महात्मा गाँधी हमारे समय के महानतम प्रेरक और प्रेरणादायक व्यक्तियों में से एक थे। परंतु क्या आपने सोचा था कि वह अंकुरित होते लेखकों को भी प्रेरणा दे सकते थे? यदि आप जानना चाहते हैं कि ठीक-ठीक कैसे महात्मा गाँधी के उद्धरण उदीयमान लेखकों की लेखन कुशलताओं में सुधार करने में आश्चर्यजनक ढंग से सहायक हो सकते हैं तब आप इसे पढ़ना चाह सकते हैं।
“पहले वे आपकी अवहेलना करते हैं, तब वे आप पर हँसते हैं, तब वे आपसे लड़ते हैं, और तब आप जीत जाते हैं।”
प्रत्येक लेखक महात्मा गाँधी से हार नहीं मानने की कला सीख सकता है। जब आप लिखना आरंभ करते हैं, तब आप अनदेखी किए जाने, हँसाई किए जाने, ताने मारे जाने और मजाक उड़ाए जाने के लिए बाध्य हैं। कुंजी है यह जान लेना कि कभी न कभी आगे चल कर, आप सफल होंगे। एक संकोची आरंभ, कठोर परिश्रम के साथ मिल कर निश्चित रूप से आपके लिए सफलता लाएगा, कभी-कभी हो सकता है कि अपेक्षित समय से बाद लाए। एक बार आप इन स्वर्णिम शब्दों को मन में रख लीजिए कर, और आलोचकों की अनसुनी करते हुए धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य कीजिए, निश्चित रूप से आप आकाश की सीमाओं को छू लेंगे। गाँधी का यह अन्य उद्धरण इस परिस्थिति में सही बैठता है, “मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे आहत नहीं कर सकता।” किसी के भी कटु शब्दों और आलोचना को मन में धारण नहीं कीजिए और इनसे स्वयं को किसी तरह से भी विचलित नहीं होने दीजिए।
“मैं किसी को भी गंदे पैरों के साथ अपने मन से होकर चलने नहीं दूँगा”
आप जिन लेखकों से मिलते हैं या जिन्हें आदर्श मानते हैं, आपको उनसे उनकी सारी सकारात्मकताएँ लेनी चाहिए, और उनका प्रयोग अपने लेखन में करना चाहिए। आप जिन पुस्तकों को पढ़ते हैं या जिन बलॉग्स का अनुसरण करते हैं, और जिन लेखकों की सराहना करते हैं, वह सभी, किसी रूप में, आपके मन में चलते हैं। आपको सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन सभी व्यक्तियों की केवल अच्छी गुणवत्ताएँ ही आपके मन में रह जाएँ। वास्तव में, आप वही हैं जिसे आप पढ़ते हैं, और यह आपको एक लेखक के रूप में ढालने के लिए एक निर्णायक भूमिका निभाता है। इसलिए, जिन चीजों को आप जान-बूझ कर या बिना सोचे-समझे अनुसरण करते हैं उनके संबंध में आपको सचेतन रहना चाहिए, वह आपको एक लेखक के रूप में बना या बिगाड़ सकती है।
“बढ़ना और विकसित होना जारी रखिए”
गाँधी से उदीयमान लेखकों के लिए एक अन्य सीख है, समय के साथ विकसित होने की आवश्यकता। प्रत्येक लेखक को प्रत्येक कृति के बाद बेहतर बनने के लिए कार्य करना चाहिए। एक बार जब आप कोई विशेष कहानी या उपन्यास लिखना समाप्त कर लेते हैं, तब आपको विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि आप कहाँ अपना सुधार कर सकते हैं और एक लेखक के रूप में विकसित हो सकते हैं। आज की दुनिया में, लेखक के लिए, पाठकों की रुचियों और अपेक्षाओं का ध्यान रखते हुए, प्रत्येक पुस्तक के बाद विकसित होना और बढ़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप अल्प से आरंभ कर सकते हैं, परंतु यदि समय के साथ विकास नहीं होता है, तब आप इसे ठीक से नहीं कर रहे हैं।
“धैर्य का एक आउंस उपदेश के एक टन से अधिक होता है”
विशेषतः लेखन क्षेत्र के लिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण उद्धरण है। धीरज धरना किसी लेखक के लिए सबसे अधिक प्रयोजनीय, सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। यदि आप पहले-पहल सफल नहीं होते हैं, तब आपको आशा त्यागने की आवश्यकता नहीं है। आपको धैर्य धारण करने और स्वयं पर विश्वास रखने की, तथा उस मायावी सफलता को उपलब्ध करने के लिए कार्य करते रहने की आवश्यकता है। धीरज की एक छोटी सी मात्रा भी आपके गिर्द के अन्य व्यक्तियों के उपदेशों से अधिक मूल्यवान है। यदि आप अपने अंदर इस धैर्य को बनाए रख सकते हैं, तब आपका आधा काम हो गया रहता है। अंत में, सफलता, ख्याति एवं धन का आगमन होगा। आपके लिए आवश्यक है आशा क्षीण किए बिना केवल कार्य करना।
“क्रियाशीलता के बिना, आप कहीं नहीं जा रहे हैं”
अंत में, एक बार जब आपने अपनी पूरी कहानी का कथानक, पात्रों, अंत पर विचार कर लिया है, और यद्यपि आपने प्रत्येक संभव परिणाम को सोच लिया है, इन सबकी कोई गिनती नहीं है यदि आपने इन्हे कार्यान्वित नहीं किया है। अपने सामने आए लिखने के कार्य के लिए मानसिक प्रस्तुति एक चीज है, परंतु जब तक आप इन बिंदुओं तथा अवधारणाओं को क्रियाशीलता प्रदान नहीं करते, यह निरर्थक हो जाते हैं। अपनी अवधारणाओं को कार्यान्वित करते हुए आपका अत्यंत सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि उचित रूप से कार्यान्वित नहीं किए जाने पर, यह आपकी कहानी को वह नहीं बनने देगी जो इसे होना चाहिए था।
Image credit: Nagarjun Kandukuru on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/03/Pranay.jpg[/author_image][author_info]Pranay Kanagat is a freelance writer who has a love for writing on various subjects. In particular, he enjoys creative writing. He is also studying for an Engineering degree.[/author_info] [/author]