आपकी कहानी के प्रत्येक पात्र को परिपूर्ण होने की आवश्यकता है, विशेषतः प्राथमिक चरित्रों को (अग्रणी तथा जो पात्र कथानक के साथ निकटता से संयुक्त हैं), और इनके साथ-साथ माध्यमिक पात्रों को भी। तथापि जब नारी पात्रों को लिखने की बात आती है, तब किसी सबल नारी पात्र को सही-सही उतारना कुछ पेचीदा हो सकता है। मुख्य समस्या यह प्रतीत होती है कि एक मिथ्या-धारणा अस्तित्व में है कि ओजस्विनी नारी पात्रों को पुरुषों के समान आचरण करना चाहिए, जो सत्य नहीं है। शक्ति के अनेक आकार हो सकते हैं शारीरिक एवं मानसिक दोनों के, और कोई भी पात्र शक्तिमान हो सकता है, चाहे वह पुरुष हो या नारी। तब, सही उपाय क्या है? इसका उत्तर है कि किसी नारी पात्र को लिखने के लिए कोई भी सही उपाय नहीं है – असल में आप जो भी पद्धतियाँ परिपूर्ण पुरुष पात्रों को लिखने के लिए चुनते है वही नारी पात्रों को लिखते समय भी प्रयोज्य होनी चाहिए। निम्नलिखित पाँच गुर आपकी सहायता के लिए हैं।
1. अभिकरण
यदि आपका अग्रणी एक नारी पात्र है, या वह कोई माध्यमिक चरित्र है जो कथानक के साथ समीपता से संयुक्त है, तब उसे किसी विशेष अभिकरण की आवश्यकता होती है। वह ऐसे निर्णय लेती है जो कथानक को प्रभावित करते हैं, तथा उन निर्णयों को सर्वदा उसके पात्र के द्वारा, उसके व्यक्तित्व के द्वारा प्रवाहित किया जाना चाहिए, केवल इसलिए नहीं क्योंकि आपको आवश्यकता है कि वह ऐसा करे। और उसे पिछलग्गू बने रहने तथा कार्यवाही को अपने पास आने देने की प्रतीक्षा करने के बदले, स्वयं कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
2. सत्यनिष्ठा
यदि आप अपनी कहानी में अपने पात्र की भूमिका का वर्णन करने का प्रयास करते हैं, और नारी पात्र के आगे शब्द “प्रेम पात्र” लिखते हैं, तब आपने एक रूढ़ोक्ति लिख दी है। वह संभवतः एक सुंदर नारी होगी, जिसे संभवतः नायक के द्वारा छुड़ाए जाने की आवश्यकता होगी, किसी उपाय से, जो, अपने समय पर, उनके प्रेम में पड़ने का कारण बनेगा। तथापि, असली जीवन में ऐसा नहीं होता है। जितना संभव हो सके, रोमांस वास्तविक होना चाहिए, जो हमें वापस पात्र उत्प्रेरणा, राय एवं आचरण पर लाती है। जिस सुंदरी स्त्री के साथ आपका पात्र प्रेम में पड़ता है, उसे भी आपकी कहानी के अन्य पात्रों के समान वास्तविक होना चाहिए, तथा एक प्रेममय संबंध बनाने के लिए पुरुष पात्र के साथ गहरा भावनात्मक लगाव होना चाहिए।
3. संपर्क
हम सभी ने वह पुस्तक पढ़ी है जिसमें नारी पात्र के साथ बिल्कुल कम अंतःक्रिया हुई थी या कोई भी अंतःक्रिया नहीं हुई थी, या नारी पात्र-समूह आपस में कुटिल, लगभग ढोंगी के समान अंतःक्रिया करती थी, और एक-दूसरे के प्रति घृणा से परिपूर्ण थीं। यह तब ठीक है, यदि परस्पर प्रतिरोधी होने के लिए उनके पास कोई कारण है, किसी स्त्री के चरित्र में शक्ति का प्रदर्शन अन्य स्त्रियों के प्रति उसके व्यवहार के द्वारा भी आता है। स्त्रियाँ परस्पर में मित्रवत होती हैं, और वे बिरले ही किसी नारी-अंतःक्रिया से अलग-थलग हो कर रहती हैं। असल में, वे बहुत बातें करती हैं। जब-तक आपके पात्र की पृष्ठभूमि यह सूचित नहीं करती है कि उसे अन्य नारी पात्रों के साथ अंतःक्रिया करने के लिए कभी भी कोई अवसर नहीं मिला था, तब-तक आपके पास सहेलियों, या बहनों के बीच अंतःक्रियाओँ और वार्तालापों को सम्मिलित नहीं करने के लिए कोई भी कारण नहीं है।
4. प्रवृत्ति
पात्रों को वास्तविक प्रतीत कराने के लिए एक सबसे बढ़िया उपाय है अपनी कहानी के पृष्ठों में उनकी प्रवृत्तियों को दर्शाना। जब ओजपूर्ण नारी पात्रों की बात आती है, उनकी शक्ति उनकी प्रवृत्ति के द्वारा दर्शाई जा सकती है। उदाहरण के लिए, सोचिए कि किसी विशेष परिस्थिति में कोई पुरुष पात्र कैसे प्रतिक्रिया करेगा, और तब, पात्र का लिंग परिवर्तित कर दीजिए। सिद्धांत के रूप में, उन्हें उसी प्रकार की प्रतिक्रिया देनी चाहिए, तथापि, आपको सचेत रहना चाहिए, क्योंकि उनकी आंतरिक वार्ता अलग होगी। यह इस तथ्य से आता है कि आप किसी पुरुष पात्र की रचना करते हुए, और तब केवल उसका लिंग नहीं बदल सकते। स्त्रियाँ, और लड़कियाँ पुरुषों से अलग प्रकार से सोचती हैं, यह सत्य है, परतु यह भी सत्य है, कि कोई भी दो पुरुष पात्र एक ही सोच नहीं सोचेंगे।
5. नेतृत्व
नेतृत्व की भूमिका केवल पुरुषों के लिए ही नहीं हैं। यह सब-कुछ इससे आता है कि किस प्रकार के चरित्र की आपने रचना की है। कोई शक्तिशाली पात्र करिश्माई होगा, और अन्य लोगों को अपनी बात सुनाने के लिए आकर्षित करेगा, और बहुधा अनुसरण करने के बदले नेतृत्व करेगा, क्योंकि अक्सर, स्त्रियों को किसी पुरुष के नेतृत्व का अनुसरण करते हुए चित्रित किया जाता है। तथापि, किसी शक्तिसंपन्न नारी चरित्र को एक नेता होना चाहिए ठीक वैसै ही जैसे कोई पुरुष पात्र होगा, विशेषतः यदि वह आपकी कहानी की अग्रणी है। यदि वह नेता नहीं है, तब उसे केवल किसी अन्य व्यक्ति के नेतृत्व का अनुसरण नहीं करना चाहिए, परंतु नेता की लक्ष्य-प्राप्ति में सहायता करने के लिए उसके पक्ष में होना चाहिए।
Image credit: Nathan O’Nions on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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