नव वयस्क, संक्षेप में न.व., एक विधा है जो अपेक्षाकृत नई है, परंतु अत्यंत लोकप्रिय है। इस विधा के उपन्यास सामान्यतः रोमांस कहानियाँ है जो 18-26 आयुवर्ग के पात्रों (नायकों और नायिकाओं) के साथ लिप्त हैं। इस आयुवर्ग के कारण, यह कहानियाँ युवा वयस्कों तथा वयस्कों के साथ बीस वर्ष से पच्चीस वर्ष के आयुवर्ग को आकर्षित करती हैं। नव वयस्क कहानी के कई मुख्य तत्व हैं। कथानक साधारणतः रोमांस तथा नायक-नायिका संबंधों के गिर्द घूमती है, अवस्थिति कॉलेज कैंपस है, और तब स्वयं पात्रों के भावनात्मक मुद्दे हैं, जो बहुधा गंभीर होते हैं तथा पात्रों और पाठकों, दोनों के लिए अभिघातज हैं। यही मुख्य तत्व बहुधा वह कारण होते हैं जिनके लिए नव वयस्क पुस्तकें पाठकों को बहुत पसंद आ जाती हैं या बिल्कुल नहीं आती – वे इस नव वयस्क पुस्तक से प्यार करते हैं या इससे घृणा करते हैं। इसी कारण, इसे सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी नव वयस्क पुस्तक ताजी तथा अद्वितीय हो तथा पाठकों के साथ सफल हो, हमने कुछ गुर एकत्रित किए हैं।
1. वास्तविक पात्र
इस विधा के पात्र अंत में अक्सर बिल्कुल अवास्तविक हो जाते हैं। उनके नामों का वर्णविन्यास विचित्र हो सकता है, या उनका उच्चारण करना असंभव है। इनके रूप भी अत्यंत अवास्तविक हैं; उदाहरण के लिए, नायक का शारीरिक गठन खिलाड़ियों का है, यद्यपि उसे कभी भी व्यायाम करते हुए नहीं दिखाया गया है। वे वित्तीय रूप से स्वच्छंद हैं, यद्यपि वे कॉलेज में हैं (जो तर्क के अनुसार, बहुत महंगा है)। नायिका को सबसे अच्छे ग्रेड मिलते हैं, यद्यपि वह अपना आधा समय पार्टी करते हुए और मित्रों के साथ अड्डे देने में बिताती है। यह अलंकार पहले से ही रूढ़ोक्ति बन रहे हैं या कुछ वर्षं में रूढ़ोक्तियाँ बन जाएँगे। इसलिए अपने पात्रों को लगभग एक ही आयु का रखें, परंतु उन्हें असली बनाएँ। उनके नाम, उनके रूप तथा उनके ग्रेडों के पीछे भी की तर्कपूर्ण कारण होना चाहिए।
2. अवस्थापन से पहले पात्र
जैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है, न.व. पुस्तकों की अवस्थिति कॉलेज है, और जहाँ कुछ पुस्तकों के लिए यह आवश्यक है, अक्सर यह केवल होने के लिए एक जगह है। जितनी वास्तविकता से संभव हो सके – पहले अपने पात्रों की सृष्टि करें, और तब उन्हें वहाँ ले जाएँ जहाँ उन्हें होने की आवश्यकता है। हो सकता है कि वे कॉलेज जाते हैं, परंतु अकेले रहते हैं। और यदि वह ऐसा करते हैं, तब सुनिश्चित कीजिए कि वह कक्षाओं में उपस्थित होते हैं, उनकी परीक्षाएँ होती हैं, तथा वास्तविक उपाय से वे इसका व्यय वहन कर सकते हैं।
3. भावनात्मक संपर्क
नव वयस्क कहानियोँ में एक अन्य रूढ़ोक्ति है नायक एवं नायिका के बीच भावनात्मक लगाव का अभाव – बहुधा वे इस तथ्य पर संपर्क करते हैं कि नायक, एक व्यभिचारी मनमोहक है, नायिका को मोहित करने में अक्षम है, जिसके पास उसकी मुस्कुराहटों और उसके मीठे शब्दों के लिए केवल तिरस्कार है। और जहाँ यह तब मनोरंजक है – यदि यह एक बार होता है, अब यह नव वयस्क उपन्यासों में एक सर्वनिष्ठ परिस्थिति हो गई है। अपने पात्रों में किसी चीज को ले कर लगाव पैदा होने दीजिए जो उन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, और उन्हें उस उपाय से संयोजित होने दीजिए जो वास्तविक है। यह लगाव उनके स्वभावों से उत्पन्न हुआ है, और इसे केवल इसलिए नहीं होना चाहिए क्योंकि लेखक ने इसे चाहा था।
4. समस्याएँ और मुद्दे
मुद्दों, समस्याओँ, या अभिघातज घटनाओं को संबोधित करने वाले प्रचुर यु.व. उपन्यास हैं। वही चीज न.व. में तथा वयस्क साहित्य में भी घटित होती है। इन मुद्दों के साथ निपटना पात्रों की यात्रा का एक अंश है, जो कथानक में गुँथा हुआ है। तथापि, पात्रों की मानसिकता भिन्न है – यु.व. में यह उत्तरजीविता के संबंध में और आगे बढ़ जाने के लिए सीखने के संबंध में है, परंतु न.व. में, पात्र उन समस्याओं से जूझने के लिए तैयार हैं, तथा केवल आगे बढ़ जाने के लिए ही नहीं आपितु फिर से जीना सीखने के लिए भी तैयार हैं।
5. विभिन्न विधाओं में विस्तार कीजिए
साधारणतः, जहाँ नव वयस्क उपन्यास रोमांस उपन्यास हैं, विभिन्न विधाओँ में विस्तृत होने से भय नहीं कीजिए। उदाहरण के लिए, अतीत के किसी युग में अवस्थित प्रचुर नव वयस्क रोमांस हैं। उन्हें नव वयस्क उपन्यासों के रूप में किसके द्वारा परिभाषित किया जाता है, कॉलेज अवस्थिति के अभाव होने के बावजूद, यह पात्रों की परिपक्वता है, बाह्य और आंतरिक समस्याएँ हैं जिनके साथ उन्हें निपटना पड़ता है। इसलिए, आप यदि कोई आतंकराज संबंधी पुस्तक लिखना चाहते हैं जिसमें वह पात्र हैं जो अपनी विलंबित किशोरावस्था में हैं या पच्चीस वर्ष की आयु से कम हैं, तब इसे लिख डालिए, क्योंकि बाजार पहले से ही बन चुका है, और नव वयस्क कल्पना-साहित्य लिखते हुए अलौकिक मोड़ के साथ, विज्ञान कल्पना-साहित्य, या सुदूर भविष्य में अवस्थित, इत्यादि विधाओं में विस्तृत होने के लिए प्रचुर रिक्त-स्थान है।
Image credit: Pedro Ribeiro Simões on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/12/photo.jpg[/author_image] [author_info]Georgina Roy wants to live in a world filled with magic.
As an art student, she’s moonlighting as a writer and is content to fill notebooks and sketchbooks with magical creatures and amazing new worlds. When she is not at school, or scribbling away in a notebook, you can usually find her curled up, reading a good urban fantasy novel, or writing on her laptop, trying to create her own.
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