सेल्स लेटर (विक्रय संबंधी पत्र) आपके व्यापार को बढ़ाने के लिए आपका उत्तम उपकरण है। परंतु सेल्स लेटर्स के साथ दो उपस्थित मुद्दे हैं – 1. आप अपनी मौखिक सेल्स पिच को लिखे हुए शब्दों रूपांतरित नहीं कर पा रहे हैं। 2. आपके उत्तम प्रयासों के बावजूद, आपके सेल्स लेटर नष्ट कर दिए जाते हैं। और आप अचरज करते रह जाते हैं कि सबसे अच्छे सेल्स लेखक न जाने कौन सा जादू बुन डालते हैं और संभव ग्राहकों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं? सबसे बढ़िया लेखक यह करते हैं —
वे पढ़ते हैं
सर्वोत्तम लेखक कहते ही लिखने में नहीं जूझते। वह इस संबंध में पढ़ते हैं कि उत्तम सेल्स लेटर कैसे लिखा जाए, एक ऐसी चीज जिसे आपकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर होनी चाहिए। ऑनलाइन प्रचुर उदाहरण मुफ्त उपलब्ध हैं और आपको उन्हें पढ़ने में समय व्यय करना चाहिए।
वे पत्र पाने वालों के समान सोचते हैं
सर्वोत्तम सेल्स लेटर लेखक पहला शब्द लिखने से पहले ही अपने संभव यजमानों और ग्राहकों के संबंध में सोचने के लिए प्रवृत्त होते हैं। यह विवेचनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विचार पत्र का स्वर निश्चित कर देता है। और चूंकि यजमान/ग्राहक को क्रय-निर्णय लेना पड़ता है, सेल्स लेटर में WIIFM (इसमें मेरे लिए क्या है) को पूरा करना आवश्यक है। अन्यथा, रद्दी की टोकरी प्रतीक्षा कर सकती है।
वे पत्रों की संरचना करते हैं
सेल्स लेटर कोई व्यक्तिगत पत्र नहीं है और सर्वोत्तम लेखक पहले पहचान करते हैं कि वे किस संरचना का उपयोग करने वाले हैं। इसमें परिचय, मुख्य-भाग तथा कार्यवाही के लिए पुकार सम्मिलित होंगें। आदर्श रूप से योजना-निर्माण किसी कागज के टुकड़े पर कर लेना चाहिए और तब वास्तविक पत्र लिखना चाहिए।
सेल्स लेटर की संरचना के लिए कुछ गुर…
- पत्र के पहले चतुर्थांश को आवृत्त करने के लिए, जहाँ तक आँखें जाती हैं, एक दृष्टि-आकर्षक शीर्षक होना चाहिए।
- विशिष्टताओं और हितलाभों को सम्मिलित करते हुए पत्र का मुख्य-भाग।
- दो या तीन पंक्तियों के छोटे-छोटे पैरग्राफ्स और दो पैरग्राफ्स के बीच समान रिक्तता।
- कार्यवाही की पुकार तथा किसके साथ संपर्क करना है।
- प्रत्येक पैरग्राफ का आरंभ दिलचस्प होना चाहिए, जो पाठक को इसे पढ़ने के लिए बाध्य करे – यदि मुद्दा यह है तब इसका समाधान करने के लिए सर्वोत्तम उपाय है…
- वाक्य संरचना तथा व्याकरण का पालन करना है।
- A4 आकार के कागज पर 300 शब्द।
वे एक अप्रितिरोध्य आरंभ करते हैं
सेल्स लेटर कैसे आरंभ होता है यह निर्णय करता है कि पाने वाला इसके शेष भाग को पढ़ेगा या नहीं। आरंभ निम्नलिखित ढंगों से किया जा सकता है।
- निरपेक्ष – वसंत/ग्रीष्म के लिए यह कैटलाग सम्मिलित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है…
- सकारात्मक – हमें आपको यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आपके समान माननीय ग्राहकों को धन्यवाद…
- नकारात्मक – क्या आप किसी रहस्यमय चीज में रुचि लेते हैं? अच्छा, तो हम वह प्रस्तुत नहीं करते, परंतु अब हमने आपका ध्यान आकर्षित कर लिया है तब…
वे अपने पत्रों को व्यक्तिगत बनाते हैं
सेल्स लेटर में निजीकरण एक एकल सबसे महत्वपूर्ण तत्व है और सर्वोत्तम लेखक इसके बारे में जानते हैं। सबसे अच्छे पत्र हमेशा “आप” के बारे में होते हैं, “उन लोगों” या “आप सभी” के बारे में नहीं। इस प्रकार का निजीकरण लेखक को प्रत्येक व्यक्तिगत यजमान/ग्राहक पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है और उन पर बेहतर संभव हितलाभों की बौछार कीजिए।
वे उचित ढंग से पिच करते हैं
सेल्स लेटर्स के अपने पिच होने चाहिए। सबसे अच्छे लेखक निम्नलिखित पिचेज में से किसी एक को चुनते हैं।
- हितलाभ – जहाँ विशिष्टताओं के संबंध में लिखना महत्वपूर्ण है, प्रत्येक विशिष्टता के सामने उसका हितलाभ लिखना चाहिए। यहीं पर WIIFM की देख-भाल की जाती है।
- प्रश्न – यह पिच ऐसे हैं जिनमें ग्राहकों से प्रश्न पूछे जाते हैं जिससे वे सोचना शुरू कर दें। प्रश्न बंद या खुले हो सकते हैं।
- भावनाएँ – इसके साथ ग्राहक को जानना जुड़ा हुआ है। यह पत्र उनकी आंतरिक भावनाओं और इच्छाओँ पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- मजेदार – संदर्भ में कोई मजाकिया किस्सा रखना, ब्रैंड जागरूकता निर्माण के लिए तथा पत्र को पढ़ने योग्य बनाने के लिए बहुत बढ़िया उपाय है।
- मूल्य – यह पत्रों ऐसे हैं जहाँ मूल्य हितलाभों को रेखांकित किया जाता है और उनके साथ-साथ संभव बचतें भी जिन्हें ग्राहक कर सकते हैं।
सेल्स लेटर्स लिखना कठिन नहीं है, परंतु आपको अपनी सोच-प्रणाली बदलनी पड़ेगी। अंतिम उद्देश्य सामान्य विक्रय जैसा ही है – आप बेच रहे हैं इसके बदले ग्राहक को खरीदना चाहिए। इसी के अनुसार अपने पत्र की रचना कीजिए और वे आपको फोन करने लगेंगे।
Image credit: Matt_Lodi on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/03/Profile_Pic_Moumita.jpg[/author_image] [author_info]Moumita Goswami is a full-time homemaker and a passionate writer. She stays in Pune with her husband and daughter. After giving up working, she started writing about five years ago and can now be seen using her computer keyboard almost all the time. An MA in Psychology from Calcutta University, Moumita has spent time in Kolkata, Delhi and now Pune. For Moumita, writing started as a sudden chance but she soon discovered her likeness for it. And now she has developed a passion for writing and hardly any day passes without her scribbling a few lines. She dreams of publishing her own book one day and is working towards it.
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