एक लेखक होने के कारण, जीवन आपको परखता है। आपका कार्य आपके अंदर निराशा की सृष्टि करेगा। संपादक और प्रकाशक जैसे अन्य व्यक्ति भी, जो आपके साथ कार्य करते हैं वह भी आपकी जाँच कर सकते हैं। पारिवारिक समस्याएँ भी आपको निगल सकती हैं। चीजें ऐसी ही हैं। जीवन उतारों-चढ़ावों से भरा है, और कभी कभी आपको लगता है कि नियंत्रण आपके हाथ से निकल रहा है। जब यह अनुभव होने लगता है कि दुनिया आपके गिर्द बिखर रही है, तब इसे याद रखिए कि शांत कर अपना संचालन करते रहने के लिए कई चीजें हैं जिन्हें आप कर सकते हैं:
अपनी भावनाओं का प्रबंधन कीजिए
आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना का प्रबंधन किया जा सकता है। स्वयं को इससे अभिभूत होने की अनुमति नहीं देते हुए आप इसे कर सकते हैं। आप इसे कैसे करते हैं? एक सरल और प्राचीन उपाय है इसका निरीक्षण करना। यदि आप लिखने के लिए अंतिम तिथी पर काम पूरा नहीं कर पाने के लिए चिंतित हैं, तब चिंता के साथ अपनी पहचान नहीं बनाते हुए केवल एक पर्यवेक्षक का दृष्टिकोण अपनाइए और केवल चिंता का निरीक्षण कीजिए। यह चली जाएगी। यदि यह फिर वापस आती है, तब भी इसका निरीक्षण कीजिए। बेकार की भावनाओं का सामान्य चरित्र ऐसा ही होता है।
सकारात्मक विचार रखिए
जब आप 100% से कम अनुभव कर रहे हैं, तब आपकी सोच भी 100% से कम होती है, जिसका अर्थ है कि आप नकारत्मकता के साथ सोच रहे हैं। अपके मन के विचारों में वह चित्र होते हैं जिनमें आप संघर्ष कर रहे हैं, और आप चिंतित हो रहे हैं कि सारी चीजें गलत होने जा रही हैं। आप क्या कर सकते हैं और क्या उपलब्ध कर सकते हैं, ऐसे सकारात्मक विचार, आपको अपने गुणों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करेंगे, जिससे आप बेहतर अनुभव करेंगें और आप लिखने में अपनी एकाग्रता वापस ला सकते हैं।
ध्यान लगाइए
आपकी सामान्य श्वसन प्रक्रिया शांत होती है। जब आप दबाव अनुभव करते हैं तब आपकी साँसें असामान्य हो जाती हैं। बेचैनी की भावनाओं से अपनी ध्यान हटा कर इसे साँस लेने पर केंद्रित करते हुए आप शीघ्र ही स्वयं को शांत कर सकते हैं। सचेनता पूर्वक कुछ गहरी साँसें लीजिए और अपनी साँसों पर ध्यान लगाते हुए सामान्य श्वसन जारी रखिए।
दैनंदिन जीवन में सच यह है कि, अपनी साँसों का निरीक्षण करना आपको याद नहीं रहता। आप जिसे कर सकते है वह यह है — प्रतिदिन एकांतता में ध्यान लगाने में 10 मिनट व्यतीत करते हुए, दिन भर की कठिन अवधियों के लिए अपने आपको तैयार रख सकते हैं। केवल अपनी साँसों का आना और जाना ध्यानपूर्वक निरीक्षण कीजिए, और जब आपका मन इधर-उधर विचलित होने लगे, तब कोमलता पूर्वक अपने ध्यान को वापस अपनी साँसों पर ले आइए।
दूसरों के साथ रहिए
किसी भी समस्या को जब साझा किया जाता है, तब यह आधी हो जाती है। जब आप किसी भी कारण से परेशानी का अनुभव करते हैं, तब समस्या को अपने अंदर छुपा कर नहीं रखते हुए, अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य या सहकर्मी के साथ मिल कर इस पर बातें कीजिए। साधारणतः लोग एक-दूसरे की सहायता करना पसंद करते हैं, और यह अच्छा लगता है। क्या आप स्मरण कर सकते हैं कि पिछली बार कब आपने किसी मुद्दे पर पार पाने के लिए किसी की सहायता की थी? यह केवल अन्य व्यक्ति के लिए ही अच्छा अनुभव नहीं है, यह आपको भी अच्छा लगा था, है ना? अपनी सहायता करना के लिए दूसरों को अवसर दीजिए। आपकी सहायता करने के लिए इच्छुक तथा प्रतीक्षा करते हुए सहायकों का एक दल बन जाएगा, एक ऐसा दल जिसके अस्तित्व की आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
उचित मात्रा में विश्राम लीजिए
यदि आप उचित विश्राम नहीं ले रहे हैं, तब निश्चित रूप से आप शांत अनुभव नहीं करेंगे। आप क्षुब्ध रहेंगे और आपकी मनोदशा आपके या दूसरों के लिए सहायक नहीं रहेगी। यदि आप पूरे दिन काम करते रहे हैं, तब आपका मस्तिष्क और शरीर, दोनों सक्रिय रहे होंगे और उऩ्हें विश्राम की आवश्यकता है। अतः, औचित्यपूर्वक नींद लीजिए। रात को अच्छी तरह नींद लीजिए और यदि आप इसे कर सकते हैं, तब दोपहर में भी एक छोटी सी झपकी लें।
Image credit: John Cooper on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]