रामचंद्र गुहा बंगलोर, भारत में आधारित एक महान विद्वान लेखक हैं। उनका जन्म 29 अप्रैल 1958 को देहरादून में हुआ था। उन्होंने स्कूल की शिक्षा दून स्कूल से ली थी, जहाँ वे दून स्कूल वीकली के संपादक थे। आगे चल कर वे सेंट स्टीफन्स से अर्थशास्त्र में स्नातक हुए, डेल्ही स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातकोत्तर हुए और तब उन्होंने आइआइएम-सी से एक फेलोशिप कार्यक्रम किया था जो पीएचडी के समकक्ष है।
रामचंद्र गुहा ने भारत, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन किया है और वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पूर्ण प्राध्यापक का पद धारण करते थे। उन्होंने व्यापक क्षेत्र के विषयों पर लिखा है जिसमें पर्यावरण, भारतीय इतिहास, क्रिकेट और आत्मकथाएँ सम्मिलित हैं, परंतु उनका लिखना इन तक सीमित नहीं है।
वह द टेलीग्राफ और हिंदुस्तान टाइम्स के स्तंभ लेखक भी हैं। द यूनिकेट वुड्स, ऐन इंडियन क्रिकेट ऑमनीबस, इंडिया आफ्टर गांधी, इत्यादि उनकी कुछ पुस्तकें हैं। उन्हें पर्यावरण इतिहास के लिए लियोपोल्ड हाइडी पुरस्कार, 2003 में चेन्नई पुस्तक मेंला में आर के नारायण पुरस्कार, 2009 में पद्म भूषण और इंडिया आफ्टर गांधी के लिए साहित्य अकादमी जैसे अनगिनत पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
रामचंद्र गुहा एक उर्वर और बहुमुखी-प्रतिभासंपन्न लेखक हैं। उन्होंने अब तक समृद्ध जीवन जिया है। किसी भी लेखक को उनके लेखनों और जीवन, दोनों से शिक्षा लेनी चाहिए।
1. अच्छी शिक्षा
अच्छी शिक्षा की पृष्ठभूमि आपके मूलतत्व को केवल शैक्षणिक दृष्टि से ही नहीं, परंतु सामाजिक रूप से भी सशक्त करती है। शिक्षकों और सहपाठियों के पदों में विश्व के सर्वोत्तम प्रतिभाशाली मस्तिष्कों के साथ अनावरण आपके अपने क्षितिज को प्रशस्त करता है। अध्ययन आरंभ करने के लिए कभी भी अत्यधिक विलंब नहीं होता है। यदि आप सर्वदा किसी ऑनलाइन या अंशकालिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते थे तो अब इसे करने के लिए समय निकालिए। इसका लेखन से ही संबंधित होना आवश्यक नहीं है। ज्ञान कभी भी व्यर्थ नहीं होता और इसे अभिग्रहण करने से आपको कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए।
2. एक अच्छा पाठक बनें
रामचंद्र गुहा ने स्वयं स्वीकार किया है कि वे एक कुशाग्रबुद्धि पाठक हैं। परंतु वह उत्कृष्ट साहित्य के साथ-साथ नए लेखकों की नवीनतम कृतियों को भी पढ़ते हैं। वह अरुंधती राय के प्रशंसक हैं। एक लेखक के रूप में भी, आपसे जितना संभव हो सके उतनी नई पुस्तकें और नए लेखकों को पढ़ना चाहिए। यह आपको समयों के अनुसार पाठकों के की मांगों के साथ ताल-मेल रखने में सहायता करता है और आपके बौद्धिक अस्तित्व को संपन्न करता है।
3. उन विषयों पर लिखिए जो आपको रुचिकर लगें
यदि आप उन विषयों को चुनते हैं जो आपके हृदय के अनुकूल हैं तब आप सर्वश्रेष्ठ कृतियों की रचना करने के लिए बाध्य हैं, चाहे आप कोई निबंध लिखते हैं, कोई लघु-उपन्यास, कोई पुस्तक या केवल कोई ब्लौग निबंध। अपने गिर्द के और संसार की वर्तमान सामाजिक घटनाओं के साथ स्वयं को संयोजित रखें। ऐसी घटनाएँ आपसे व्यक्तिगत स्तर पर अनुभव कराती हैं, जो महान लेखन के लिए पर्याप्त सामग्री है।
4. एक स्वस्थ्य लेखन परिवेश का पालन करें
किसी लेखक के लिए बढ़िया लेखन परिवेश आवश्यक है। रामचंद्र गुहा अपनी मान्यता को आधिक्य के साथ लागू करते हैं। उनका शांत और सुरम्य घर जिसे उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बनाया है, उनके सृजनात्मक रसों के प्रवाह में वृद्धि करता है।
5. सामाजिक बनिए
एकाकीपन को बहुधा किसी लेखक की प्रेरक शक्ति कहा जाता है। परंतु एकाकीपन केवल लिखते समय आवश्यक है। जितना संभव हो सके आपको उतने ही अधिक लोगों से मिलना चाहिए क्योंकि लोगों के साथ अंतःक्रिया आपको जिन अवधारणाओं का खाद्य उपलब्ध करती है वह आपको अन्यथा कभी भी नहीं मिल सकता। रामचंद्र गुहा मित्रों के साथ दावतों, वनभोजों में सम्मिलित होते हैं और वे बहुत से समूहों और संगठनों के अंश हैं, जो उन्हें विभिन्न मुद्दों और विषयों पर नवप्रवर्तक अवधारणाएँ प्रदान करते हैं।
रामचंद्र गुहा अपने आप में एक साहित्य हैं और वे अपनी प्रत्येक कृति के साथ हमें साहित्यिक सीखें देते रहेंगे।
Image credit: Pushkarv on Wikimedia Commons and reproduced under Creative Commons 3.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/03/Shweta-Pic.jpg[/author_image] [author_info]Shweta Mishra is a freelance writer with over 13 years experience. You can visit her website https://aainfotech.in to get to know more about her writing.[/author_info] [/author]