इंडी स्वतंत्र (independent) का संक्षेप है, और केवल संगीत, फिल्मों और खेलों तक ही सीमित नहीं है। इंडी लेखकों के समुदाय लगातार बढ़त पर हैं, परंतु इन्होंने सही ध्वनि उत्पन्न करना आरंभ कर दिया है। स्वतंत्र प्रकाशन कंपनियाँ निगमित कंपनियाँ हैं, परंतु यह बड़ा व्यापार नहीं करतीं। यह प्रकाशक प्रचुर चुनौतियों का सामना करते हैं जिनका सामना बड़ी प्रकाशन कंपनियाँ औसत रूप से नहीं करतीं। अतः इंडी प्रकाशन सीधा-सरल नहीं है, परंतु प्रकाशन के इस आकार में सफल होना असंभव नहीं है।
इंडी प्रकाशन का सबसे अच्छा अंश यह है कि यह स्वयं-प्रकाशन से पूर्ण रूप से भिन्न नहीं है। यह दोनों क्षेत्र पुस्तक प्रकाशन तथा प्रचार-प्रसार के पदों में अब भी संघर्ष कर रहे हैं और इनकी चुनौतियाँ लगभग एक समान हैं। इसे कहने की कोई भी आवश्यकता नहीं है, कि जिन उपायों से आप इंडी प्रकाशन में सफल हो सकते हैं वह उन उपायों से अलग नहीं हैं जिनसे आप स्वयं-प्रकाशक के रूप में सफल होते।
1. कोई उचित प्रकाशक ढूँढ़ निकालिए
यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आपको प्रचुर इंडी लेखकों तथा पाठकों तक पहुँच बनानी पड़ेगी। प्रकाशन अंतराल में इन प्रकाशकों के अपने आले हैं। उनके अपने समर्पित लेखक समूह हैं और अतः, वे उस प्रकार की जनसंख्या को आकर्षित कर सकते हैं जिनमें आपको रुचि हो सकती है। और यदि आप सर्वोत्तम के साथ जाएँ तब आप पर अधिक ध्यान दिए जाने का संयोग बन सकता है।
2. फिर समुदाय
इंडी प्रकाशन में सफल होने के लिए, इंडी लेखकों के किसी समुदाय के साथ जुड़ना वह न्यूनतम चीज है जिसे आप कर सकते हैं। आपको केवल इन व्यक्तियों के साथ जुड़ना है क्योंकि यह आपके जैसे हैं। और केवल संप्रदाय के साथ जुड़ जाना ही आपकी सहायता नहीं करने वाला है। आपको अपने लेखनों, तथा समुदाय के डैशबोर्ड पर अपनी टिप्पणियों के साथ योगदान करना पड़ेगा। सुनिश्चित कीजिए कि आप प्रचुरता से दिखाई दे सकें।
3. अपने प्रोफाइल की सृष्टि कीजिए
आपके लेखक प्रोफाइल को यह स्पष्टता के साथ दर्शाना चाहिए कि आप एक इंडी लेखक हैं। इसे गतिक होना चाहिए और पूरे स्थान में इसका स्वर गुंजायमन होना चाहिए। कुछ विलक्षण टिप्पणियों के साथ एक सुंदर प्रोफाइल चित्र आपके प्रोफाइल के लिए अत्यंत उपकारी होगा। और वीडियो क्यों नहीं? उन्हें देखने में आकर्षक होना चाहिए। और जिस पल आपका प्रोफाइल बन जाता है, आपकी सारी पुस्तकें आपके प्रोफाइल के साथ जुड़ जाती हैं।
4. पुस्तक समीक्षाएँ
जितना अधिक आप इंडी समुदाय को अनुदान करते हैं, यह उतनी ही अधिक सकारात्मकताओं के साथ आपके पास वापस आएँगे। पुस्तकें पढ़िए, उनकी समीक्षाएं कीजिए और देखिए कि कैसे दूसरे इंडी लेखक इसका प्रतिदान करते हैं। हम ऐसे लेखकों को जानते हैं जो इस कार्यवाही से लाभवान हुए हैं और आपको भी होना चाहिए।
5. अपने वेबसाइट का उपयोग दक्षता से कीजिए
अपने डोमेन नाम के साथ आपका अपना वेबसाइट होना चाहिए। आरंभ में, आप भुगतान किए गए डोमेन नाम का विकल्प नहीं ले सकते हैं, परंतु अंत में आपको लेना चाहिए। और एक बार जब आपका वेबसाइट यथास्थान हो जाता है, तब कुछ मशीनों तथा अन्य सनकी चीजों को सुनिश्चित कीजिए जो उनके वेबसाइट को लोकप्रिय बनाती हैं।
यह खर्चीले कार्य नहीं हैं और केवल आपको कुछ समय व्यय करने की आवश्यकता है। आपके वेबसाइट बनाने में कुछ पैसे लगेंगे, परंतु बस यही। सर्वोपरि आपको यह स्मरण रखना पड़ेगा कि धैर्य का फल मीठा होता है। इंडी लेखक विख्यात लेखक नहीं हैं परंतु उनके अनुगामियों का एक अपनी मंडली है। अपनी मंडली बनाने के प्रयास कीजिए और सफलता आपका अनुसरण करेगी।
Image credit: Monica Arellano-Ongpin on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/03/Profile_Pic_Moumita.jpg[/author_image] [author_info]Moumita Goswami is a full-time homemaker and a passionate writer. She stays in Pune with her husband and daughter. After giving up working, she started writing about five years ago and can now be seen using her computer keyboard almost all the time. An MA in Psychology from Calcutta University, Moumita has spent time in Kolkata, Delhi and now Pune. For Moumita, writing started as a sudden chance but she soon discovered her likeness for it. And now she has developed a passion for writing and hardly any day passes without her scribbling a few lines. She dreams of publishing her own book one day and is working towards it.
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