साहित्यिक कल्पना को परिभाषित करना कठिन है, क्योंकि कई लेखक, प्रकाशित लेखक, संपादक और अभिकर्ता इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषाएं रखते हैं। और यदि उपन्यास का कोई प्रकार परिभाषित किए जाने के लिए कठिन है, तब इसे लिखना कठिनतर हो जाता है, क्योंकि आप कैसे सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप जिसे लिख रहे हैं उसका विधा से मेल बैठेगा? परंतु, साहित्यिक कल्पना को, जहाँ अनुचित रूप से सनकी (और उबाऊ भी) के रूप में परिभाषित तथा वर्णन किया जाता है, वही अलमारियों में श्रेष्ट पुस्तकें रखता है। निम्नलिखित, आपको वह चीजें मिलेंगी जिनके रूप में साहित्यक कल्पना को श्रेणीबद्ध करना आवश्यक है, जब वह पुस्तकों की दुकानों में आ जाती है।
1. कथानक
कई लेखक सोचते हैं कि साहित्यिक कल्पना लिखना, किसी ऐसी कहानी को लिखना है जिसका कोई भी कथानक नहीं है। यह एक अत्यंत सर्वनिष्ठ मिथ्या-धारणा है। साहित्यिक कल्पना को भी एक कथानक की आवश्यकता होती है जैसे किसी विधा के उपन्यास को होती है। किसी विधा-कल्पना और साहित्यिक कल्पना में एकमात्र अंतर है कि विधा-कल्पना में कथानक आसानी से बोधगम्य होता है, वहीं साहित्यिक कल्पना का कथानक अधिकांश बहुधा अधिक गूढ़ होता है। साहित्यिक कल्पना का कथानक अपेक्षाकृत मंद गति से चल सकता है, यह अग्रणी के मन में या उसकी भावनाओं में हो सकता है। इस स्थिति में, इसका समाधान, उत्कर्ष तथा अंत प्रतिकर्ष संबंधी हो सकता है, विशेषतः, यदि अंत, किसी विशिष्ट घटना के बदले, अग्रणी की भावनाओं तथा विचारों पर केंद्रण करता है।
2. गहन चरित्र-चित्रण
चरित्र-चित्रण विधा तथा साहित्यिक कल्पना, दोनों में आवश्यक है। तथापि, विधा साहित्यिक कहानियाँ कथानक, घटनाक्रम तथा रोमांच पर साहित्यिक कल्पना कहानियोँ की तुलना में बहुत अधिक ध्यान- केंद्रण करती हैं। यही कारण है कि साहित्यिक कल्पना उपन्यास की शक्ति उसके गहन चरित्र-चित्रण में रहती है, इसे उस लेखन शैली से अभिव्यक्त किया जाता है जिसे अधिकांश व्यक्ति उत्कृष्ट कहते हैं। साहित्यिक उपन्यास के अग्रणी तथा अन्य चरित्रों की अत्यधिक गहराई से खोज किए जाने की आवश्यकता होती है, चाहे वे सर्वगत कथानक में नगण्य भूमिकाओं में समर्थक पात्र ही क्यों न हों। .
3. विषय-वस्तुओं तथा अवधारणाओं की खोज
किसी साहित्यिक कल्पना में वह कथानक हो सकता है जो किसी विधा से मेल खाता हो: विज्ञान-कल्पना, रहस्य, चिंतनशील कल्पना या कोई भी अन्य विधा। तथापि, कल्पना साहित्य में, अक्सर कथानक किसी विशिष्ट विषय-वस्तु या अवधारणा के गिर्द घूमती है, और कथित अवधारणा की कई पहलुओं से गहराई के साथ खोज की जाती है, यह अग्रणी को कैसे प्रभावित करती है- से ले कर, यह अन्य पात्रों या यदि विषय-वस्तु सार्वभौमिक है तब दुनिया को भी कैसे प्रभावित करती है। यह अवधारणाओं की वह गहरी खोज है जो पाठक को यह अनुभव करते हुए छोड़ती है कि उन्होंने मानवता के संबंध में कुछ नया सीखा है, और मानव होने का अर्थ क्या है।
4. उपदेश-विहीन अभिमत
इसे कहे जाने की आवश्यकता नहीं है, यदि अधिकांश नहीं फिर भी आपके कुछ अभिमत आपके लेखन में परिलक्षित होंगे। तथापि, जहाँ विधा उपन्यास पात्रों के आत्म-चिंतन या अपने सामान्य आचरण पर या सामान्य रूप से दुनिया पर चिंतन के लिए सही स्थान नहीं हो सकते हैं, साहित्यिक उपन्यास इसी उपाय से फलते-फूलता है। आपके द्वारा स्मरण रखी जाने वाली चीज यह है कि उपन्यास लिखते हुए, कोई साहित्यिक उपन्यास लिखते हुए भी आपको कभी भी उपदेश नहीं देना चाहिए। यह तब भी कल्पना है, पलायन का एक साधन, और भाषा तथा लेखन शैली को इसे प्रतिबिंबित करना चाहिए। यदि आपका उपन्यास पढ़ने में पाठ्य-पुस्तक, या मार्गदर्शक के समान है, तब पाठक इसे नहीं पढ़ना चाहेंगे।
5. उत्कृष्ट भाषा
जैसा कि हमने पहले कहा है, किसी साहित्य कल्पना का एक कथानक होना चाहिए, जिसके गिर्द लेखक उन विषय-वस्तुओं एवं अवधारणाओं की खोज कर सकता है जो सार्वभौमिक हैं। इन मुख्य तत्वों का साथ एक उत्कृष्ट लेखन शैली के द्वारा दिया जाता है, जो काव्यात्मक तथा उत्कृष्ट होते हुए भी, पढ़ने में आसान है। इसे उपलब्ध करने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है दुर्वचनों तथा कर्मवाच्य से बचना, और अपने गद्य में संक्षिप्त तथा दीर्घ वाक्यों की एक विविधता का उपयोग करना।
Image credit: Graham F. Scott/This Magazine on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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