कुछ लेखक किसी लैपटॉप के सामने बैठ जाते हैं और कीबोर्ड पर तुरंत टाइप करने लगते हैं और घंटों करते रहते हैं। वे अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली लगते हैं, नहीं लगते क्या? वे कभी भी संदेहों में उलझते प्रतीत नहीं होते हैं: अपने आप में, अपनी कहानियोँ में, और उस चीज के महत्व में, जिसे उन्हें कहना है। परंतु सत्य यह है कि कई वाक्यांश हैं जिन्हें प्रत्येक लेखक को लिखने की प्रक्रिया के दौरान याद रखने की आवश्यकता है। निम्नलिखित वाक्यांशों का अभिप्राय लिखने की प्रक्रिया के संदेहों को दूर करना है, और इसे आनंददायक और उपयुक्त बनाना है। यदि आप कोई कहानी लिखते समय असुरक्षित अनुभव करते हैं, स्वयं को निम्नलिखित वाक्यांशों में से कम से कम एक की याद दिला दीजिए, और उन्हें कहानी पृष्ठबद्ध करने के लिए आपको आगे धकेलने दीजिए।
1. लिखना आपको बेहतर लिखने के लिए प्रेरित करेगा
बहुत से लेखक कहते हैं कि कैसे लिखना चाहिए, आप इसे केवल लिखते हुए ही सीख सकते हैं। यह अन्य किसी भी शिल्प के समान एक शिल्प है और आप इसके संबंध में कुछ भी नहीं जानते हुए किसी नौसिखिए के समान ही सीखते हैं, और आप जितना अधिक इसे करते हैं, अपनी कुशलताओं में उतनी ही वृद्धि करते हैं। प्रत्येक अगला शब्द पूर्ववर्ती शब्द की तुलना में बेहतर सोचा गया और बेहतर शिल्पबद्ध किया गया होगा। वाक्यों, पैरग्राफ्स, अध्यायों, कहानियों, और अंत में उपन्यास के स्तर में भी यही प्रयोज्य है। आपका दूसरा उपन्यास पहले उपन्यास से बेहतर होगा और तीसरा अपने पूर्ववर्ती से बेहतर होगा।
2. लेखन सिखाया और सीखा जा सकता है
कुछ लेखक आपसे कहेंगे कि उन्हें लेखन तथा साहित्य में कोई भी डिग्री नहीं है, और फिर भी, वे समालोचनात्मक जयघोष और वाणिज्यिक सफलता के योग्य उपन्यास निकालते प्रतीत होते हैं। क्या इसका अर्थ है कि उन्होंने प्रतिभा के साथ जन्म लिया था? उन्होंने अवश्य ही लिया था, परंतु उस तरह से नहीं जैसा आप सोचते हैं। आपने एक ही प्रतिभा के साथ जन्म लिया है – कहानी कहने के लिए सच्चे प्रेम के साथ। लेखन एक शिल्प है, और इसे सीखा जा सकता है, केवल लिखने के माध्यम से ही नहीं। आप कथानक-लेखन, चरित्र-चित्रण, पृष्ठकथा और जगत-निर्माण के लिए अर्पित पुस्तकें पा सकते हैं। उन्हें पढ़िए, उनका अवशोषण कीजिए, और इस ज्ञान का उपयोग अपने शिल्प में कीजिए। केवल इसलिए कि कथावाचन आपके पास स्वाभाविक रूप से आता है, इसका अर्थ यह नहीं है कि इस पर इतना अधिक अभ्यास करते हुए जब तक कि यह साँस लेने के समान स्वाभाविक हो जाए, आप इसमें सुधार करना नहीं सीख सकते हैं।
3. प्रत्येक व्यक्ति अलग ढंग से लिखता है
दूसरी ओर, यदि दूसरे लेखकों के गुर और परामर्श आप पर काम करते नहीं लगते और लिखने की प्रक्रिया को अधिक आनंददायक नहीं बनाते, तब इसका यह अर्थ नहीं है कि आपको छोड़ देना चाहिए और हार मान लेना चाहिए। आपको स्वयं अपनी लिखने की पद्धति ढूँढ़ लेनी चाहिए, स्वयं अपने गुर और परामर्श की सृष्टि कीजिए। प्रत्येक लेखक अलग ढंग से लिखता है, और जो कुछ एक लेखक के लिए काम करता है, संभव है कि वह आपके लिए कार्यकारी नहीं हो। तथापि, आपको शोध करना चाहिए और देखना चाहिए कि लेखक इसे कैसे करते हैं – और आप विभिन्न लेखकों से गुरों का संग्रह कर सकते हैं, एक संयोजन, जो आपके लिए कार्यकारी होगा।
4. आप इसे हमेशा बेहतर लिख सकते हैं
किसी उपन्यास का पहला प्रारूप एक पांडुलिपि है जिसे प्रचुर संपादन की आवश्यकता होती है। इसे कभी भी प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए। वास्तव में, अधिकांश प्रकाशन गृह आपकी पांडुलिपि को ठुकरा देंगे, और यदि आप इसे स्वयं प्रकाशित करते हैं, तब आपको वह वाणिज्यिक सफलता नहीं मिल सकती जिसे आप चाहते हैं। क्यों? क्योंकि उत्कृष्ट कृति होने के लिए प्रारूपों पर बहुत काम किए जाने की आवश्यकता है। अच्छा समाचार यह है कि प्रत्येक पैरग्राफ, वाक्य और अध्याय बेहतर लिखा जा सकता है। आप कोई अध्याय लिख रहे हैं और आपके पास हजारों संपादन, या फिर से लिखने के लिए तथा पहले से बेहतर और अच्छा बनाने के लिए अवसर है।
5. कथावाचन जीवन के संबंध में है
लेखन एक कुशलता है जो शब्दों को, समझने में सरल वाक्यों में सूत्रबद्ध करने पर केंद्रित रहता है। परंतु कथावाचन जीवन के संबंध में है. लेखन एक एकाकी प्रक्रिया है जिसका अधिकांश आपके मन में होता है। परंतु कथावाचन घटनाओँ और स्वयं जीवन के द्वारा हमारे अंदर आह्वान की गई भावनाओँ पर ध्यान केंद्रित करता है। इसलिए इसकी अनदेखी नहीं कीजिए। एक साँस लीजिए। शिथिलता लाइए। बाहर जाइए और नई चीजों का अनुभव कीजिए। बाहर की दुनिया को अंदर लाइए और जितना आप सीख सकते हैं, जीवन से उतना सीख लीजिए। जीवन में थोड़ा रहिए और तब अधिक रहिए। यही अनुभव हैं जो आपको बेहतर कहानियाँ लिखने में सहायता करेंगे, क्योंकि अच्छी कहानियाँ हर जगह हैं। उन्हें ढूँढ़िए, उनके संबंध में सीखिए और उन्हें अपने से हो कर प्रवाहित होने दीजिए। और तब अपनी कहानी कहिए। यह आश्चर्यजनक तथा उत्तेजक होने वाली हैं।
Image credit: Pixabay[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic. As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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