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दीपक चोपड़ा से लेखन के लिए 7 सीखें

By Kavitha

दीपक चोपड़ा से लेखन के लिए 7 सीखें

विश्व-विख्यात दीपक चोपड़ा एम डी, सबसे अच्छी बिकने वाली पुस्तकों के लेखक और सार्वजनिक वक्ता हैं, जो आधुनिक औषध-विज्ञान के साथ वेदांत के प्राचीन सिद्धांतों को संयुक्त करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी 80 से अधिक प्रकाशित पुस्तकों में से, कुछ कृतियों में On My Way to a Happy Life, The Seven Spiritual Laws of Success, The Future of God: A Practical Approach to Spirituality for Our Times और The 13th Disciple जैसे शीर्षक सम्मिलित हैं। लेखक दीपक चोपड़ा की पुस्तकों और  उनकी सीखों, दोनों से तथा उनके साथ-साथ एक लेखक के रूप में उनके उदाहरण से भी सीख सकते हैं। यहाँ 7 चीजें दी गई हैं जिन्हें उदीयमान लेखक दीपक चोपड़ा की प्रज्ञता से सीख सकते हैं।

1. विश्वास रखिए

यदि आप वास्तव में आध्यात्मिक हैं, तब आपको दुनिया की अच्छी और बुरी रायों से पूर्णतः निर्लिप्त रहना चाहिए….आपको स्वयं अपने में विश्वास होना चाहिए। – दीपक चोपड़ा

दीपक चोपड़ा स्वयं अपने में विश्वास रखने की राय देते हैं। दुनिया की अच्छी और बुरी रायों कि चिंता किए बिना, आपको वही करते रहना चाहिए जो आवश्यक है, जो आपके मामले में, लिखना है। कठोर परिश्रम करते हुए और स्वयं अपने में विश्वास रखते हुए, आप उस बिंदु पर पहुँच सकते हैं जिस पर होने की आकांक्षा रखते हैं। यदि आप अविश्वसनीय रूप से सफल नहीं भी होते हैं (यद्यपि, अपने ऊपर अपने ही द्वारा सृष्टि की गई सीमाबद्धताओं के अतिरिक्त सफल नहीं होने के लिए कोई भी कारण नहीं है), जिसे आप करना पसंद करते हैं उसे करने पर आपको संतोष मिलेगा, और यह पूर्णतः उतना ही महत्वपूर्ण है।

2. कोई आवश्यकता ढूँढ़िए

दीपक चोपड़ा ने स्वयं अपनी पुस्तकों को कैसे लिखा था और विपणन किया था, इसके माध्यम से उन्होंने प्रशंसनीय ढंग से आवश्यकता को ढूँढ़ने और उसे पूरा करने की अवधारणा का प्रदर्शन किया है। व्यवसाय से एक डॉक्टर, दीपक ने औषध-विज्ञान के एक अधिक सर्वांगीण समीप-गमन की आवश्यकता को मान्यता दी, और तथा औषध संस्थान के नियमित उपागम के विकल्पों की चर्चा करती हुई पुस्तकें लिखना आरंभ किया। इसी प्रकार, देखिए कि बाजार में कहाँ आपको रिक्तता का संधान मिल सकता है और अपनी योग्यताओं के अनुसार इसे पूर्ण कीजिए।

3. अपना सबसे अच्छा प्रयास कीजिए

उत्कृष्टता का अनुसरण कीजिए, सफलता की अनदेखी कीजिए। सफलता उत्कृष्टता का उपोत्पाद है।  – दीपक चोपड़ा

दीपक चोपड़ा परामर्श देते हैं कि यदि आप अपनी पूरी संभावना अपने कार्य को देने में ध्यान-केंद्रित कर रहे हैं, तब सफलता आपके प्रयासों के उत्पाद के रूप में अनुसरण करेगी। यदि आप पूर्णतः हृदय के साथ लिखते हैं तथा विस्तृत शोध करने के लिए कष्ट उठाना सुनिश्चित करते हैं, अपनी पुस्तक का प्रूफ-शोधन कराते हैं तथा सभी प्राथमिक एवं लेखन-उपरांत प्रयोजनों को परिपूर्ण करते हैं, तब आप सफलता उपलब्ध करेंगे। इसकी तरकीब, सफलता प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हुए स्वयं तनाव उठाने के बदले अच्छा काम करने में ध्यान केंद्रित करना है। आपके अपने दृष्टिकोण में इसके जैसे थोड़े से खिसकाव का अर्थ एक बहुत बड़ा बदलाव होगा।

4. स्वयं प्रचार-प्रसार

2012 में, हफिंग्टॉन पोस्ट में एक निबंध में लिखने के संबंध में दीपक चोपड़ा ने अपने दृष्टिकोणों की चर्चा की थी। उदीयमान लेखकों के लिए उन्होंने मुख्य गुर दिया था, बेस्टसेलर सूची से आगे बढ़ कर देखने के लिए तथा वहाँ जाने के लिए जहाँ पाठक हैं। वह दावा करते हैं कि स्वयं-प्रचार-प्रसार सफलता की कुंजी है और आपको अपने पाठकों के साथ प्रत्यक्ष अंतःक्रिया करने की आवश्यकता है। चूंकि स्वतंत्र प्रकाशन निरंतर अर्थक्षम पथ के रूप में विकसित हो रहा है, और परंपरागत प्रकाशन अधिक से अधिक चयनात्मक बन रहा है, इसलिए सफल लेखकों को पुस्तक-उद्यमी में रूपांतरित होना पड़ेगा।

5. चुनौतियोँ का सामना कीजिए

कठिनाइयाँ, समस्याएँ तथा चिंताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आती हैं, और कोई भी जीवन की तिक्त सच्चाइयों के स्वाद से वंचित रहने वाला नहीं है। दीपक चोपड़ा का परामर्श है कि जब ऐसी चुनौतियोँ का सामना करना पड़े, तब इसे स्वीकार करना अनिवार्य है कि चिंताएँ वृथा हैं तथा किसी अन्य उपागम का चयन करना है जो आपके विकल्पों तथा स्वतंत्रता के भाव की वृद्धि करता है। उदाहरण के लिए, यदि लिखने के लिए समय निकालना आपके लिए समस्या है, तब एक घंटा पहले जग जाइए और प्रतिदिन लिखिए। इस प्रकार, आप चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित कर सकते हैं और परिणामों का लाभ उठा सकते हैं।

6. बहुफल बनिए

दीपक चोपड़ा ने 80 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। यह प्रकाशनों के लिए विशाल मात्रा में रचना है, तथा इसका अर्थ है कि उनकी कृतियों का प्रभाव अधिक व्यक्तियों को स्पर्श करने वाला है। इसी तरह के उपलक्ष्य में, अपने उत्पादन को बढ़ाते हुए एक बहुफल लेखक बनिए। कागज पर अधिक शब्द रखते हुए (उस लेखक की तुलना में जो एक पुस्तक पूरी करने में एक वर्ष लेता है), आप अधिक पुस्तकें पूरी करने और बृहत्तर संख्या में पाठकों के सामने अपनी कृति को लाने के संयोग में वृद्धि करते हैं।

7. यदि कर सकें तब अनुवाद करें

उनकी पुस्तकों को 43 भाषाओं में अनुवाद किए जाने पर, दीपक चोपड़ा की पुस्तकों की उपस्थिति यथार्थ में अंतर्राष्ट्रीय हो गई है। क्या आपकी पुस्तकों के लिए अन्य देशों में बाजार है? यदि ऐसा है, तब सोचिए कि आप संसार के अन्य क्षेत्रों में पाठकों के हाथों में और/या डिजिटल रीडर्स पर अपनी कृतियों को लाने में कैसे सक्षम हो सकते हैं। निश्चित रूप से, यदि आपकी पुस्तकें परंपरागत रीति से प्रकाशित की गई हैं तब यह इतना सरल नहीं भी हो सकता है, क्योंकि अधिक संभावना है कि आपके प्रकाशक ने विदेशी अधिकारों को अपने पास रखा होगा। तथापि, यदि आप स्वयं प्रकाशित हैं, तब यह निश्चित रूप से एक ऐसी चीज हो सकती है जिसकी आप खोज कर सकते हैं।

Image credit: lifescript on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2015/02/IMG_20141217_101736441.jpg[/author_image] [author_info]Kavitha is a freelance content writer and French translator, and has been working in this field since 2008. She has degrees in computer applications and international business and has a background in business and international trade. She enjoys learning languages and is currently learning Japanese. Her interests vary from books and writing to travelling and history.[/author_info] [/author]

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