किसी छोटे-स्वयं प्रकाशन व्यापार को चलाने के संबंध में कई महान चीजें हैं। आप जिसे पसंद करते हैं, वह करते हैं। आप पुस्तकें एवं ई-पुस्तकें लिखते हैं और दुनिया के सामने अपनी कृतियों को रखते हैं। तथापि, कुछ ऐसी चीजें हैं जो स्वयं-प्रकाशन व्यापार को चलाना नहीं है। इन्हें ध्यान में रखना उपयोगी है, जिससे आप स्वयं प्रकाशन के व्यापार में सही कारणों के लिए प्रवेश करें और वह अपेक्षाएँ नहीं रखें जो प्रकट नहीं हो सकतीं। ऐसी पाँच चीजों को जानने के लिए आगे पढ़िए।
1. धनवान बनने के लिए कोई योजना
पुस्तकों और ई-पुस्तकों का स्वयं-प्रकाशन तुरंत धनवान बन जाने के लिए कोई अन्य योजना नहीं है। यह एक गंभीर उत्तरदायित्व है (यद्यपि आपको इस प्रक्रिया में आनंद लेना चाहिए) जो व्यापक रूप से संतोषप्रद और प्रतिफलदायक है। बहुत पैसे बनाने में लंबी समयावधि लगेगी, औसतन, न्यूनतम 18-24 महीने, और इसमें आरंभ से अंत तक वाणिज्यिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। यदि आप किसी ऐसे सन्निकर्ष की खोज कर रहे हैं जहाँ आप तेजी से धनवान बन जाएँ, तब वास्तविकता यह है कि ऐसे किसी भी सन्निकर्ष का अस्तित्व ही नहीं है। और पुस्तकों तथा ई-पुस्तकों का स्वयं-प्रकाशन निश्चित रूप से इन कपोल-कल्पित पद्धतियों में से एक नहीं है।
2. कोई चीज जिसे आप बिना योजना बनाए कर सकें
कुछ व्यक्ति इन पर शपथ लेते हैं। दूसरे इन्हें सहन नहीं कर सकते हैं। तथापि, कोई एकल पुस्तक लिखने और प्रकाशित करने, या दीर्घतर मापदंड पर किसी स्वयं–प्रकाशन से संलिप्त व्यापार को चलाने, दोनों में, योजना-निर्माण का एक उद्देश्य होता है। दोनों दृष्टांतों में, कोई योजना आपको यह समझने में सहायता करेगी कि आपको किन सक्रियताओं को करने की आवश्यकता है, आप इन नियत कार्यों को कैसे करेंगे और अपेक्षित परिणाम क्या होंगे। यह आपको विभिन्न विकल्पों की योजना बनाने में भी सहायता करेगी, कि यदि आपका स्वयं-प्रकाशन अभियान आरंभिक योजना के अनुरूप नहीं चले तब आप इन्हें उपयोग में ला सकते हैं। इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि किसी न किसी प्रकार की योजना होनी ही चाहिए।
3. कोई चीज जिसे आप सोशल मीडिया के बिना कर सकें
यदि आप परंपरागत रूप से प्रकाशित लेखक हैं, तब प्रचार-प्रासार एक ऐसा क्षेत्र है जो सौदे के अंश के रूप में आता है। आपका प्रकाशक दुनिया के लिए आपकी पुस्तक के संबंध में संवाद का प्रसार करने में अपने मीडिया साधनों का उपोग करेगा। तथापि, स्वयं-प्रकाशन का अर्थ है अपनी पुस्तक का प्रचार-प्रसार या विज्ञापन करने में सीमित आस्तियों और धन का उपयोग करना – इसे करने के लिए सोशल मीडिया अपरिहार्य है।
फेसबुक, ट्विटर और लिंकेडिन के समान नेटवर्क्स पर विशाल लक्ष्य अनुयायियों की सृष्टि करते हुए, और अपने ऑनलाइन मित्रों को यही करने में सहायता करते हुए स्वयं अपने समुदायों की निर्माण करते हुए; आप अपनी पुस्तकों तथा ई-पुस्तकों के संभावित ग्राहकों तक पहुँचने के लिए चैनल्स की सृष्टि कर रहे हैं।
4. अपने जीवन की अन्य समस्याओं की अनदेखी करने के लिए एक उपाय
किसी भी प्रकार के व्यापार का उपयोग अपने जीवन की समस्याओं की अनदेखी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए; विशेषतः व्यक्तिगत समस्याओं की। स्वयं-प्रकाशन व्यापार के लिए भी यही सत्य है। अपने-आप को तालाबंद रखना, लिखना, आपके जीवन में चल रही समस्याओं को भगा नहीं देंगे। पहले अपनी समस्याओं के साथ निपटिए। इस तरह आप लिख सकते हैं, स्वयं-प्रकाशित हो सकते हैं और अपने व्यापार पर ध्यान-केंद्रित कर सकते हैं, और अपना पैड या लैपटॉप रखते ही, आपको व्यापार से गैर-संबंधित समस्याओं का सामना करने के लिए चिंता नहीं रहेगी।
5. कोई चीज जिसे बिना विक्रय किए आप कर सकें
हाँ, मैं जानता हूँ कि आप एक लेखक हैं, और कहानियाँ लिखने वाले किसी व्यक्ति की शब्दावली में ‘वि’ शब्द आसानी से नहीं समाता। तथापि, किसी सफल स्वयं-प्रकाशन व्यापार को चलाना किसी भी अन्य व्यापार के समान है, और कुछ ऐसा नहीं है जिसे कुछ आधारभूत विक्रय कुशलताएँ सीखे बिना आप करने में सक्षम हो जाएँगे। इंटरनेट पर प्रचुर मात्रा में निबंध हैं जो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन, दोनों पर विक्रय-कला का प्रदर्शन करते हैं।
इस विषय पर कुछ पुस्तकें लें और कुछ अधिक गहराई तक जाएँ। आप जिन्हें पढ़ेंगे वह सभी विक्रय अवधारणाएँ प्रयोज्य नहीं होंगी, परंतु कई होंगी। आप जो पढ़ते हैं उसका प्रयोग कीजिए जिससे आप अपनी पुस्तक या ई-पुस्तक के विक्रय की संख्या को अधिकतम कर सकें और यह आपके पूर्वानुमानित विक्रय सफल करने में सहायता करे, चाहे यह आपके वेबसाइट पर विजिट करने वालों की संख्या में वृद्धि करते हुए हो, या किसी पुस्तक व्यापार प्रदर्शनी में वितरकों या ऑनलाइन पुस्तकों के खुदरा विक्रेताओँ के समीप-गमन से हो।
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