आजकल पाठकों के पास चुनने के लिए विकल्प के रूप में विभिन्न फॉर्मैट्स में पुस्तकों की हैरान कर देने वाली बड़ी संख्या है। जहाँ पाठक विकल्पों की बहुतायत से हितलाभ प्राप्त करते हैं, वहीं लेखकों के पास शेल्भ्स पर ( या ई-पुस्तक की दुकानों में) रखी हजारों पुस्तकों के बीच पाठकों को अपनी पुस्तकों पर आकर्षित करना एक कठिन कार्य है। लेखकों के पास तीन मुख्य उपकरण हैं जो पाठकों का ध्यान आकर्षित करने में सहायता कर सकते हैं: आकर्षक पुस्तक आवरण, आकर्षक शीर्षक, और एक बहुत बढ़िया पुस्तक परिचय।
परिचय पुस्तक का एक संक्षिप्त वर्णन है जो पाठकों को और अधिक पढ़ने के लिए प्रलोभन देता है। यह सारांश से अलग है जो पुस्तक की पूरी कहानी को खोल देता है। परिचय अधिकतर किसी टीज़र ट्रेलर के समान है, और इसका कार्य है कहानी के संबंध में अधिक विवरण दिए बिना तत्काल पाठक को कहानी में अटका लेना है।
यहाँ बहुत बढ़िया पुस्तक परिचय लिखने के लिए कुछ गुर दिए गए हैं:
1. शोध
पुस्तक परिचय लिखने के लिए, पहला चरण है कि किसी बढ़िया परिचय की रूपरेखा तथा फॉर्मैट की अवधारणा पाने के लिए, जितना भी संभव हो सके उतने परिचय पढ़ना। अपनी पुस्तक की विधा और श्रेणी की किसी लोकप्रिय पुस्तक को उठाइए, और यह देखने के लिए पुस्तक परिचय पढ़िए कि इसने पुस्तक खरीदने के लिए पाठकों को कैसे मोहित करने का प्रबंध किया था। यदि यह गैर-कल्पना-साहित्य पुस्तक है, तब परिचय पाठकों को कैसे विश्वास दिलाता है कि वे अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं, या उस पुस्तक से कुछ नया सीख सकते हैं? यह यदि कल्पना-साहित्य उपन्यास है, तब यह पाठकों में पात्रों, कहानी या कथानक के संबंध में अधिक जानने की रुचि कैसे जगाता है? अपनी पसंद के परिचयों का चयन करें और नोट कर लें कि वह पाठकों को अटकाने में कैसे प्रभावी हुए हैं। अपनी पुस्तक का परिचय तैयार करने में इन्हें मार्गदर्शकों के रूप में प्रयोग करें।
2. सही ध्वनि का प्रयोग करें
लिखने की शैली तथा ध्वनि के पदों में आपके परिचय को आपकी पुस्तक का बढ़िया प्रतिनिधित्व करना चाहिए। उदाहरण के लिए, किसी दुःखात प्रेम-कहानी का परिचय जोशीला और उत्फुल्ल नहीं होना चाहिए, इसके बदले, कहानी की अनुभूति तथा नाटक के लिए किसी भावना की सृष्टि कीजिए, और पुस्तक के अंदर अधिक मर्मस्पर्शी दृश्यों के लिए वादा कीजिए। जितनी पुस्तक आपूर्ति कर सके, परिचय में उससे अधिक वादा नहीं किया जाना चाहिए, विशेषतः अधिसूचना पुस्तकों के मामले में।
3. अंतर्निहित विषय-वस्तु पर ध्यान केंद्रित करें
जहाँ 50,000 शब्दों के महाकाव्य इतिवृत्त को केवल कुछ पंक्तियों में वर्णन करना आसान नहीं होगा, वहीं एक संक्षिप्त परिचय आपको सोचने तथा कुछ ही पंक्तियों में व्याख्या करने के लिए बाध्य कर सकता है कि आपकी पुस्तक की मुख्य विषय-वस्तु क्या है और आपकी पुस्तक क्यों महान है। यह आपकी पुस्तक की प्रचार-प्रसार क्रियाकलापों में भी सहायता करेगा। एक तरकीब है – सभी मुख्य बिंदुओं और पुस्तक के सबसे दिलचस्प अंशों में दक्षता कर लेना, तथा पहले तीन-चार पृष्ठ लंबा एक सारांश लिख लेना (जिसे आप परंपरागत प्रकाशन के लिए किसी भी अवस्था में करते), तब इसे काट-छांट कर एक पृष्ठ का संक्षेप तक लीजिए। अब, जबकि आपने पुस्तक का सार-तत्व पकड़ लिया है, अंत को छोड़ दीजिए और इस पर ध्यान केंद्रण करें कि कैसे मुख्य क्षेत्रों और अपनी पुस्तक के सबसे रुचिकर पहलुओं को कैसे रेखांकित किया जाए।
4. इसे संक्षिप्त रखें
कोई औसत परिचय केवल 150 शब्दों, और केवल दो पैरग्राफ्स का होता है। याद रखिए कि पाठक भीड़-भरी दुकानों में संभवतः परिचय की जाँच कर रहे हैं, या सैकड़ों एक जैसी ई-पुस्तकों की तेजी से ब्राउचिंग कर रहे होंगे। एक संक्षिप्त और दो टूक परिचय जो आपकी पुस्तक के लिए केवल दिलचस्पी और वातावरण की सृष्टि करता है वह आपकी पूरी पुस्तक का वर्णन करता हुआ आधे पृष्ठ के विवरण से अच्छा है। याद रखिए कि परिचय का काम है पाठकों को पुस्तक की विषय-वस्तु के संबंध में उत्तेजित तथा टीज़ करना और उन्हें पुस्तक पढ़ने के लिए बाध्य करना, साधारणतः एक मिनट के अंदर।
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