आजकल यह साधारण ज्ञान का विषय है कि सोशल मीडिया अकाउंट बनाए रखना आपके पुस्तक व्यवसाय का प्रचार प्रसार करने के लिए बढ़िया और लागत-कुशल उपाय है। तथापि, जब आपको ज्ञात होता है कि दर्जनों सुव्यवस्थित और naकप्रिय सोशल मीडिया अकाउंट्स आपके विक्रय के लिए कुछ भी नहीं करते, तब हो सकता है कि आप अनजाने में यह 5 सोशल मीडिया गलतियाँ कर रहे हैं:
1. सभी स्थानो पर होना
अलग-अल्ग नेटवर्क्स के उद्देश्य अलग-अलग हैं। लिंक्डइन व्यापार के लिए है। ट्विटर वर्तमान वृत्तांतों और पॉप संस्कृति की सूक्ष्म-स्थ्तियों का अद्यतन है। पिंटरेस्ट छवि-केंद्रित है, इत्यादि-इत्यादि। यदि आपने हर स्थान पर सोशल मीडिया अकाउंट रखा है और आप अपने पुस्तक व्यवसाय का प्रचार-प्रसार करने का प्रयास कर रहे हैं, तब यह संदर्भ-रहित अवांछनीय ईमेल के समान आएगा। जो व्यक्ति अन्यथा आपकी पुस्तक मे रुचि लेते, उन्हें संयोग से आपका कोई विषय अकाउँट मिलेगा और उन्हें यह प्रतीत होगा कि आप कोई स्पैमर हैं, और आपको किसी साधारण स्पैंमर की भांति छोड़ने की सोचेंगे।
2. अधिक नकारात्मक होना
सोशल मीडिया में विवादों और आग उगलने वाली लड़ाइयों में पड़ना बहुत आसान और लोभनीय लगता है। अधिकांश समय वहाँ पहले से ही गड़बड़ चल रही होती है और किसी पर क्रोध करना केवल कुछ कीस्ट्रोक्स या क्लिक्स दूर रहता है। यदि आप कोई पुस्तक व्यवसाय चलाना चाहते हैं तब इस प्रलोभन में मत पड़िए। यदि आप सोशल मीडिया पर कोई बखेड़ा “जीत” भी जाते हैं, यह आपके ब्रैंड को कलंकित करता है और संभव पाठकों को दूर करता है। अधिक सकारात्मक बनिए। यदि आप कुछ सकारात्मक या निर्माणात्मक पोस्ट नहीं कर सकते, तब कुछ भी पोस्ट नहीं कीजिए।
3. पाठकों की अवहेलना करना
यह सबसे साधारण गलती है जिसे आप कर सकते हैं। यदि आपको केवल उन पाठकों की टिप्पणियों की अवहेलना करनी है जो आपकी दीवार पर मेसेज पोस्ट कर रहे हैं तब सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति की सृष्टि करने की झंझट क्यों उठाते हैं। पाठकों को उत्तर देने में बहुत समय व्यतीत होता है परंतु यदि आप चाहते हैं कि आपका व्यापार बढ़े तब आपको कम से कम इतना प्रतिदान तो करना ही पड़ेगा। यदि आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के एक पक्षीय विनिमय बना देते हैं तब आप पाएँगे कि आपके पाठक कहीं दूसरे स्थान पर प्रवास कर गए हैं जहाँ वह अधिक आभारी अनुभव करेंगे।
4. “प्रशंसक” खरीदना
कई ऐसे साइट्स हैं जो फेसबुक “Likes” या ट्विटर “Followers” की कुछ मात्रा देते हैं या शुल्क के बदले अन्य कोई भी सोशल संकेत प्रदान करते हैं। यदि आप सोशल मीडिया उपस्थिति निर्माण का प्रयास कर रहे हैं तब यह लोभनीय प्रस्तुति हो सकती है, परंतु लोभ के पास आत्मसमर्पण नहीं कीजिए। यह नकली प्रशंसक बेकार हैं तथा वास्तव में आपकी छवि के लिए हानिकारक हो सकते हैं। वे प्रतिक्रिया नहीं देते, उनके प्रोफाइल स्पैम किए हुए होते हैं, और वे आपकी दीवार को अवांछनीय ईमेलों से भर देंगे। यह वैधानिक प्रशंसकों के पास आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स को अनाकर्षक बना देगा और उन्हें आपकी पुस्तकों से दूर कर देगा।
5. इसे अवैयक्तिक बनाना
अंत में, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने प्रशंसकों को यह अनुभव करा सकते हैं कि आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के व्यक्तिगत मालिक हैं। इसे स्वचालित नहीं करें या संवाद करने के लिए टेम्प्लेट्स पर निर्भर नहीं करें। यदि आपके किसी प्रशंसक को उत्तर देना है, तब डिब्बेबंद उत्तर का प्रयोग नहीं कीजिए। यदि आप उन्हें विशेष अनुभव नहीं कराते हैं, तब वे चले जाएँगे और आपके सोशल नेटवर्क्स को अकेला छोड़ जाएँगे।
Image credit: Nick Allen on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]