रहस्य उपन्यास अपने स्वभाववश अनिश्चय से भरे होते हैं – नायक किसी पहेली का सामना करता हैं या उसे पहेली प्रस्तुत की गई होती है (चाहे वह कोई खोई हुई शिल्पकृति हो, या हत्या) जिसका उसे समाधान करना है। अग्रणी जितना अधिक (और उसके विस्तारस्वरूप, पाठक) रहस्य में रमता है, संभाव्य खतरे तथा प्रतिपक्षी के साथ अंतिम द्वन्द्व, दोनों के लिए, तथा किसने अपराध किया है इसे ज्ञात करने के लिए नायक … [Read more...] about किसी रहस्य उपन्यास में अनिश्चय का निर्माण कैसे करें
लेखन युक्तियाँ
गैर-कल्पना साहित्य कहानियाँ लिखने के लिए 5 गुर
गैर-कल्पना साहित्य कहानियोँ के संबंध में दो तथ्य हैं। पहला है कि गैर कल्पना साहित्य को शुष्क गद्य के माध्यम से तथ्यों का संकलन होने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। इसे बढ़िया (अवश्य ही सत्य तथ्यों को रखते हुए) कथावाचन के द्वारा अप्रतिरोध्य उपाय से लिखा जा सकता है। दूसरा तथ्य है कि प्रत्येक श्रेणी, रसोई बनाने से ले कर, यात्रा तथा वृतांत तक इसी उपाय से लिखा जा सकता है। कल्पना … [Read more...] about गैर-कल्पना साहित्य कहानियाँ लिखने के लिए 5 गुर
शक्तिशाली और विश्वसनीय किशोर वयस्क अग्रणी की रचना कैसे करें
किशोर वयस्क अग्रणियों की समस्या यह है कि वे बहुधा अत्यंत परिपक्व प्रतीत होते हैं – यह इतना अधिक होता है कि लगता है कि उनके वेश में कोई प्राप्त-वयस्क व्यक्ति छुपा हुआ है। और तब वर्णक्रम का दूसरा छोर है, जहाँ किशोर वयस्क अग्रणी निःस्सार, आत्म-केंद्रिक लगते हैं और ऐसा लगता है कि वे केवल अपना या अपने प्रेम-पात्र की ही चिंता करते हैं। जिसकी आवश्यकता है वह है स्वर्णिम मध्यस्थिति : वह … [Read more...] about शक्तिशाली और विश्वसनीय किशोर वयस्क अग्रणी की रचना कैसे करें
अपने उपन्यास में कोई कष्टदायी शोकाकुल दृश्य कैसे लिखें
दुःख और विषाद जीवन के अंश हैं, ठीक उतने ही जितने जैसे प्रेम और प्रसन्नता हैं। किसी भी प्रकार के उपन्यास में, उन दृश्यों का जिनमें पात्र प्रसन्न हैं पाठकों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है, परंतु वे दृश्य, जो मर्मांतक रूप से विषादपूर्ण होते हैं वे आपके पाठकों को उस कहानी पर आँसू गिरवा देंगे जो वास्तव में सत्य नहीं है। अतः, यह क्यों होता है? अवश्य ही, क्योंकि यदि आपने उन पात्रों की सृष्टि … [Read more...] about अपने उपन्यास में कोई कष्टदायी शोकाकुल दृश्य कैसे लिखें
5 रूढ़ोक्तियाँ जो किसी भी विधा के उपन्यास में प्रकट होती हैं
रूढ़ोक्तियाँ नई, उत्कृष्ट अवधारणाओं, वाक्यांशों, तथा कथानक के मोड़ों को रूप में आरंभ हुई थीं। बहुत से लेखकों ने इस अवधारणा को इतना पसंद किया था कि बिना समझे (या कुछ मामलों में जान-बूझ कर) उन्हें अपनी कहानियों में प्रयोग करने लगे। उनकी संख्या इतनी बढ़ गई कि जिसे अब दस वर्ष भी नहीं हुए, नया और विस्मयकारी माना जाता था, वह अब रूढ़ोक्ति बन गई है। तथापि, हम रूढ़ोक्तियों के निर्माण पर … [Read more...] about 5 रूढ़ोक्तियाँ जो किसी भी विधा के उपन्यास में प्रकट होती हैं