डॉ शशि थरूर एक भारतीय लेखक हैं जिनकी पुस्तकें बहुत अच्छी बिकती हैं, और वह एक भारतीय राजनयिक हैं। संयुक्त राष्ट्रों के एक भूतपूर्व अवर सचिव और वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कौंग्रेस के साथ तिरुवनंतपुरम के सांसद, थरूर ने अपनी राजनयिक वृत्ति को अपनी लेखनी को रोकने नहीं दिया था। उन्होंने ने अंगरेजी में विभिन्न कल्पना-साहित्यिक और गैर-कल्पना-साहित्यिक रचनाएँ की हैं। वह देश के कई अग्रणी समाचारपत्रों के स्तंभ-लेखक रह चुके हैं, जिनमें द हिंदू और द टाइम्स ऑफ इंडिया सम्मिलित हैं।
वह अनेक कुशलताएँ धारण करते हैं, और शशि थरूर से बहुत कुछ सीखना है। थरूर ने छः वर्ष की कोमल आयु में लिखना आरंभ कर दिया था और जब उनका पहला प्रकाशन हुआ था तब वह केवल ग्यारह वर्ष के थे। सुख में हों या दुःख में, वे तभी से लिखते आ रहे हैं। वे 14 पुस्तकों के लेखक हैं जिनमें India Shastra: Reflections on the Nation in our Time सम्मिलित है, देखते हैं कि आप शशि थरूर के लेखनों, और आम तौर पर उनके जीवन से आप क्या सीखें ले सकते हैं।
1. अपने गिर्द आकर्षण ढूढ़ें
शशि थरूर के सभी उपन्यास भारत पर आधारित हैं – इसके लोग, इसके इतिहास, इसके मिथकों और इसकी किंबदंतियों पर। थरूर ने देश-विदेशों का भ्रमण किया है और विदेशों में कई वर्षों तक रहे हैं। परंतु जब उनके उपन्यासों के स्थान की बात आई, तब उन्होंने एक ऐसी पृष्ठभूमि का चयन किया जिसके साथ वह पहचान रखते हैं और जहाँ उनकी जड़ें स्थित हैं। किसी उभरते लेखक के रूप में प्रेरणा के लिए आपको भी पहले अपने गिर्द दृष्टि डालनी चाहिए। किसी आकर्षक उपन्यास को लिखने के लिए किसी आकर्षक स्थान में आपका रहना आवश्यक नहीं है। आपको अपने परिवेश से मनोहर एवं अपरिचित टुकड़ों को निचोड़ने की आवश्यकता होगी। आपके पाठकों को पढ़ने के लिए कुछ नया मिलेगा, फिर वे आपके लेखन के साथ पहचान स्थापित करेंगे।
2. बहु-कार्यण
शशि थरूर बहु-कार्यण के जनक हैं। यथार्थ में, बहु-कार्यण उनका मध्य-नाम हो सकता है। उन्होंने अपने जीवन में दो विभिन्न वृत्तियों– लेखन और राजनीति, को संयोजित करने और वर्षों से उन दोनों की बाजीगरी करने का प्रबंध किया है। आपके लिए भी बहु-कार्यण सीखना अनिवार्य है। क्योंकि लेखन, विशेषतः, यदि आप किसी उपन्यास पर काम कर रहे हैं, समय लेता है, और आपके साहित्य के माध्यम से आने में पैसा और भी अधिक समय लेता है। अपना निर्वाह करने के लिए आपको कुछ करना पड़ेगा। आप को एक ऐसे रोजगार की आवश्यकता है जो आपको पैसों का भुगतान करता है जिससे दूसरे समयों में आप हृदय खोल कर लिखने की विलासिता कर सकें। और आपको उन्हें इस तरह से संतुलित करते हुए रखने की आवश्यकता है जिससे इनमें से एक, दूसरे के मार्ग में नहीं आए।
3. यदि आपके पास इच्छा-शक्ति है तब आपको समझौता करने की कोई आवश्यकता नहीं है
कई लोग कहेंगे कि एक समय पर एक ही वस्तु पर ध्यान-केद्रित करने के लिए अंत में सभी चीजों का त्याग करना आवश्यक हो जाता है। परंतु थरूर सिद्ध करते हैं कि जब तक आपके पास सब-कुछ प्रेम और अकृत्रिम रुचि के साथ करने के लिए उमंग है, आपको यथार्थ में किसी भी चीज से समझौता करने की आवश्यकता नहीं है।
4. शोध के हितलाभ
थरूर के गैर-कल्पना-साहित्यिक लेखन अच्छे शोध की गुणवत्ताओं का, और तब विषयों पर अद्वितीय परिप्रेक्ष्यों की रचना करने के लिए विवेचनात्मक विश्लेषण के अनुप्रयोग का प्रदर्शन करते हैं। यदि आप किसी गैर-कल्पना-साहित्य रचना पर कार्य कर रहे हैं तब शोध अपरिहार्य है और मुख्य बिंदु बन जाता है। अच्छा शोध आपके लेखन को सर्वदा एक ठोस लौह मेरुदंड उपलब्ध करता है और आपके कार्य के दौरान आपको धीर बनाए रखने में सहायता करता है। और जिस लेखन पर आप कार्य कर रहे हैं उस पर यदि उचित हो, तब अपनी राय जोड़ दीजिए, जिससे आपके पाठक विश्व पर आपके दृष्टिकोण की बेहतर अवधारणा प्राप्त कर सकें।
5. कटूपहास की कला
यदि आपको कटूपहास पर पाठ की आवश्यकता है, तब थरूर की कृतियों पर अवश्य सकेंद्रण कीजिए। किसी गंभीर संवाद संवाद को कह डालने के लिए, थरूर कटूपहास के मेधावी उपयोग के लिए परम विख्यात हैं। उनकी कृतियों से हम सीखते हैं कि एक सत्यनिष्ठ, विचारशील और सचेत युक्ति को हास्यप्रद उपाय से प्रस्तुत किया जा सकता है जो यह सुनिश्चित करता है कि कहीं पाठक ऊब की अधिकता से मर न जाएँ, फिर भी अपेक्षित संवाद को पहुँचा देता है। किसी लेखक के रूप में अपने लेखन में, अधिक गंभीर और खरे मुद्दों को संबोधित करने के लिए आपको भी कटूपहास को अपना अस्त्र बनाना सीखना चाहिए।
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