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अपनी पुस्तक का आवरण डिजाइन बदलना आपके लिए क्यों आवश्यक है

By Hiten Vyas

अपनी पुस्तक का आवरण डिजाइन बदलना आपके लिए क्यों आवश्यक है

यद्यपि कई लोग उस कहावत से सहमत हैं कि आवरण के आधार पर किसी पुस्तक का मूल्यांकन कभी भी नहीं किया जाना चाहिए, परंतु जब पुस्तक के प्रकाशन और वितरण की बात आती है, तब आवरण भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंश है क्योंकि अधिकतर, यही निर्णय करता है कि कोई संभव पाठक अलमारी में पास की पुस्तक के बदले आपकी पुस्तक की जाँच करने की जहमत उठाएगा भी या नहीं। यदयपि आपकी पुस्तक का कोई काम में आने लायक आवरण डिजाइन है और आप उससे संतुष्ट हैं, फिर भी कुछ अच्छे कारण हैं जिनसे अपनी पुस्तक का आवरण डिजाइन बदलना आपके लिए आवश्यक है….जैसे:

पिछला आवरण मूलग्रंथ की दीवार से भरा है

पिछले आवरण पृष्ठ पर वह सब कुछ कह देना अत्यंत लोभनीय लग सकता है जिसकी पाठक उस पुस्तक से अपेक्षा करते हैं, परंतु मूलग्रंथ पर आवश्यकता से अधिक नहीं कहिए। यदि आप पिछले आवरण पर बहुत अधिक मूलग्रंथ रख देते हैं, तब डिजाइन अव्यवस्थित तथा अनाकर्षक लग सकता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके अभीष्ट से विपरीत होने वाला है: यह पाठकों को उबा देगा। बेहतर उपाय है बुलेट बिंदु और स्पष्ट, प्रासंगिक कथन। इस सन्निकर्ष से सरसरी दृष्टि से सूचना बटोरना आसान होता है (जिसका अर्थ है कि आप उन संभव पाठकों को भी आकर्षित कर सकते हैं जो पुस्तक का आवरण पृष्ठ पढ़ना नहीं चाहते थे, परंतु अंत में एक एक-दो वाक्य सहेज लेते हैं)।

स्पाइन की अनदेखी की गई है

यदि यह पुस्तक किसी श्रृंखला का अंश नहीं है जिसमें एकरूप स्पाइन डिजाइन आवश्यक है (जिससे अलमारी में एक-साथ सजा कर रखने पर यह अच्छी दिखे), आपके लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि स्पाइन शेष आवरण के साथ सुसंगत है। इसके अतिरिक्त व्यापार/प्रकाशक लोगो, शीर्षक और लेखक के नाम जैसी आवश्यक सूचनाएँ देना नहीं भूलें।

सामने के आवरण पर टैगलाइन या एक-पंक्ति-समीक्षा का अभाव

जब-तक आप कोई विश्व-प्रसिद्ध लेखक नहीं हैं जिसके नाम और पहचान पर पुस्तकें बिक सकती हैं, आपके पुस्तक आवरण में एक टैगलाइन या एक-पंक्ति-समीक्षा सम्मिलित की जानी चाहिए जो पाठकों से कहे कि पुस्तक किसके बारे में है। यह पुस्तक को अलग से दिखाने में सहायता करेगा और पाठकों के लिए यह निर्णय करना सरल कर देगा कि इसके अंदर क्या है उसे देखना उनके लिए आवश्यक है या नहीं। 

छवि उच्च गुणवत्ता की नहीं है

स्वयं-प्रकाशन के आज के दिन और काल में, स्वयं-प्रकाशित लेखकों के लिए अपने आवरणों पर कुछ खराब गुणवत्ता की औसत छवियाँ चला देना आसान हो गया है। इसे स्मरण रखिए कि आपके स्क्रीन  की छवियाँ छपने के बाद अनिवार्यतः वैसी ही नहीं दिखेंगी, और ऐसे मामले हुए हैं जहाँ कंप्यूटर मॉनिटर पर सुंदर लगने वाली छवियाँ छपाई में विकृत और बेरंग हो गई हैं। यदि आप इस क्षेत्र में अधिक अनुभवी नहीं हैं, तब प्रूफ के लिए कुछ प्रतियाँ छापने के लिए किसी ग्राफिक कलाकार या अपने प्रिंटर के साथ काम करना सबसे अच्छा है।

उस कलाकृति या छवि का उपयोग करने के लिए आपके पास अधिकार नहीं है

स्वयं प्रकाशन उद्योग के विस्तार के साथ यह एक बार फिर, यह एक मुद्दा बन गया है, जिसके लिए इंटरनेट दोषी है। कई स्वयं-प्रकाशित लेखक उन स्टॉक छवियों का उपयोग करने के लिए प्रवृत्त होते हैं जिनका उपयोग करने के लिए उनके पास वैधानिक अधिकार नहीं है, इसलिए नहीं कि वे किसी के प्रतिलिप्याधिकार का अतिक्रमण करते हैं, बल्कि इसलिए कि वे बौद्धिक संपदा कानूनों की जटिलताओं को अच्छी तरह समझते नहीं हैं। यह सोचने कि गलती नहीं कीजिए कि केवल इसलिए कि आपने छवि में कुछ बदलाव कर दिया है या फोटोग्राफर को श्रेय दे दिया है, आप कानूनी रूप से सुरक्षित हो गए हैं। आधारभूत प्रतिलिप्याधिकार कानून को एक बार दुहरा लीजिए या यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि किसी विशेष छवि का उपयोग करने के लिए आपके पास अधिकार है या नहीं, किसी IP वकील से परामर्श ले लीजिए। 

Image credit: wetwebwork on flickr and reproduced under Creative Commons 2.0[author] [author_image timthumb=’on’]https://writingtipsoasis.com/wp-content/uploads/2014/01/hv1.jpg[/author_image] [author_info]Hiten Vyas is the Founder and Managing Editor of eBooks India. He is also a prolific eBook writer with over 25 titles to his name.[/author_info] [/author]

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