लेखक गलतियाँ करते हैं। यह एक तथ्य है। पहले ही प्रयास में कोई भी सर्वश्रेष्ठ कृति की रचना नहीं कर सकता। तथापि, कुछ लेखन भूलें हैं जिन्हें हम करते हैं, जो हमारी सृजनशीलता के प्रवाह को रुद्ध कर सकती है। उनमें से कुछ उस समयावधि के लिए, लेखक के अवरोध की सृष्टि करते हुए हमारा लिखना भी रोक सकती हैं, जो कुछ घंटों या कुछ दिनों तक चल सकती है। और तब, कुछ अन्य प्रकार की भूलें हैं जो हमारे लिखने के कृत्य के द्वारा हमारे विरुद्ध कार्य करवाती हैं। अधिक लिखते हुए बेहतर होने के बदले, हम अपने-आप को उन्हीं गलतियों को बार-बार दोहराते हुए पा सकते हैं। यह निबंध 5 सर्वनिष्ठ भूलों का निरीक्षण करता है जिन्हें आपको तुरंत संबोधित करना चाहिए।
1. शब्द-विन्यास की जाँच पर अत्यधिक निर्भरता
किसी लेखक के लिए स्पेलचेक (शब्द-विन्यास की जाँच) श्रेष्ठतम आविष्कारों में से एक है। परंतु यह निकृष्टतम भी है। स्पेलचेक हमें शब्द-विन्यास में बेहतर नहीं बनाता। इसका विलोम प्रभाव है – इस पर अत्यधिक निर्भर होना हमें वाक्यों में गलत शब्दों का उपयोग करवाता है। उदाहरण के लिए, “loner” के बदले आपको “loaner,” मिलता है, या जब आप “addict” लिखना चाहते हैं तब “attic” मिलता है। बहुत से एक ही समान सुनाई देने वाले शब्द (homophones) है, परंतु इनका अर्थ बिल्कुल अलग होता है, इनसे गड़बड़ हो जाती है। परंतु उस शब्द के नीचे टेढ़ी-मेढ़ी लाल रेखा नहीं होगी – क्योंकि जहाँ तक स्पेलचेक का सवाल है, यह एक उचित शब्द-विन्यास है।
2. थसॉरस का अत्यधिक उपयोग
थसॉरस का प्रभाव भी शब्द-विन्यास जाँच के समान है। थसॉरस का अत्यधिक उपयोग, अर्थात् साधारण लगने वाले शब्दों को उन शब्दों के द्वारा निरंतर प्रतिस्थापित किया जाना जो अधिक चुस्त और बेहतर सुनाई देते हैं, लेखक के रूप में आपके आत्मविश्वास को कम कर सकता है। शीघ्र ही, आप किसी सरलता से समझ में आने वाले शब्द को लिखने या पुनरुत्पन्न करने में स्वयं को अक्षम बोध कर सकते हैं क्योंकि आप अनिश्चित हो जाते हैं कि किस शब्द का उपयोग किया जाए। इससे बचने के लिए, स्वयं अपना शब्द-भंडार बनाने के लिए, और समान संदर्भ में प्रयुक्त समरूप शब्दों को लक्ष्य करने के उद्देश्य से, जितना आपसे संभव हो सके उतना अधिक पढ़िए। और थसॉरस को संपादन प्रक्रिया के लिए छोड़ दीजिए: जब पाठक के लिए एक बेहतर चित्र प्रस्तुत करने के लिए आप किसी शब्द को बदलना चाहते हैं।
3. जटिल वाक्य
लंबा वाक्य लिखना किसी लेखक के लिए एक चुनौती हो सकती है, परंतु पाठक के लिए यह उससे भी बड़ी चुनौती है। लंबे, जटिल वाक्य समझने में कठिन होते हैं। उन्हें छोटे-छोटे वाक्यों में विभाजित कर लेना सर्वदा बेहतर होता है। संक्षिप्त होना पाठकों को आकर्षित करने की कुंजी है। तथापि, जब तक यह आपकी लेखन प्रक्रिया की सहायता नहीं करे, लंबे वाक्य लिखना आपके सृजनात्मक प्रवाह को रुद्ध करता है। आखिरकार, प्रत्येक व्यक्ति की लेखन-पद्धति अलग होती है। परंतु, संक्षिप्त होना हमेशा कहानी को अग्रसर करने में सहायता करता है। शब्दबहुल होना सामान्यतः थकाऊ होता है, और आप स्वयं को अधिक की जगह कम लिखते हुए पा सकते हैं।
4. क्रिया-विशेषणों को प्रतिस्थापित करना
विश्व के लगभग सभी सफल, सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों के प्रत्येक लेखक के द्वारा लेखन में क्रिया-विशेषणों के प्रयोग पर निषेध लागू किया गया है। क्रिया-विशेषणों के प्रयोग को अत्यंत निरुत्साहित किया जाता है। क्रिया-विशेषण को सर्वदा शक्तिशाली विवरणात्मक क्रिया के द्वारा बदल दिया जाना चाहिए, जो कहानी को मजबूत बनाएगी। शक्तिशाली क्रिया एक बेहतर चित्र का निर्माण करती है, वहीं क्रिया-विशेषण कहानी को पूर्ण रूप से दुर्बल बना देता है। फिर भी, कभी-कभी, क्रिया-विशेषण उपयोगी हो सकता है, क्योकि वह शक्तिशाली क्रिया जो इसे प्रतिस्थापित करेगी, एक ऐसा शब्द है जिसके साथ औसत पाठक परिचित नहीं हैं। इसलिए, जब भी आप किसी क्रिया-विशेषण को बदलना चाहते हैं, तब बार-बार रुकने के बदले स्वाभाविक रूप से लिखना जारी रखिए, और क्रियाविशेषणों का प्रतिस्थापन बाद के लिए छोड़ रखिए।
5. दुर्वचनों का उपयोग
दुर्वचन को मानक अंगरेजी नहीं माना जाता, और यदि आप इनका अधिक उपयोग करते हैं, तब यह आपके लेखन को शिथिल कर सकता है। यदि आप अपने किसी पात्र के लक्षण के रूप में इसे उपयोग करते हैं तब दुर्वचन स्वीकार्य है। फिर भी, इसे वार्तालाप तक ही सीमित रखा जाना चाहिए – यद्यपि आपका अग्रणी इसका प्रयोग करता है और आप इसे उत्तम पुरुष के दृष्टिकोण से लिख रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्वचन अक्सर बदल जाते हैं, और आज जो सर्वनिष्ठता से ज्ञात है वह आपकी पुस्तक के आपके पाठक के हाथ में पहुँचने तक नहीं भी रह सकता है, इसी कारण से अपने लेखन में दुर्वचन के प्रयोग से बचना ही बेहतर है।
Image credit: Nick Webb on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
[/author_info] [/author]