किसी अन्य व्यापार के समान, पुस्तकें बेचना भी कठिन कार्य है। यह उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से कठिन है जो इसे किसी प्रोफेशनल-सहायता के बिना स्वयं करते हैं। यदि कोई नामी-गिरामी प्रकाशक आपके स्वार्थों की देख-रेख कर रहा है, तब चीजें आपके लिए बहुत आसान हो जाएँगी और बहुत से रास्ते खुल जाएँगे। परंतु सभी को यह अवसर नहीं मिलता। अपनी पुस्तक का प्रचार-प्रसार का प्रयास स्वयं करते हुए लेखकों के द्वारा सामान्यतः हो जाने वाली कुछ गलतियाँ निम्नलिखित दी गई हैं।
1. बाजार का ज्ञान नहीं होना
पुस्तक लिखना तथा इसे विक्रय करना, दोनों के साथ एक व्यापार के समान आचरण कीजिए। यदि आप अन्य किसी भी व्यापार में होते, तब आपको ज्ञात होता कि आपके प्रतियोगी ठीक-ठीक क्या कर रहे हैं, बाजार की प्रवृत्तियाँ क्या हैं, और किससे लाभ होने वाला है। यही चीज अपनी पुस्तक के साथ भी नहीं करने के लिए कोई कारण नहीं है। क्या मांग में है और क्या नहीं है, इससे अपने आप को भिज्ञ रखिए, और आपको अवधारणा मिल जाएगी कि कैसे और किसके पास आपकी पुस्तक का प्रचार-प्रसार किया जाए।
2. सभी के पास बेचना
जो सभी को आकर्षित करती हों, ऐसी पुस्तकें यदि हैं भी, तो बहुत कम हैं। कुछ पुस्तकों का आकर्षण दूसरों की अपेक्षा अधिक व्यापक है, परंतु इतना व्यापक कुछ भी नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति इसे खरीदता रहेगा और और पढ़ता रहेगा। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के पास आपकी पुस्तकों के विपणन करने का अर्थ यह है कि आप अपने संसाधनों का उपयोग उन अभियानों में कर रहे हैं जो निवेश पर कुछ भी प्रतिफल नहीं देंगे। इसके बदले, अपने लक्ष्य पाठकों की पहचान कीजिए और पता कीजिए कि वे कहाँ रहते हैं, और इसी के अनुसार अपना विपणन अभियान रूपरेखित कीजिए। विपणन केवल वह जानकारी है कि क्या, किसे और कैसे विपणन किया जाए।
3. पाठकों को मोहित नहीं करना
अभिनेताओँ, खिलाड़ियों और लेखकों के लिए अब कुछ भी अलौकिक और अगम्य नहीं रह गया है। सामानयतः इंटरनेट के साथ और विशेषतः ट्विटर के साथ, प्रत्येक से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रशंसकों के प्रति प्रेम जताने के लिए संपर्क बनाए रखे। यदि आप व्यवसाय में नए हैं, तब यह और भी अधिक महत्वपूर्ण है। विविध उपायों से अपने पाठकों को घेरते रहिए। यदि आप नवागत और स्वतंत्र लेखक के रूप में अपने पाठकों के ईमेल के उत्तर नहीं दे रहे हैं, अपने पेज या ग्रुप पर उनकी फेसबुक चर्चाओं में योगदान नहीं कर रहे हैं, या जब वे आपके ब्लौग या वेबसाइट पर कोई टिप्पणी देते हैं — आप संबधों के निर्माण के इस अवसर का लाभ नहीं उठा रहे हैं, तब आप भारी भूल कर रहे हैं और दीर्घकालिक संबंधों की स्थापना के विशाल अवसर गँवा रहे हैं।
4. स्पैमिंग
हो सकता है कि आप नेटवर्किंग और विपणन में प्रचुर प्रयास कर रहे हैं और फिर भी इसे गलत ढंग से कर रहे हैं। संभाव्य पाठक लेखकों के द्वारा स्पैम (अवांछित ईमेल) किया जाना नहीं चाहते हैं, चाहे वे कितने भी प्रिय क्यों न हों। यह सोशल मीडिया के लिए विशेष रूप से प्रयोज्य है, जहाँ बहुत से लेखक सोचते हैं कि एक ही प्रचार-प्रसार पोस्ट्स को निरंतर भेजना लोगों को उनकी पुस्तकें खरीदने के लिए प्रेरित करेगा। यह ऐसा नहीं करेगा! यदि आप कम चीजें भी भेजते हैं, तब भी विषय-वस्तु संभव पाठकों के लिए रोचक तथा उपयोगी होनी चाहिए। पाठकों की दिलचस्पी की जाँच करने के लिए, वहाँ कहीं पर आप अपनी पुस्तक का उल्लेख जोड़ सकते हैं। यद्यपि आपको हजारों अनुगामी हैं, यदि यह उनके लिए किसी मोल का नहीं है, तब संभवतः लोग आपकी अवांछनीय पोस्ट्स की केवल अनदेखी करेंगे। इसलिए अपने पोस्ट्स को रुचिकर बनाने पर ध्यान दीजिए। यह कठिन कार्य है, परंतु किसी ने भी नहीं कहा था कि विपणन आसान काम है!
5. मिथ्या समीक्षाएँ
बहुतेरे लेखक सोचते हैं कि अमेजन और गुडरीड्स पर लगातार पाँच तारा समीक्षाएँ मिलने पर उनके विक्रय में बढ़त होगी। यदि आप उन लेखकों में से एक हैं जो अपने परिवार तथा मित्रों से अपनी पुस्तक की समीक्षाएं पोस्ट कराते हैं, कृपया इसे समझ लीजिए कि यह वृथा है। पाठक बेवकूफ नहीं हैं और वे समझते हैं कि केवल मुट्ठी भर लोगों से उत्साही समीक्षाओं का अर्थ केवल एक ही निकलता है — मिथ्या विपणन। उन समीक्षाओं पर कोई भी विश्वास नहीं करता और आप अनेक संभव पाठकों को खो देंगे। इसके बदले अपने वेबसाइट या ब्लौग पर अपने पाठकों से आलोचनात्मक समीक्षा देने के लिए कहिए। और कृपया उन समीक्षाओँ के उत्तर भी नहीं दीजिए, पाठकों को केवल धन्यवाद देने के लिए भी नहीं। और निश्चित रूप से अपनी पुस्तक से पूरी तरह प्रभावित नहीं होने वाले समीक्षकों से कभी नहीं कहिए कि उन्होंने इसे समझा नहीं है या अपनी पुस्तक का बचाव करने का प्रयास भी नहीं कीजिए। इससे दूर रहिए। कुछ तीन तारा समीक्षाएँ आपके विक्रय के लिए चमत्कार कर देंगी, क्योंकि उन्हीं कुछ समीक्षकों के द्वारा आपकी पुस्तक का एक विस्तृत और सत्य विश्लेषण दिए जाने की संभावना है।
Image credit: Harsh Agrawal on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2015/02/IMG_20141217_101736441.jpg[/author_image] [author_info]Kavitha is a freelance content writer and French translator, and has been working in this field since 2008. She has degrees in computer applications and international business and has a background in business and international trade. She enjoys learning languages and is currently learning Japanese. Her interests vary from books and writing to travelling and history.[/author_info] [/author]