित ढंग से लिखा होता।
5. अध्याय में कुछ अधिक जोड़िए
जब अपने उपन्यास का संपादन कर रहे होते, आपने लक्ष्य किया है कि आपके अध्यायों, दृश्यों या पैरग्राफों में भी कुछ कमी रह गई है? आपको अपने लेखन के अनावश्यक भागों को काटने के लिए सबसे सर्वनिष्ट परामर्श की आवश्यकता होती है। परंतु यदि आपकी समस्या यह है कि आप पर्याप्त नहीं रहे हैं, तब क्या होगा? क्या इसका अर्थ यह है कि आपने आरंभ में जो लिखा था उसे केवल वैसा ही रहना चाहिए? नहीं। यदि आप आवश्यक समझते हैं, तब अपने दृश्यों में और कुछ जोड़ने के लिए आपको हमेशा स्वतंत्र अनुभव करना चाहिए। यहीं आपको अपने साथ ईमानदार रहने कि आवश्यकता है और जानना है कि आपको किस पर काम करना है। और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी दृश्य में कुछ अधिक लिखे जाने की आवश्यकता है जिससे आपका उपन्यास पढ़ने में पहले से बेहतर लगे, तब इसे कर डालिए। आखिरकार, यदि बाद में आपको ज्ञात होता है कि दृश्य में कुछ चीजों की आवश्यकता नहीं है, आप उसे हमेशा काट सकते हैं।
[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic. As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
[/author_info] [/author]