नजदीकी कुछ सालों से स्वयं सहायता या खुद लिखी ई-पुस्तकें काफी लोकप्रिय हो रही है। इसके शीर्षक योग, ध्यान और रिश्तों के प्रबंधन से लेकर बहुत से होते है। इनकी लोकप्रियता का कारण शहरी जीवन की व्यस्त जीवनचर्या से लेकर अनेकों हो सकते है। यहाँ आपके लिए 6 सलाहें है जिनकी सहायता से आप अपनी स्वयं की ई-पुस्तक लिख सकते है।
1. शोध और अनुभव
पाठक मुख्यतः ऐसे लेखकों की पुस्तकें पढ़ना पसंद करते है जो उस पुस्तक के विषय में अनुभवी होते है और अपनी दक्षता विभिन्न माध्यमों जैसे सेमिनार, कार्यक्षेत्र, ब्लॉग, समाचार पत्रों के द्वारा पहले से दर्शा चुके होते हैं। ध्यान रहे कि आप अपनी पुस्तक के लिए पर्याप्त शोध कर चुके है। शोध में मोटे तौर पर आपको देखना होगा कि किस प्रकार आपकी पुस्तक अन्य उपलब्ध पुस्तकों से अलग होगी, चलन में रहने वाले विषय और उसके पाठक। आपके द्वारा चुने गए विषय में आपकी योग्यता का होना सदैव अच्छा रहता है।
2. व्यवस्थित करना
लिखना शुरू करने से पहले आपको अपने विचारों और इ-पुस्तिका के विषय को व्यवस्थित कर लेना चाहिए। ऐसा करना आपके पुस्तक के भागों को रोचक और संक्षिप्त बनाये रखेगा। व्यवस्थित बनाये रखना और आपके लेखन को सही क्रम में बनाये रखना एक ई-पुस्तक के लिए बहुत आवश्यक है। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आपका पाठक इस विषय को लेकर नया है और उसी बात को ध्यान में रखते हुए लिखें। ऐसा करने से आपका पाठक विषय को बेहतर तरीके से समझ पायेगा।
3. मुद्दे से जुड़े रहें
स्वयं सहायता कभी इतनी विशिष्ट नहीं होती है। वे बस आपकी मानसिकता या सोच को मुद्दे के अन्य पहलुओं को दिखाती है। अतः यदि आपको दूसरे विषय के बारे में भी यदि बीच में कुछ कहना है, तो ध्यान र्शे वे मुख्य विषय से जुड़े होने चाहिए, और अपने पाठक को भी बताएं कि इस बारे में बात करना क्यों आवश्यक है और दूसरे विषय को ज्यादा ना खींचते हुए जितना जल्दी हो सके वापिस मुख्य विषय पर लौट आएं।
4. उदाहरण
यदि आपका चयनित विषय समझने में आसान नहीं है, तो आप कुछ उदाहरण शामिल कर सकते है। ये उदाहरण आपके या किसी मित्र या किसी जानकार के निजी अनुभव भी हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे ये उदाहरण भी बहुत बड़े नहीं होने चाहिए। पाठक अक्सर रूचि खो देते है यदि उदाहरणों को बहुत ज्यादा विस्तृत रूप से बताया जाये या वे सटीक नहीं होते हैं।
5. स्तर
जटिल तरीकों के स्थान पर अपने पाठकों को सरल विकल्प मुहैया करवाने की कोशिश करें। उन्हें हमेशा शुरुआती स्तर से उन्नत स्तर तक पहुँचने के विकल्प दें। यह तरीका काफी प्रभावी है क्योंकि आपका पाठक भी विषय को पर्याप्त जान लेने के बाद इसी इस प्रकार की उम्मीद करता है। साथ ही यह पाठक को उस विषय के बारे में अपनी जानकारी बढ़ने की अच्छी अनुभूति भी देता है।
6. सारांश
हर पाठ के अंत में सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को सारांश के रूप में “याद रखने योग्य बातें” के रूप में समाहित किया जा सकता है। ऐसा करना ज्यादा प्रभावी रहता है यदि आप इन बिंदुओं को क्रम बद्ध करके लिखेंगे। अंत में आप एक चरण दर चरण निर्देशिका लिख सकते है जिनका अनुसरण पाठक कर सकते है। यदि पाठक आपकी पूरी पुस्तक पढता है और चरणों का अनुसरण करना चाहता है तो यह पाठक के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। गतिविधियों की एक सूची या लक्ष्य प्राप्तियों के लिए एक कैलेंडर जोड़ना सदैव मददगार होता है।
आपकी ई-पुस्तिका के बारे में पाठकों के लिए एक प्रतिक्रिया और समीक्षा लिखने का मंच होना भी काफी अच्छा रहता है। आपको पाठकों के द्वारा दिए गए सुझावों के जवाब देने की भी कोशिश करनी चाहिए। पाठकों के द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहें। ऊपर दिए गए बिंदुओं का पालन करके आप यह सुनिश्चित कर सकते है कि आपके पाठक ना केवल आपकी किताबों को पसंद करेंगे बल्कि समय समय पर वापिस भी आते रहेंगे।
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