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अपने लेखन में भावनात्मक प्रभाव की सृष्टि कैसे करें

By Georgina Roy

अपने लेखन में भावनात्मक प्रभाव की सृष्टि कैसे करें

कल्पना-साहित्य, किसी भी आकृति या आकार में, पाठकों को, या दर्शकों को, किसी यात्रा पर ले जाता है, जहाँ पर वे वह सब-कुछ अनुभव करना चाहते हैं जिन्हें पात्र भुगत रहे हैं। पाठक विषय-वस्तु के द्वारा स्पर्श किया जाना, चालित और प्रभावित किया जाना चाहता है। लेखक के रूप में, हम, इस यात्रा को जितना भी हो सके उतना वास्तविक अनुभव कराने के लिए प्रयत्न करना चाहते हैं। इसे उपलब्ध करने के लिए एक पद्धति है — अपने लेखन में भावनात्मक प्रभाव की सृष्टि करना, जो पाठक को उदास या प्रसन्न करेगा या भयभीत भी करेगा। फिर भी इसे कहना आसान है परंतु करना आसान नहीं है। कई लेखक हृदय-विदारक विषय-वस्तुओं के साथ उपन्यास लिखते हैं, परंतु पाठक पात्रों से उतना जुड़ा हुआ अनुभव नहीं करते क्योंकि उन्हें पात्रों के माध्यम से हृदय-विदीर्ण होने का अनुभव नहीं हुआ था, परंतु यह लगा था, जो भी हुआ था उसकी केवल रिपोर्ट पढ़ रहे हैं। कार्यान्वन कुंजी है, और इसे उपलब्ध करने के लिए कई चीजें हैं जिन्हें जानना आपके लिए आवश्यक है।

1. सहानुभूतिशील चरित्रों का निर्माण करें

नहीं, पात्र का एक सताई हुई आत्मा होना आवश्यक नहीं है जो अपने जीवन में बुरी चीजों से हो कर गुजरा है। वे कोई भी हो सकते हैं। फिर भी, आपको उनकी रचना इस प्रकार से करनी है जिससे पाठक को उनके साथ जुड़ने में, या उन्हें समझने में या उन्हें युक्तिसंगत जीवों के रूप में स्वीकार करने में आसानी हो।  पात्रों को पाठकों के द्वारा वास्तविक अनुभव किया जाना चाहिए, जिससे वे चिंता करने के लिए बाध्य हों कि पात्रों के साथ क्या हो रहा है। पाठकों तथा पात्रों के बीच मजबूत संपर्क दीर्घतर भावनात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा।

2. एक अपरिहार्य परिस्थिति की रचना करें

पात्रों को उन परिस्थितियों में रखें जो महत्वपूर्ण, अपरिहार्य, या संभवतः जीवन-परिवर्तनकारी भी हैं। इस परिस्थिति का चरणवार निर्माण करें, यह चाहे पात्रों के द्वारा खराब चयनों से हुआ हो, या बाहरी गुणकों के कारण हुआ हो जिन्हें वे नियंत्रित नहीं कर पाए थे। दोनों का पात्र पर (और पाठक पर) प्रभाव पड़ सकता है। यदि परिस्थिति पात्रों की अपनी कार्यवाहियों का परिणाम है, तब पात्र स्वाभाविक रूप से पश्चाताप, आत्म-ग्लानि का अनुभव करेंगे और आत्म-विनाशक भी बन सकते हैं। यदि परिस्थिति बाह्य बलों के द्वारा लाई गई है जिन पर पात्र कोई भी नियंत्रण नहीं कर सकते, तब वे पाठक में सहानुभूति उत्पन्न करेंगे, जिससे वे पात्रों का समर्थन करने के लिए और उनकी सफलता के लिए अपेक्षा करने के लिए प्रेरित होंगे।

3. किसी खराब बनाम अत्यंत निकृष्ट विकल्प की सृष्टि करें

अपने पात्रों को असंभव परिस्थितियों में डालने से डरिए नहीं। आवश्यक नहीं है कि इस विकल्प का प्रयोग आपके पात्रों को भाड़ तथा भट्ठी के बीच रख देगा। महत्वपूर्ण है, पात्रों की प्रवृत्ति तथा उनके सामने रखे गए विकल्पों की अनुभूति। इसके अतिरिक्त, पात्रों की प्रवृत्तियों, सिद्धांतों, इच्छाओं तथा आवश्कताओं का उपयोग यह दर्शाने के लिए करें कि वे वह विकल्प क्यों लेते हैं, और उस विकल्प को लेने के बाद वे इतने विचलित क्यों अनुभव करते हैं।

4. किसी आश्चर्य की सृष्टि करें

पाठकों को आश्चर्यचकित करने वाले कथानक में किसी अच्छे मोड़ की सृष्टि जो पाठक, और पात्र को आश्चर्यचकित कर दे, किसी भावनात्मक प्रभाव के रचना की कुंजी है, विशेषतः यदि यह किसी जीवन-मरण के प्रश्न वाली परिस्थिति के दौरान रचित होता है। फिर भी इस संबंध में सावधानी बरतें कि आप इसका कार्यान्वन कैसे करते हैं। मोड़ ऐसा होना चाहिए जैसे कि इसकी अपेक्षा की जा रही थी, परंतु किसी सुदूर उपाय से, जिससे यह चौंकाने वाला हो, परंतु इसे इसलिए भी नहीं होना चाहिए क्योंकि आपके लिए इसका होना जरूरी है। यह पाठक को पात्रों के प्रति सहानुभूतिशील होने के बदले प्रवंचित एवं ठगा हुआ महसूस कराएगा।

5. भावना के माध्यम से क्रियाशीलता की सृष्टि करें

आपके पात्र क्या अनुभव कर रहे हैं, इसे पाठकों से कभी भी नहीं कहने के लिए सतर्क रहें। पात्रों की भावनाएँ उनकी कार्यशीलता के द्वारा दर्शाएँ। अपने पात्रों से उनकी भावनाओँ के अनुसार कार्य कराते हुए, कहानी को आगे बढ़ाने के लिए उनकी भावनाओं का उपयोग करें। पाठक पात्रों की भावनाओं की रिपोर्ट नहीं चाहते। इसके बदले, वे पात्रों के स्थान पर स्वयं को रखते हुए उन भावनाओं का अनुभव करना चाहते हैं। शब्दों तथा वाक्यों का प्रयोग करते हुए किसी ऐसे दृश्य की रचना करे जो सभी इंद्रियों को स्पर्श करेगा अर्थात्, यह आपके पात्र जहाँ रहते हैं उस अवस्थापन को अभिव्यक्त करने के लिए ध्वनियों, स्पर्श तथा दृश्य को सम्मिलित करेगा, तथा इसका उपयोग पात्रों की भावनाओं को दर्शाने के लिए करेगा।

Image credit: Peter Dutton on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As a 22-year-old art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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Filed Under: Fiction, लेखन युक्तियाँ

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