अधिकांश लेखकों के लिए संस्मरण लिखना कठिन हो सकता है, क्योंकि यह व्यक्तिगत तथा भावनात्मक लेखन पर निर्भर करता है। इसका अर्थ है कि जिन्होंने अपना कैरियर निष्पक्ष वृत्तिधारिता तथा वस्तुनिष्ठता में दाँव पर लगाया है, उन्हें अपरिचित क्षेत्र में भटकने की आवश्यकता है। यदि आप स्वयं को इसी स्थिति में पाते हैं, तब संस्मरण लिखने के लिए यहाँ कुछ गुर दिए गए हैं:
1. इसे दैनंदिनी नहीं समझिए
संस्मरण लिखते समय लेखक एक सर्वनिष्ठ भूल करते हैं वह है संस्मरण को व्यक्तिगत डायरी समझना। यह भ्रम समझने योग्य है क्योंकि यह दोनों लेखन स्वयं अपने बारे में होते हैं, परंतु यही वह स्थान है जहाँ अंतर समाप्त होते हैं। संस्मरण आपके कार्य और जीवन के संबंध में होता है, परंतु इसे केवल आपके अपने लिए नहीं लिखा जाता। इसे पाठकों के किसी समूह के द्वारा पढ़ा जाएगा, विशेष रूप से यदि आप इसे प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए बिना कोई उचित पृष्ठभूमि दिए, प्रलाप तथा चेतना प्रवाह से बचें।
2. कोताही नहीं कीजिए
जिस तरह लोगों के जीवन और कैरियर चलते हैं, संस्मरण लिखते हुए कुछ अनुभवों तथा और किस्सों का उल्लेख किया जाना स्वाभाविक है जिससे दूसरे व्यक्ति आहत हो सकते हैं। इसके लिए स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है चीजों को छोड़ देना या विवरणों को बदल देना। इसे नहीं कीजिए। आपके लिए असंवेदनशील होना आवश्यक नहीं है, दूसरों को सार्वजनिक रूप से लज्जित करने से बचने के लिए आप नाम बदल सकते हैं या विवरणों में तोड़-मरोड़ कर सकते हैं, परंतु अपने आप पर नियंत्रण नहीं कीजिए क्योंकि यह कहानी के लिए अहितकर होगा, और पूरी तरह से प्रवंचना होगी, एक ऐसी चीज जिसका संस्मरण में कोई भी स्थान नहीं है।
3. संस्मरण आत्मकथा से भिन्न है
कोई ऐसी कहानी लिखने की गलती करने से बचिए जो आपके जीवन के आरंभ से अब तक की स्थिति का विवरण देते हुए एक रेखीय कालक्रम-विकास है। संस्मरण जीवन के विशेष पलों के सार-तत्व तथा इसके साथ-साथ उनमें अंतर्निहित सीखों को प्रखर करने के लिए है। स्वयं को समय छोड़ने तथा उन घटनाओँ की अवहेलना करने की अनुमति दीजिए जो पाठकों के लिए अर्थहीन हैं।
4. यह सभी को अच्छा लगने के लिए नहीं है
कुछ लेखक व्यापकतम सीमा के पाठकवर्ग को आकर्षित करने के लिए संस्मरण लिखने का प्रयास करते हैं, जो उस संस्मरण में परिणामित होता है जिसका आकर्षिण नगण्य होता है। यह सभी को खुश करने के बारे में पुरानी कहावत का एक परिवर्तित रूप है। यदि आप अपना जाल इतना बड़ा बुनते हैं कि सभी को पकड़ा जा सके, तब साधारणतः ऐसा जाल बनाएँगें जिसके छेद इतने बड़े होंगे कि अंत में इसमें कुछ भी नहीं पकड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त, बहुत कम व्यक्तियों के कैरियर वास्तव में सर्वव्यापी आकर्षण के लिए पर्याप्त रोचक होते हैं। इस पूर्वाग्रह के साथ, अधिकांश व्यक्तियों के पास संस्मरण लिखने का एक ही उपाय है — यदि वे झूठ बोलते हैं और तथ्यों को सजाते हैं। इसे नहीं कीजिए। केवल किसी विशिष्ट पाठकवर्ग को लक्ष्य कीजिए तथा अपना सर्वोत्तम प्रयास कीजिए।
5. अपने संपादक की सुनिए
आप अपने संस्मरण में जो चीजें लिखते हैं उनसे अधिक संलग्न नहीं बनिए। तब संयोग होंगे कि आपके संपादक के लिए कछ दृश्यों को सुधारना या पूर्णतः हटा देना आवश्यक होगा। पाठकों का दृष्टिकोण प्रस्तुत करना संपादक का काम है, इसलिए इस उपयोगी प्रतिपुष्टि की केवल इसलिए अनदेखी नहीं कीजिए क्योंकि आप उन घटनाओं से भावनात्मक रूप से अत्यधिक संलग्न हो गए हैं जिनके बारे में लिख रहे हैं।
उपरोक्त गुर संस्मरण लिखते समय अत्यंत उपयोगी होंगे, और एक अंतिम चीज जिसे आपको स्मरण रखना चाहिए वह यह है कि आरंभ करने के लिए कोई भी सही समय नहीं होता। संस्मरण लिखना समृतियों खजाने से खोद निकालने, या, चित्रों के ऐल्बम से चित्र निकाल कर आपके जीवन की भूले-बिसरे अंशों को जोड़ने के बारे में नहीं है। यद्यपि आप सोचते हैं कि आपने अब तक पर्याप्त जीवन नहीं जिया है, तब भी, आप अपने जीवन का दस्तावेज बनाना आरंभ कर सकते हैं।
Image credit: Seth Sawyers on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]