एक लेखक के रूप में, अक्सर आपको किसी ग्रंथकार और विपणक का वेश धारण करना पड़ता है। स्वयं-प्रकाशन के इस युग में, आप अत्यंत भाग्यशाली हैं यदि कोई बड़ा प्रकाशक आपका आने वाली पुस्तक के विपणन तथा प्रचार-प्रसार की देख-रेख कर रहा है। परंतु चूंकि अधिकांश लेखकों के साथ (जिसमें आप भी सम्मिलित हैं) यह स्थिति नहीं है, आपको सीखना पड़ेगा की अपनी पुस्तक का विपणन कैसे करें।
1. शीघ्र आरंभ
सबसे अच्छे पुस्तक विपणक कहते हैं कि किसी पुस्तक का प्रचार-प्रसार, इसे लिखने के पहले ही आरंभ किया जाना चाहिए। अनिवार्यतः, इसका अर्थ है कि जिस पल आपके मस्तिष्क में कथानक आ जाता है, आपको अपने पुस्तक का विपणन आरंभ कर देना चाहिए। जहाँ शीघ्र आरंभ की अवधारणा बहुत बढ़िया है, आपको आगे की कार्यवाही भी एक महान पुस्तक के साथ करनी पड़ेगी। परंतु यदि आपने पहले ही अपनी पुस्तक लिख ली है तब चिंता नहीं कीजिए क्योंकि पर्याप्त विपणन माध्यम उपलब्ध हैं।
2. ब्रैंड निर्माण
अपने एक अन्य निबंध में, मैंने उल्लेख किया था कि लेखक अपना ब्रैंड कैसे बना सकते हैं। आगे पढ़ने से पहले, आप देखना चाह सकते हैं कि एक लेखक के रूप में आपको अपने ब्रैंड का निर्माण कैसे करना चाहिए। आपका पाठक आज केवल आपकी पुस्तक में ही रुचि नहीं रखता, परंतु एक लेखक के रूप में आप में भी रुचि रखता है। जितने अधिक व्यक्ति आपके संबंध में जान जाते हैं; उतना ही अधिक संयोग बनेगा कि वे आपकी पुस्तकें खरीदने के लिए कतार में खड़े रहेंगे।
3. किसी पहेली का सृष्टि करना
जब लोग आपकी पुस्तक के अंश पढ़ने में सक्षम होते हैं, स्वाभाविक रूप से उनकी रुचि में उकसाव रहता है। पुस्तक प्रचार-प्रसार के इस अत्यावश्यक तत्व की अवहेलना नहीं कीजिए। अपनी पुस्तक की विषय-वस्तु के 5% पर निर्णय लीजिए जिसका उपयोग आप अपने पाठकों के बीच रुचि बढ़ाने में करेंगे। अंश प्रिंट मीडिया में हो सकता है और उसके साथ-साथ सोशल मीडिया में भी हो सकता है।
4. मुफ्त प्रचार-प्रसार
यदि आप KDP Select विकल्प का निर्णय लेना चाहते हैं, तब आपके पास लगभग एक सप्ताह के लिए अपनी पुस्तक का मूल्य नियंत्रित करने का विकल्प रहता है। अपने पुस्तक का मूल्य कम कर दीजिए और अपने पाठकों को लाभवान होने दीजिए। यह मुँहजबानी प्रचार-प्रसार में परिणामित होगा। इस डिजिटल युग में भी आपकी पुस्तक के प्रचार-प्रसार के लिए यह सबसे बढ़िया उपाय है।
5. गेस्ट ब्लौगिंग
गेस्ट ब्लौगिंग सर्वगत ऑनलाइन विपणन रणनीति का केवल एक छोटा सा अंश है। इससे पहले कि आप इस कौशल को अपनाएँ, आपके अपने ऑनलाइन स्थान की सृष्टि पहले से ही कर रखनी चाहिए। अब आप पत्रकारों एवं लेखकों को आपके ब्लौग्स पर टिप्पणी देने के लिए निमंत्रित कर सकते हैं, जहाँ आप अपनी पुस्तक का प्रचार-प्रसार करते हैं। कुछ प्रसिद्ध व्यक्तियों से अपने ब्लौग्स और वेबसाइट्स पर लिखवाने के लिए, आपको व्यापक नेटवर्किंग करना पड़ेगा।
अवश्य ही, कई अन्य प्रचार-प्रसार सक्रियताएँ हैं जिनका उत्तरदायित्व आप ले सकते हैं। यह समय-सापेक्ष एवं खर्चीला मामला है, परंतु आप यदि अपनी रणनीति सही रख सकें, तब आप केवल अधिक पुस्तकें ही नहीं बेचेंगे, बल्कि आपके ब्रैंड मूल्य में भी वृद्धि होगी।
Image credit: Joanna Penn on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/03/Profile_Pic_Moumita.jpg[/author_image] [author_info]Moumita Goswami is a full-time homemaker and a passionate writer. She stays in Pune with her husband and daughter. After giving up working, she started writing about five years ago and can now be seen using her computer keyboard almost all the time. An MA in Psychology from Calcutta University, Moumita has spent time in Kolkata, Delhi and now Pune. For Moumita, writing started as a sudden chance but she soon discovered her likeness for it. And now she has developed a passion for writing and hardly any day passes without her scribbling a few lines. She dreams of publishing her own book one day and is working towards it.
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