यदि आप कोई पुस्तक प्रकाशन व्यापार आरंभ करना चाहते हैं, तब आपका एक ठोस स्वप्न होना चाहिए और उतनी ही ठोस व्यापार योजना होनी चाहिए, परंतु इन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि इन सभी चीजों को चालू रखने के लिए आपको पैसों की आवश्यकता है। विडंबना यह है कि, कि यदि अभी तक निधिकरण नहीं हुआ है तब पैसे – मिलने के लिए सबसे कठिन चीज हैं।
कुछ विविध विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें ग्रांट देने वाले, बैंक ऋण, और क्राउडफंडिंग तथा देवदूत निवेशक, व्यापार के प्रकारों तथा व्यक्तियों के पदों में जिनमें वे निवेश करते हैं, प्रत्येक की अपेक्षा कुछ अलग होगी। जिस स्रोत का भी आप समीप-गमन करना चुनते हैं, उनका समर्थन प्राप्त करने से पहले, उन्हें आपका पिच खरीदना होगा। आपके पुस्तक प्रकाशन व्यापार में निवेश प्राप्त करने के लिए सही पिच के लिए यहाँ 5 गुर दिए गए हैं:
1. अपनी पिच वास्तविकता के साथ जुड़ी रखें
बड़ी एवं प्रतिष्ठित प्रकाशन कंपनियों ने, जिनकी पहुँच वैश्विक बाज़ारों पर है पुस्तक प्रकाशन उद्योग पर वर्चस्व बना रखा है। उनके पाठक विशाल संख्या में हैं और वे छोटी कंपनियोँ को लिए व्यापार करना कठिन बना देते हैं। इसके अतिरिक्त स्वयं प्रकाशन उद्योग में प्रवेश पाना भी आसान नहीं है, क्योंकि प्रवर्तन के लिए बिल्कुल स्थान नहीं है। यह IT खंड से अलग है जहाँ प्रवर्तनकारी प्रौद्योगिकियाँ कौड़ियोँ के मोल बिकती हैं। इसलिए, जब आप पिच बना रहे हैं, तब बड़ों से प्रत्यक्ष प्रतियोगिता करने का प्रयास नहीं कीजिए, जब तक आपके पास कोई वास्तविक बाजार में हलचल मचा देने वाला कोई कार्यक्रम नहीं है, अधिक संयोग होंगे कि दूसरी सबसे बड़ी चीज होनेका वादा आपके निवेशकों के लिए पिच को केवल संकटपूर्ण प्रतीत करा सकता है। अपना सबसे बेहतर प्रयास कीजिए परंतु अपने पाँव यथार्थता में जमाए रखें।
2. कागजी कार्रवाई करते रहें
निवेशक का समय नष्ट नहीं करने के संबंध में एक पुरानी कहावत है, परंतु निवेशक के पास जाने से पहले यह सुनिश्चित रखना कि निवेशक के पास जाने से पहले सभी चीजों का लेखा-जोखा कर लिया गया है, यह दर्शाता है कि आप समझदार तथा सुव्यवस्थित व्यक्ति हैं और सभी वस्तुओं को यथास्थान रखने में प्रवीण हैं जो किसी भी व्यापार के लिए परम आवश्यक है। इसलिए समय से पहले अपना काम करने का प्रयास रखें। सुनिश्चित कीजिए कि बौद्धिक संपदा का ट्रेडमार्क या कॉपीराइट किया जा चुका है, अपनी पुस्तकों पर उचित अधिकार रखें, अपने प्रस्तावों को स्पष्ट रखें, और यह सुनिश्चित करें कि आप बिना हीला-हवाला किए अपन पिच में ब्यौरा भर सकते हैं।
3. हमेशा लाभदायकता मन में रखें
निवेश उपलब्ध करने वाले, व्यतिक्रम के रूप में, लाभदायकता में रुचि रखते हैं, आप यह सुनिश्चित रखें कि लाभदायकता की राह को सरल बना सकते हैं और रेखांकित कर सकते हैं। तब इसका समर्थन निवेशकों के लिए मार्मिक चिंताओं के द्वारा कर सकते हैं: वह कौन सी आवश्यकताएँ हैं जिन्हें आपका पुस्तक प्रकाशन व्यापार संबोधित करने जा रहा है? बाजारस्थल की चुनौतियाँ क्या हैं, और आपके प्रतियोगी कौन हैं? यदि आपको सही तरह का निवेशक मिल जाता है, तब संयोग बनता है कि उनके पास कम से कम उनके पास पहले ही इन विषयों पर कम से कम एक धूमिल अवधारणा है, परंतु फिर भी आपको उन्हें प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह निवेशकों को दर्शाएगा कि वे किसी ऐसे व्यक्ति पर पैसे नहीं लुटा रहे हैं जो इन्हें ले कर केवल बाजार का जायजा लेना चाहता है।
4. पहले सही तरह के निवेशक पर पिच तैयार कीजिए
जैसे ऊपर उल्लेख किया गया है, “सही तरह का निवेशक,” होता है और यह विशेष रूप से देवदूत निवेशक के लिए प्रयोज्य है; पुस्तक प्रकाशन उद्योग में रुचि रखने वाला व्यक्ति, या कोई ऐसा व्यक्ति जिसे प्रकाशन में बाज़ार अंश मिलने पर लाभ होगा। अपना शोध कीजिए और यह देखने के लिए कि यह आपके व्यापार नमूने में फिट बैठता है या नहीं, ज्ञात कीजिए कि अतीत में निवेशकों ने किसका समर्थन दिया है। वह निवेशक, जो समझता है कि आप कहाँ से आ रहे हैं. उसके यह देखने की अधिक संभावना है कि आप का पिच लाभ दायक है या नहीं या आपकी व्यापार योजना ठोस है या नहीं। केवल उन निवेशकों से पैसे प्राप्त करना एक अच्छी अवधारणा है जिनका स्वप्न आपसे मेल खाता है।
5. धीरज रखिए
यह अंतिम गुर साधारण और बेकार प्रतीत हो सकता है, परंतु यह एक ऐसा गुर है जो पहले कुछ महीनो के दौरान आपको चलाने में आपकी सहायता करेगा – क्योंकि रातोंरत आपका निधिकरण नहीं होगा। किसी व्यापार का निधिकरण करने में कुछ समय लगेगा, और कई निवेशक हर अवसर पर अपने पैसों के लिए खतरा मोल लेने की आदत नहीं पालते। इसलिए, आपके पुस्तक प्रकाशन व्यापार को जल्द से जल्द दो महीनों में निधिकरण मिल सकता है, परंतु अधिक संभावना है कि आपको तीन से छः महीनों तक प्रतीक्षा करनी पड़े। इसलिए धैर्य रखिए।
[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]