भारत में बहुत से प्रतिभाशील लेखक हैं, और यह पुस्तकों के लिए एक विशाल बाजार भी है, जो निचोड़े जाने के लिए प्रतीक्षा कर रहा है। यहाँ केवल अंगरेजी भाषा की पुस्तकें ही अधिक नहीं बिकती, परंतु कई क्षेत्रीय भाषाओं की भी टिकाऊ और सदा बढ़ते हुए पाठकों की भीड़ है। इस दृश्यावली में प्रकाशन गृह फल-फूल रहे हैं। कई पहली बार बने लेखक स्वयं-प्रकाशन का प्रयास करते हैं, परंतु प्रकाशन-गृह के संबल जैसा कुछ भी नहीं है, क्योंकि यह आपको प्रख्याति दे सकता है और आपकी पुस्तक को आगे की ओर धकेल सकता है। अधिकांश पाठक भी स्वयं-प्रकाशित पुस्तकों की अपेक्षा उन पुस्तकों पर अधिक भरोसा करते हैं जो किसी विख्यात प्रकाशन गृह के द्वारा प्रकाशित की गई होती हैं। इसलिए, इसे जानना महत्वपूर्ण है कि भारत में कैसे प्रकाशकों को ढूँढ़ा तथा उन तक पहुँचा जा सकता है।
प्रकाशक ब्लौग्स का अनुसरण कीजिए
इससे पहले कि आप प्रकाशित होते हैं, आपके लिए देश में प्रकाशन उद्योग के संबंध में कुछ सीखना आवश्यक है। प्रकाशन ब्लौग्स को पढ़ना एक अच्छी अवधारणा है जो आपको प्रकाशन की ऊँच-नीचों से परिचित करा सकता है। इन निबंधों को नियमित रूप से पढ़ने से, आप सीखेंगे कि प्रकाशन में चीजें कैसे काम करती हैं और ज्ञान के साथ आत्मविश्वास तथा नए विचार, दोनों आते हैं। आप समझ जाएँगे कि प्रकाशक क्या अपेक्षा करते हैं और किस तरह की कृतियोँ को अस्वीकृत करते हैं। समर्पण मार्गदर्शकों के लिए प्रकाशन कंपनियों की साइट्स की जाँच करना सुनिश्चित कीजिए। यह साइट्स आपको नई प्रवृत्तियों से भी अवगत करेंगी और आपको कुछ संकेतक देंगी कि सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्रकाशक और पाठक, दोनों के सामने अपने आप को कैसे प्रस्तुत करना चाहिए।
एक सीवी का निर्माण कीजए
जब आप नए लेखक के रूप में प्रकाशन के लिए अपनी कृति प्रस्तुत कर रहे हैं, तब आपके पास एक लेखन सार-संक्षेप रहना महत्वपूर्ण है जो उन सभी लेखनों की प्रदर्शन-मंजूषा है जिसे आपने अब-तक एक प्रोफेशनल के रूप में लिखा है। प्रकाशक, औसतन खतरे उठाने वाले नहीं होते, अतः वह उन व्यक्तियों की कृतियों का प्रकाशन करने से बचते हैं जिन्हें वे नहीं जानते। अपने लेखन सार-संक्षेप का निर्माण करने के लिए, कोई ब्लौग लिखना आरंभ कीजिए और उसमें लघु-कथाएँ तथा निबंध प्रकाशित करना आरंभ कीजिए। आप NaNoWriMo जैसी प्रतियोगिताओँ और कौमनवेल्थ फाउंडेशन की विविध प्रतियोगिताओं में भाग लेना भी आरंभ कर सकते हैं। ऐसे अनौपचारिक माध्यमों के द्वारा आप आप अपनी लेखन कृतियाँ जितना अधिक प्रकाशित करेंगे, किसी प्रकाशक के द्वारा आपकी कृति स्वीकृत किए जाने के संयोग भी उतने ही अधिक होंगे।
कोई साहित्यिक अभिकारक नियुक्त कीजिए
यदि आप, एक लेखक के रूप में, प्रत्यक्ष रूप से संवाद कर रहे हैं, तब संभव है आपकी पांडुलिपि पढ़े बिना ही आपको अस्वीकृत किया जा रहा है। कुछ प्रकाशक लेखकों से प्रत्यक्ष पांडुलिपियाँ स्वीकार भी नहीं करते। इस स्थिति में, सबसे अच्छा है कि आप अपने लिए कोई साहित्यिक अभिकारक (एजेंट) ढूँढ़ लें, जो आपके लिए सारे काम करेगा और आपकी पुस्तकें प्रकाशकों के सामने रखेगा। इस उपाय से, आप कम-से-कम इसके लिए सुनिश्चित होते हैं कि आपकी पुस्तक प्रकाशकों के पास पहुँच रही है और उन्होंने आप की पांडुलिपि पढ़ी है। कुछ साहित्यिक अभिकारक यहाँ मिल सकते हैं।
ऑनलाइन तथा ऑफलाइन नेटवर्किंग
अंतिम और महत्वपूर्ण तथ्य — यह अपरिहार्य है कि आप आप अपने ब्लौग के पीछे केवल एक नाम नहीं हैं। भारत में, अभी तक, प्रकाशन उद्योग अधिकतर व्यक्तिगत अभिशंसाओँ एवं नेटवर्किंग पर काम करता है। साहित्यिक उत्सवों, पुस्तक-मेलों तथा किसी भी अन्य स्थान पर जाने के लिए मिले हुए किसी भी अवसर का उपयोग कीजिए जहाँ प्रकाशन उद्योग के व्यक्तियों से मिलने की संभावना है। बिजनेस कार्ड्स छपवाइए और ऐसे किसी भी व्यक्ति को दीजिए जो आपकी सहायता करने में सक्षम हो सकता है। संपर्कों के साथ आगे की कार्यवाही कीजिए और उनकी पहल की प्रतीक्षा नहीं करते हुए उन्हें ईमेल भेजिए। जब नेटवर्किंग की बात आती है तब आपको अग्रसक्रिय होना पड़ेगा।
किसी पुस्तक को प्रकाशित कराने की अपेक्षा इसे लिखना आसान हो सकता है, परंतु प्रतिवर्ष प्रकाशन गृहों के द्वारा नए लेखकों का आविष्कार किया जा रहा है। भारी संयोग बनता है कि आप अगले हो सकते हैं!
Image credit: *saipal on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2015/02/IMG_20141217_101736441.jpg[/author_image] [author_info]Kavitha is a freelance content writer and French translator, and has been working in this field since 2008. She has degrees in computer applications and international business and has a background in business and international trade. She enjoys learning languages and is currently learning Japanese. Her interests vary from books and writing to travelling and history.[/author_info] [/author]