आज के दिन, प्रत्येक नया लेखक पारंपरिक प्रकाशन की थकाऊ प्रक्रिया को लांघ कर इसके बदले स्वयं प्रकाशन कर सकता है। स्वयं प्रकाशन सरलतर प्रतीत होता है – क्योंकि आपको किसी अभिकारक को ढूँढ़ने की आवश्यकता नहीं होती जो प्रकाशन गृहों में आपके कार्य में गतिवर्धन करेगा, और आपकी पुस्तक प्रकाशित की जाने से पहले आपको अस्वीकृति-पत्रों की एर निश्चित मात्रा के साथ निपटना नहीं पड़ेगा। इसने बहुत से युवा लेखकों को अपनी कृतियों के (अमेजन जैसे मंचों पर) ऑनलाइन प्रकाशन के लिए प्रेरित किया था, और आज का बाजार ऐसी पुस्तकों से भरा पड़ा है जो अपना सर्वश्रेष्ट संस्करण नहीं हैं, अधिकांशतः इसलिए, कि कभी-कभी, स्वयं प्रकाशित लेखक उचित संपादन जैसी अनिवार्य प्रक्रिया की अवहेलना कर सकते हैं। क्या इसका अर्थ यह है कि केवल पाठकों से श्रेय पाने के लिए, आपको अपनी पुस्तक का प्रकाशन परंपरागत उपाय से करना चाहिए? इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है। फिर भी, यदि आप परंपरागत उपाय से प्रकाशित करने के लिए निर्णय लेते हैं, तब आपको किसी अच्छे साहित्यिक अभिकारक की आवश्यकता पड़ेगी। और हमने निम्नलिखित, कुछ गुर एकत्रित किए हैं कि उसे कैसे ढूँढ़ निकाला जाए।
1. अपनी पांडुलिपि को परिमार्जित करें
नहीं, इसे किसी साहित्यिक अभिकारक के पास भेजने से पहले आपको अपने उपन्यास को पढ़वाने के लिए कोई संपादक नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है। तथापि, आपको अपनी पांडुलिपि को बार-बार, कई बार पढ़ने तथा बार-बार संपादन करने की आवश्यकता है जब तक यह पढ़ने में सर्वकालीन सबसे अच्छा हो जाता है। रूढ़ोक्ति आरंभिक पंक्तियों को, जो पुरानी पड़ गई हैं, व्याकरण तथा कथानक की संभव दुर्बलताओं को लक्ष्य करें। अपनी पांडुलिपि को इतना परिमार्जित करें की यह दमकने लगे। सबसे बढ़िया उपाय यह सुनिश्चित करना है कि आपकी पंडुलिपी और उसके माध्यम से आप, संभावित अभिकारक के द्वारा गंभीरता के साथ लिए जाएँ।
2. बुद्धिमत्ता के साथ चयन करें
उस अभिकारक पर, जिसके साथ आप काम करना चाहते हैं, शोध करें और तब निर्णय करें की आपकी पुस्तक और उसके काम का ठीक मेल बैठता है या नहीं। अपने ऐतिहासिक रोमांस को उस अभिकारक पर डालना जो अधिकांशतः अन्य विधा के लेखकों के साथ कार्य कर रहा हो, कोई अर्थ नहीं रखता है। यदि अभिकारक आपकी विधा में काम नहीं कर रहा है, संभवतः वह आपकी पुस्तक प्रकाशित करने के लिए सही संपादकों और प्रकाशनगृहों से भिज्ञ नहीं होगा। सबसे अधिक संभावना है, कि वे आपकी पांडुलिपि को अस्वीकृत कर दें, और यदि यह वास्तव में इसे स्वीकार करते हैं, तब संभवतः उन्हें आपकी पुस्तक का सही विपणन करने के लिए उपाय ज्ञात नहीं होगा।
3. अपने समर्पण को अभाकारक के ग्रहण-योग्य बनाएँ
तब, आपने अपने काम के लिए सही अभिकारक चुन लिया है। फिर भी इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको अपनी कृति का एक प्रजातिगत संक्षेप लिखना चाहिए, कोई पत्र, अपनी पुस्तक के दो पृष्ठ संलग्न करें, इसे उनके पास भेज दें और प्रतीक्षा करें। अधिकांश अक्सर, यह आपको अस्वीकृति पत्र दिलाएगा। जिस अभिकारक के साथ आप कार्य करने की आशा करते हैं उसके लिए अपने समर्पण को उसके ग्रहण-योग्य बनाने के लिए समय लीजिए – अन्यथा, वे आपके समर्पण की सहज ही अनदेखी कर सकते हैं, यद्यपि आपने अगली #1 हिट NYT सर्वोत्तम बिकने वाली पुस्तकों की सूची के लिए लिखा होगा। यह भी सुनिश्चित कीजिए कि जब आप अपना समर्पण भेजते हैं तब वह नए समर्पणों के लिए तैयार भी है या नहीं। यदि वह नए समर्पणों के लिए तैयार नहीं है, उस पल आपके समर्पण की अनदेखी कर दी जाएगी, और रद्द भी की जा सकती है।
4. प्रश्न पूछते हुए एक अच्छा पत्र संलग्न कीजिए
पहली छाप छोड़ने के लिए आपको दूसरा अवसर कभी भी नहीं मिलेगा। यही कारण है कि आपका प्रश्न पूछता हुआ पत्र सबसे अधिक महत्व रखता है। जिस अभिकारक ने आपके समर्पण को रद्द कर दिया है उसे आप ऐसा दूसरा पत्र भेजने में सक्षम नहीं होंगे। किसी प्रश्न पूछते हुए पत्र का लिखना कठिन हो सकता है, परंतु इसे कैसे लिखा जाए उसके लिए प्रचुर सूचना उपलब्ध है। यदि आप चाहते हैं कि अभिकारक आपके समर्पण को गंभीरतापूर्वक ले और आपको एक अवसर दे, इस पर तब तक कार्य करें जब तक आपने इसे अपनी पांडुलिपि से भी अधिक परिमार्जित नहीं कर लिया है। स्मरण रखें, जब आप अपने उपन्यास को परंपरागत उपाय से प्रकाशित कर रहे हैं, कोई अच्छा साहित्यिक अभिकारक आपको किसी प्रकाशनगृह के साथ शीघ्रतर सौदा करा देगा, और यह उस सौदे से बेहतर होगा जिसे आपने बिना किसी अभिकारक की सहायता से प्राप्त किया होता।
5. धोखाधड़ी करने वालो से सावधान रहें
साधारणतः कोई भी अभिकारक आपसे “पठन” या “संपादन” शुल्क कहे जाने वाले शुल्कों की मांग नहीं करेगा। यह सेवाएं कमीशन में जाएँगी जो आपके अभिकारक को उस समय मिलेगा जब प्रकाशनगृह के साथ आपका सौदा हो जाएगा। यदि वे आपसे शुल्क की मांग कर रहे हैं, तब वे प्रकाशित होने के अपने सपनों को परिणामित करने में आपकी सहायता करने के बदले केवल आपके पैसों के पीछे हैं। उन अभिकारकों से सावधान रहें जो आपकी पांडुलिपि vanity presses में भेज दें – वे आपकी पुस्तक प्रकाशित करने के लिए पैसों की मांग करेंगे। अन्य प्रकार की सेवाएं हैं जो जाली अभिकारक आपको देगा, जिसमें बिजनेस कार्ड वेबसाइट भी सम्मिलित हैं जहाँ कथित रूप से संपादक आपकी पुस्तक भेजेंगे, विपणन योजना इत्यादि। इनमें से अधिकांश चीजें आपके पास उस समय आएँगी जब आप का प्रकाशन सौदा पक्का हो गया है, इसलिए उन अभिकारकों से सचेत रहें जो आपसे शुल्क की मांग करते हैं।
Image credit: Rita Crayon Huang on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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