आपने अपनी पुस्तक लिख ली है, उसके बाद, आपको इसे किसी साहित्यिक अभिकारक पर स्थिर करना है, या इसे अमेजन या अन्य मंचों के माध्यम से स्वयं प्रकाशित करने की आवश्यकता है। यदि आप परंपरागत प्रकाशन साधनों के माध्यम से आगे बढ़ना चाहते हैं, तब आपको एक प्रश्न पूछते हुए पत्र, अपनी पुस्तक के कुछ आरंभिक अध्याय तथा एक सारांश भेजना है। अब, अधिकांश लेखक सारांश लिखने से घृणा करते हैं, और इसका कारण भी है। यदि आप इसे गलत करते हैं, तब परिणाम विनाशकारी होंगे, वहीं, दूसरी ओर इसे ठीक से लिखना पेचीदा है। अपनी पुस्तक लिखने के लिए आप जिसका अनुसरण कर सकते हैं, वैसा कोई भी सही “नुस्खा” नहीं है। चूंकि सारांश कथानक का संक्षेप है, इस पर भी वही प्रयोज्य है। तथापि, कुछ गुर हैं जो एक ऐसा सारांश लिखने में आपकी सहायता कर सकते हैं जो किसी भी साहित्यिक अभिकारक या संपादक को आपकी पूरी पांडुलिपि पढ़ने के लिए बाध्य करेगा।
1. पहला पैरग्राफ
आपको सारांश के पहले पैरग्राफ के साथ विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इसे दर्शाना चाहिए कि आपकी कहानी में एक बिल्कुल ताजा और दिलचस्प आधार है, कि अग्रणी आकर्षक और दिलचस्प है, और यह कि कहानी चाहे कथानक द्वारा प्रेरित हो या पात्र के द्वारा, यह उन मुद्दों और विषय-वस्तुओं की चर्चा करती है जो विशिष्ट हैं और पहेलीनुमा हैं। इसके समांतर: आपकी पुस्तक के पहले अध्याय में कोई अंकुश होना चाहिए – कुछ ऐसा जो आपके पाठक को कहानी की ओर आकर्षित करे, और यह वही अध्याय है जिसे सारांश के पहले पैरग्राफ में संपीडित किया जाना चाहिए।
2. कहानी की दुनिया को स्थापित करें
सारांश को दोहरे हाशिए वाले दो पृष्ठों से अधिक लंबा नहीं होना चाहिए। जब आप लगभग 80 हजार शब्दों (औसत) के उपन्यास को संपीडित करने के संबंध में सोचते हैं तब यह असंभव प्रतीत हो सकता है, विशेषतः जब यह लगता है कि अग्रणी तथा अन्य मुख्य पात्रों और वह दुनिया जिसमे कहानी घटित हो रही है, इनका वर्णन करते हुए आप केवल कुछ ही पैरग्राफ्स लिख सकते हैं। परंतु यह आवश्यक हैं – आप पाठक को सारांश पढ़ते हुए अंधेरे में भटकने देना नहीं चाहते, उन्हें वास्तव में जानने की आवश्यकता है कि पात्र कौन हैं। इसके अतिरिक्त, सुनिश्चित कीजिए कि पहली बार जब आप किसी नए पात्र का परिचय देते हैं; आप ध्यान आकर्षित करने के लिए उनका नाम बड़े अक्षरों में लिखते हैं।
3. कथानक आधार
सारांश को यह दर्शाने की आवश्यकता है कि आपकी कहानी का कथानक है जो आनुषंगिक घटनाओँ के द्वारा निर्मित है। इसे करने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है प्रत्येक अध्याय को पढ़ना तथा प्रत्येक मैं होने वाली महत्वपूर्ण बड़ी घटनाओँ का संक्षेप करना। कुछ शुष्क सुनाई देने से डरिए नहीं– वास्तव में आपको डर लग सकता है, क्योंकि यह वही चरण है जहाँ आप उन धटनाओं को सूत्रित कर रहे हैं जो पराकाष्ठा की ओर ले जाती हैं। और, आपको अंत भी सम्मिलित करना है। सारांश में कोई भी असमाप्त परिस्थिति या असमाप्त कथावस्तु नहीं है। स्मरण रखें, सारांश का अर्थ आपके पाठक को विश्वास दिलाना है कि हाँ, आप कोई संसक्तिशील कहानी लिख सकते हैं, और यह, कि कहानी का एक संतोषप्रद निष्कर्ष है।
4. पात्र का चापकर्ण
जब आपने कथानक की घटनाओं को सूत्रित कर लिया है, तब आपको कहानी के भावनात्मक पक्षों को सम्मिलित करना है। कोई पात्र, कहानी के दौरान बड़े या छोटे परिवर्तनों से हो कर गुज़र सकता है। इसलिए, इस बार, प्रत्येक अध्याय को पढ़िए और चिह्नित कीजिए कि अग्रणी कैसे कहानी के साथ बदलता है और इन्हें घटनाओं के बीच सम्मिलित कीजिए। कारण तथा प्रभाव को नहीं भूलिए – सुनिश्चित कीजिए कि पाठक को ज्ञात हो जाए कि अग्रणी में परिवर्तन किस कारण से हुआ था, क्या यह कारण कोई घटना थी, या कोई पात्र था। इसके अतिरिक्त, यदि कहानी में कोई महत्वपूर्ण संबंध है, उन व्याख्याओं के साथ कि यह क्यों घटित हुआ था, बिल्कुल कथानक के समान इसकी भी व्याख्या की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसे भी स्पष्ट किया जना चाहिए कि यह महत्वपूर्ण बड़ा संबंध आरंभ में क्या था, और अंत में यह क्या हो गया है।
5. कथा-प्रवाह
अधिक से अधिक, सारांश को कहानी के समान पढ़ा जा सकता है, वर्तमान काल में प्रथम पुरुष में कहा जा सकता है, यद्यपि आपका उपन्यास उत्तम पुरुष के दृष्टिकोण से भूतकाल में लिखा गया था। उन वाक्यांशों का प्रयोग करने से बचें जो कथानक से निकले हैं, जैसे “पराकाष्ठा में,” या “फ्लैशबैक में।” कथा को स्वाभाविक रुप से प्रवाहित होना चाहिए। आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपने कोई ब्रेक दृश्य सम्मिलित नहीं किया है। और यदि समय कई घंटों, कई सप्ताहों इत्यादि से उछल गया है, तब आपको इस प्रकार से लिखना चाहिए कि भ्रम पैदा करने से बच सकें। एक और भी चीज करने से आपको बचना चाहिए, वह है अत्यधिक पात्रों को सम्मिलित करना। यदि उन पात्रों और घटनाओँ का कथानक पर बड़ा प्रभाव नहीं है, तब उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए।
Image credit: poppet with a camera on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As a 22-year-old art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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