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आपके ब्लौग पोस्ट को अधिक संवादात्मक बनाने के लिए 5 गुर

By Hiten Vyas

आपके ब्लौग पाठकों के साथ घनिष्ठता बढ़ाने के लिए सबसे प्रभावी उपाय है अपने ब्लौग पोस्ट्स को अधिक संवादात्मक बनाने के लिए एक अधिक संवादात्मक स्वर अपनाना। तथापि, परंतु संवादात्मक बनने या पाठकों को प्रत्यक्ष संबोधित करते हुए एक उत्तम पुरुष परिप्रेक्ष्य अपनाए जाने से बाहर भी बहुत कुछ है। यदि यह दो उदाहरण आपकी एक संवादात्मक ब्लौगपोस्ट लिखने की अवधारणा का सारांश नहीं हैं, तब आपके ब्लौग पोस्ट्स को अधिक संवादात्मक बनाने के लिए यहाँ पाँच गुर दिए गए हैं।

1. सभी के लिए लिखने का प्रयास करना बंद कीजिए

यदि आप अधिक संवादात्मक स्वर अपनाने का प्रयास नहीं भी कर रहे हैं तब भी यह एक बहुत महत्वपूर्ण परामर्श है। कारण यह है कि यदि आप वैसे स्वर में लिखने का प्रयास जारी रखते हैं जैसे आप व्यक्तियों के किसी समूह के साथ बातें कर रहे हैं, तब संयोग है कि आप एक उबाऊ मूलग्रंथ निकालते हैं जो इतना सामान्य है कि यह किसी का भी ध्यान आकर्षित करने वाला नहीं है।
एक अधिक संवादात्मक झुकाव अपनाने के लिए, उस प्रकार के पाठ की कल्पना कीजिए जिसे आप नियमित पाठक के रूप में आकर्षित करना चाहते हैं, और तब उस व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए अपने पोस्ट लिखिए। परिणामित ब्लौग उन सभी पाठकों को परोसेगा जो उस जनसांख्यिकी में पड़ते हैं, या मूलभूत रूप से, उन सभी पाठकों को जिन्हें आप आकर्षित करने में दिलचस्पी रखतें हैं। शेष पाठक वैसे भी आपके ब्लौग का झंझट नहीं उठाएँगे।

2. लघुतर वाक्यों का प्रयोग कीजिए

कोई संवादात्मक ब्लौगपोस्ट पढ़ने पर लगता है लेखक आपसे प्रत्यक्ष बातें कर रहा है। और जब आप बातें करते हैं तब आपको साँस लेने के लिए स्थान छोड़ना चाहिए। आप इस अनुभव को मूलग्रंथ के द्वारा छोटे-छोटे वाक्यौं का प्रयोग करते हुए जारी कर सकते हैं जो साँस लेने के लिए स्थान छोड़ते हैं। यदि संदेह हो तब अपने ब्लौगपोस्ट को ऊँचे स्वर में पाठ करना आरभ करें। यदि आप अपनी साँस को थामने के लिए वाक्य के बीच में रुकता हुआ पाते है तब आपको फिर से लिखने की आवश्यकता है।

3. कर्तृवाच्य का उपयोग करें

‘मुझे अपने माता-पिता के द्वारा सराहा गया है,’ के बदले ‘मेरे माता-पिता ने मुझे सराहा।’ कर्मवाच्य का उपयोग आपके वाक्यों को आवश्यकता से अधिक लंबा चलाता है। जो संवादात्मक पोस्ट के लिए हितकारी नहीं है। इसके अतिरिक्त, कर्मवाच्य सभी चीजों को पढ़ने में अकादमिक निबंध या बिजनेस रिपोर्ट के समान बनाता है।

4. संक्षेपों का उपयोग करें

I am के स्थान पर, I’m लिखिए। They will, के स्थान पर They’ll लिखिए। Should not के बदले Shouldn’t – और इसी प्रकार आगे भी लिखिए। संक्षेप लगाने पर पढ़ना आसान बन जाता है। वे मूलपाठ को औपचारिक बनाने से भी रोकते हैं। केवल यह सुनिश्चित कीजिए कि आप संक्षेपों से होने वाले व्याकरण अशुद्धियोँ में नहीं पड़ जाते हैं, जैसे गलती से Your के स्थान पर You’re.

5. पाठकों को संबोधित किए गए प्रश्न सम्मिलित करें

क्या आपने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है जो हर समय बातें करता है परंतु बातचीत में आपको प्रवेश करने नहीं देता? यदि यह केवल ऐसा व्यक्ति है जो किसी चीज के बारें में बड़बड़ाता रहता है और चला जाता है तब यह कोई संवाद जैसी बात नहीं होती। इसलिए आप अपने मूलग्रंथ में स्थान छोड़ते हैं जिससे पाठक जुड़ सकें। प्रश्न पूछ कर चीजों को लटकती छोड़िए और तब पाठक को अपने मन में निष्कर्ष पर आने दीजिए। कोई संवादात्मक ब्लौगपोस्ट का अर्थ कथनों को पाठकों के गले के नीचे उतारना नहीं है। इसके बदले, यह कहता है। सूचना उपलब्ध करता है पाठक को निष्कर्ष पर आने देता है वह उससे सहमत हो या नहीं।

[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of Writing Tips Oasis.[/author_info] [/author]

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