पथप्रदर्शक समूह की अवधारणा कई लेखकों के लिए अपरिचित हैं, यद्यपि यह 40 के आरंभ के दशक से ही अस्तित्व में है (नैपोलियन हिल ने अपनी पुस्तक Think and Grow Rich में इसका आविष्कार किया था) और लेखों के लिए अत्यंत उपकारी है। व्यक्तियों के उस समूह के रूप में इसकी परिभाषा की गई है जो दूसरे व्यक्तियों की प्रतिभा को एकत्रित करतं हुए लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं।
मौलिक रूप से, व्यक्तियों को एक समूह किसी समस्या पर विचारावेश करने के लिए तथा परस्पर परामर्श और सलाह देने के लिए नियमित रूप से मिलता है (यह मासिक, साप्ताहिक, या दैनिक भी हो सकता है, इस पर निर्भर करते हुए कि किस पर सहमति हुई है)। यदि आप अपने आप चुनौतियों से जूझते हुए लेखक हैं तथा समान-सोच रखने वाले व्यक्तियों से लाभान्वित होंगे, तब यहाँ इसके लिए कुछ गुर दिए गए हैं कि लेखकों के लिए पथप्रदर्शक समूह का आरंभ कैसे करें और इसे कैसे चलाएँ:
सबसे पहले अहंकार को बाहर रखिए
किसी पथप्रदर्शक समूह का कोई नेता नहीं होता. यह कोई समूह प्रशिक्षण केंद्र नहीं है जिसके केंद्र में कोई व्यक्ति होगा, जो सब-कुछ उपलब्ध करेगा। प्रत्येक व्यक्ति समान इंपुट के साथ एक सदस्य है, जिसमें प्रतिष्ठाता भी सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त यह भी स्मरण रखने योग्य है कि पथप्रदर्शक समूह एक भट्ठी है जहाँ अवधारणाओँ पर लाक्षणिक रूप से आग के द्वारा सान चढ़ाया जाता है। यदि आपकी अवधारणां में त्रुटियाँ हैं, तब इसे चुनौती दी जाएगी। इसलिए अन्यथा नहीं लीजिए और केवल यह देखिए कि यह महत्वपूर्ण परामर्श लेने के लिए एक अवसर है।
समान सोच रखने वाले सदस्यों को ढूँढ़िए जिनकी क्षमता आले दर्जे की है
इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आपको ऐसे व्यक्तियों को ढूँढ़ना है जिनकी कुशलताओँ का समुच्चय ठीक आप ही के समान है, क्योंकि पथप्रदर्शक समूह हमेशा उन व्यक्तियों से लाभवान होंगे जिनकी महारत अलग-अलग क्षेत्रों में है। परंतु उन व्यक्तियों को ढूंढ़ने का प्रयास कीजिए जो अपनी चयनित विशिष्टता में कार्यक्षम हैं। आप वैसा पथप्रदर्शक समूह नहीं चाहते जहाँ केवल एक या दो व्यक्ति इंपुट उपलब्ध करते हैं और शेष व्यक्ति केवल सहमत हो रहे हैं या नोट लिख रहे हैं।
एक मिलन स्थल या मंच निर्धारित कीजिए
एक बार जब आपका समूह तैयार हो गया है, तब आप किसी मिलन स्थल या मंच पर सहमति बनाना आरंभ कर सकते हैं। परंपरागत रूप से समूहों को कोई भी विकल्प नहीं होता था बल्कि प्रौद्यौगिकी विकल्पों के अभाव में व्यक्तिगत रूप से मिलना पड़ता था। परंतु इंटरनेट के साथ, आपके पास मंच हैं, मेलिंग सूचियाँ हैं तथा विकल्प के रूप में गूगल+ जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क भी हैं। लेखकों के रूप में, आपके सदस्य संवाद माध्यम के रूप में लिखित समग्री का उपयोग करते हुए सहज अनुभव करेंगे, परंतु इस पर भी कि जितना भी संभव हो सके बीच-बीच में व्यक्तिगत रूप से मिलने की सलाह दी जाती है।
मिलने की बारंबारता तथा अनुसूची सरल एवं सुसंगत करें
आप अव्यवस्थित ढंग से सभा का समय निर्धारित कर सकते हैं, क्योंकि वह इसे समन्वित करने में कठिन बना देगा क्योंकि सदस्यों की उपलब्धता अलग-अलग हो सकती है। इसके अतिरिक्त अनुसूची में संगतता का अभाव तथा अनुसूची और सभाएँ पथप्रदर्शक समूह के द्वारा सदस्यों के द्वारा व्यक्तिगत और निजी जीवन खा लिए जाएँगे जो उनके भाग लेने की क्षमता को प्रभावित करेगा। आप चाहेंगे कि सभा के दौरान सदस्य अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन करें।
अंत में, एक संरचना स्थापित कीजिए
आप किसी संरचना के बिना ऐसे ही कोई मीटिंग आरंभ नहीं कर सकते, यह अपर्याप्त तथा गैर-उत्पादक होगा। आपको एक निर्दिष्ट पथ स्थापित करना पड़ेगा जिस पर सभा आगे बढ़ेगी। उदाहरण के लिए, आप प्रत्येक सदस्य से हाल की सफलताओँ तथा असफलताओं का ब्यौरा लेते हुए आरंभ कर सकते हैं और उसके बाद किसी विशिष्ट सदस्य को सप्ताह के लिए सलाह देते हुए आरंभ कर सकते हैं (पथप्रदर्शक समूह का मुख्य तात्पर्य, जो प्रत्येक सप्ताह सामूहिक दक्षता और प्रतिभा के द्वारा किसी विशिष्ट सदस्य को लाभवान करेगा), और अगले सप्ताह क्या किया जाए इस पर अंतिम विचार या लघु चर्चा के बाद इसका समापन किया जाए।
[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of Writing Tips Oasis.[/author_info] [/author]