ब्लौगिंग लेखकों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है, चाहे यह उनकी लेखल कुशलताओं में सुधार लाने के लिए हो, या अपने पाठकों के साथ जुड़ने के लिए हो, या उनकी पुस्तकों का विपणन करने के लिए हो। अधिकांश सफल लेखक केवल नियमित रूप से ब्लौग करते हुए अपने विचारों का साझा ही नहीं करते, परंतु अन्य ब्लौगों को यह जानने के लिए नियमित रूप से पढ़ते भी हैं कि उनके गिर्द क्या चल रहा है। भारत के … [Read more...] about लेखकों के लिए ब्लौग अड्डा के साथ जुड़ना क्यों जरूरी है
5 सर्वनिष्ठ लेखन मिथक
लेखन मिथक लेखन के संबंध में तथाकथित सार्वलौकिक सत्य हैं, जिनका अनुसरण “प्रत्येक लेखक को जानना चाहिए” शब्दों से किया जाता है। यदि उनके संबंध में कुछ भी सार्वलौकिक है, तो वह है क्षति जो आपकी रचनात्मक प्रक्रिया और आपके उस संकल्प पर की जाती है जो आपके विचारों को अपने आगे कोरे पृष्ठ पर रखते हैं। इनमें से कई निरुत्साहित करने वाले और अत्यंत घातक हो सकते हैं – इस अर्थ में कि वह आपको … [Read more...] about 5 सर्वनिष्ठ लेखन मिथक
अप्रतिरोध्य लेखक परिचय लिखने के लिए 5 गुर
आपका परिचय आपके पाठकों को मिलने वाली आपकी पहली झलक है, चाहे वे इसे आपकी पुस्तक पढ़ने से पहले पढ़ें या बाद में। परिणाम वही होता है – आप केवल एक लेखक नहीं बल्कि जो आप हैं उस व्यक्ति के रूप में आपके पाठकों को मिलने वाली पहली छाप है। आप अब केवल एक नाम और कुलनाम नहीं रह जाते, बल्कि कोई ऐसा बन जानते हैं जिनके साथ वे एक प्रकार से परिचित हैं, क्योंकि उन्होंने आपके द्वारा लिखी गई कहानी, … [Read more...] about अप्रतिरोध्य लेखक परिचय लिखने के लिए 5 गुर
रामचंद्र गुहा से लेखन के लिए 5 सीखें
रामचंद्र गुहा बंगलोर, भारत में आधारित एक महान विद्वान लेखक हैं। उनका जन्म 29 अप्रैल 1958 को देहरादून में हुआ था। उन्होंने स्कूल की शिक्षा दून स्कूल से ली थी, जहाँ वे दून स्कूल वीकली के संपादक थे। आगे चल कर वे सेंट स्टीफन्स से अर्थशास्त्र में स्नातक हुए, डेल्ही स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातकोत्तर हुए और तब उन्होंने आइआइएम-सी से एक फेलोशिप कार्यक्रम किया था जो पीएचडी के समकक्ष … [Read more...] about रामचंद्र गुहा से लेखन के लिए 5 सीखें
लेखक के रूप में अपने अहंकार पर नियंत्रण कैसे करें
लिखना एक कला है; लेखक एक कलाकार है। सभी लेखकों को एकाकी होने की, या कम से कम अपना काम करते समय अकेला रहने की प्रवृत्ति होती है। इसके दो हितलाभ हैं। एक, यह उन्हें अपने सामने के काम में एकाग्रचित्त होने में सहायता करता है। दो, एक विकर्षण-मुक्त परिवेश सृजनात्मक अवधारणाओं को जन्म देता है। लेखक और उनके काम करने की शैली भिन्न नहीं हैं। किसी लेखक को नानारूप विषयों पर काम करना पड़ता … [Read more...] about लेखक के रूप में अपने अहंकार पर नियंत्रण कैसे करें